- June 18, 2024
जल संकट : वाटर हीरो, जल प्रहरी व जल रक्षक सम्मानों से अलंकृत जल स्टार रमेश गोयल (सिरसा)
देश की राजधानी दिल्ली में गहराते जल संकट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार जल शक्ति मन्त्रालय से वाटर हीरो, जल प्रहरी व जल रक्षक सम्मानों से अलंकृत जल स्टार रमेश गोयल (सिरसा) ने कहा है कि देश के डे जीरो 21 शहरों की सूचि में दिल्ली के सम्मिलित होने के बावजूद दिल्ली की वर्तमान सरकार ने लोगों को मुफ्त पानी देने की घोषणा की जिसके कारण पानी की बर्बादी बढ़ी। श्री गोयल ने बताया कि मुफ्त पानी देने की घोषणा के समय भी उन्हांेंने अपनी आपत्ति सरकार को भेजी थी तथा समाचार पत्रों के माध्यम से जाहिर की थी। डे जीरो यानि शीघ्र किसी दिन शून्य हो जाना। प्रदूषण बढ़ने व अन्धाधुन्ध वृक्षों के कटान के कारण तापमान निरन्तर बढ़ रहा है जिसके कारण जलवायु परिवर्तन हो रहा है। प्रभाव स्वरूप या तो अति वर्षा होती है जो बाढ़ का रूप धारण करके विनाश करती है या कम वर्षा होती है जिससे नदियों में पानी कम होता है और भूजल दोहन बढ़ता है। दिल्ली सहित पूरे देश के दो तिहाई से अधिक जल ब्लाक डार्क जोन में जा चुके हैं। 2015 में लातुर, 2020 में चेन्नई व मार्च 2024 में बंगलौर की भयानक स्थिति के बावजूद मुफ्त पानी देकर दिल्ली सरकार स्वयं पानी की कमी को बढ़ावा दे रही है। एक तरफ तो दिल्ली सरकार हरियाणा पर पानी न देने का आरोप लगाती है और दूसरी तरफ मुफ्त में पानी बांटकर बर्बाद करती है।
उन्हांेंने बताया कि दिल्ली जल बोर्ड अनुसार नवम्बर 22 में 1150 लाख गैलन पानी प्रतिदिन मांग थी जबकि सप्लाई 935 लाख गैलन जिसमें 86 लाख गैलन भूजल सम्मिलित है। दिल्ली के अधिकतम हिस्सों में अति भूजल दोहन हो चुका है। केन्द्रीय भूजल मंडल की 7 फरवरी 2023 की रिर्पोट अनुसार दिल्ली की 34 में से केवल 3 तहसील सुरक्षित थी जबकि वर्षाजल भूमिगत करने का प्रयास नगण्य है। इसी कारण अधिकांश जल ब्लाक डार्क जोन में हैं। समय समय पर हरियाणा हिमाचल से यमुना जल के लिए विवाद सामान्य बात है जबकि दिल्ली पहुंचकर यमुना, नदी की बजाय गंदे नाले का रूप धारण करती है क्योंकि करोड़ों लीटर-सीवरेज पानी (बिना साफ किए) और औद्योगिक कचरा व कैमिकलयुक्त पानी यमुना में मिलता है जिससे यमुना जल दुषित है। अनेक सामाजिक संगठन यमुना सफाई कर रहे परन्तु नकारखाने में तुती की आवाज तुल्य है। उन्होंने बताया कि 1976-77 में 210931 मीटर वाले कनैक्शन व 28173 बिना मीटर वाले कनैक्शन थे जो 2002-03 में बढ़कर क्रमशः 1128000 व 330000 हो गए और वर्तमान में उनकी संख्या में अथाह बढोतरी हुई है। अनाधिकृत कलोनियों में भी सरकार पानी सप्लाई कर रही है जबकि उनसे गृहकर या अन्य कोई प्राप्ति नहीं होती है। बढ़ती आबादी व मुफ्त में दिया जा रहा पानी खपत को बहुत बढ़ा रहा है जो भविष्य की स्थिति और अधिक भयावह बनाने में सहायक होगी। उन्होंने दिल्ली सरकार दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर मुफ्त में पानी बांटने पर अविलम्ब पाबन्दी लगाने की मांग की हैं
उल्लेखनीय है कि भारत विकास परिषद् के पूर्व राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण एवं पर्यावरण प्रेरणा के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष निरन्तर जल सम्बन्धी कमी व बचत के उपायों को समर्पित जल स्टार रमेश गोयल, आयकर व्यवसायी होते हुए भी गत 16 वर्षों से जन जागरण में लगे हुए हैं और मिशन भाव से कार्यरत हैं। उनके द्वारा रचित ‘‘जल चालीसा‘‘ की 75 हजार प्रतियां प्रकाषित व निषुल्क वितरित की जा चुकी हैं और अंग्रेजी, फ्रेंच व नेपाली विदेषी भाशाओं सहित 36 भाशाओं में अनुवाद हो चुका है तथा पुस्तक रुप में प्रकाषित है।
पर्यावरणविद व जल स्टार रमेश गोयलa एडवोकेट Environmentalist & Jal Star Ramesh Goyal Advocate
जल स्टार, जल योद्धा, जल रक्षक सम्मानित Honord with Jal Star, Jal Yodha Jal Rakshak
राष्ट्रीय मन्त्री पर्यावरण (2015-16/2018-19) National Secretary Environment (2015-16/2018-19)
भारत विकास परिषद् (1700 शाखाएं) Bharat Vikas Parishad (1700 branches)
संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पर्यावरण प्रेरणा, Founder& National President, Paryavaran Prerana
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