• February 14, 2021

जल जीवन मिशन सहित सभी पेयजल परियोजनाओं में पारदर्शिता के साथ टिकाऊ काम सुनिश्चित करे -जलदाय मंत्री

जल जीवन मिशन सहित सभी पेयजल परियोजनाओं में पारदर्शिता के साथ टिकाऊ काम सुनिश्चित करे -जलदाय मंत्री

जयपुर———— जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा है कि प्रदेश में पेयजल परियोजना के कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा। विभागीय अधिकारी जल जीवन मिशन सहित सभी प्रोजक्ट्स में पारदर्शिता के साथ समयबद्ध रूप से टिकाऊ कार्य करते हुए जनता को बेहतरीन सेवाएं सुलभ कराना सुनिश्चित करे।

डॉ. कल्ला ने रविवार को शासन सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के तहत राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज मैनेजमेंट बोर्ड (आरडब्ल्यूएसएसएमबी) की नीति निर्धारण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक करीब तीन सालों के अंतराल के बाद आयोजित हुई। जलदाय मंत्री ने अधिकारियों को आगे से यह बैठक हर तीन माह में आयोजित करने और विभाग के तहत क्लोरिनेशन की सुस्पष्ट नीति बनाने के भी निर्देश दिए।

फुलप्रूफ योजनाए बने

जलदाय मंत्री ने कहा कि विभाग के तहत योजनाएं ‘फुलप्रूफ‘ बने, इसके लिए अधिकारी पूरी प्रक्रिया के दौरान सर्तकता और सजगता से कार्य करे। योजनाओं के निर्माण में पानी उपलब्धता का पूरा ध्यान रखा जाएं, साथ ही सभी प्रोजेक्ट्स में जल संसाधन विभाग से पानी की जितनी मात्रा लिया जाना तय हुआ है, उसके आधार पर अधिकारी ‘फालोअप‘ करते हुए लोगों को पूरा लाभ दिलाने के लिए समन्वय से कार्य करे। उन्होंने प्रोजेक्ट्स की डीपीआर समय पर बनाने, उनके अनुमोदन से लेकर टेंडर प्रक्रिया और मौके पर कार्य के बारे में समयावधि का निर्धारण करते हुए ‘टाइमलाइन‘ की पालना के लिए सभी स्तरों पर पूरी गम्भीरता बरतने के भी निर्देश दिए।

गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं

डॉ. कल्ला ने कहा कि पेयजल परियोजनाओं के कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाए। गुणवत्ता और समयबद्धता को सुनिश्चित करने के लिए कनिष्ठ अभियंताओं से लेकर मुख्य अभियंता स्तर तक के अधिकारी प्रोजेक्ट्स की सतत मॉनिटरिंग करे और फील्ड का नियमित दौरा करते हुए प्रगति का जायजा लें। उन्होंने बैठक के दौरान आगामी मार्च माह में इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान सम्बंधित जिलों में पेयजल की सुचारू व्यवस्था के लिए जलदाय विभाग एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के भी निर्देश दिए।

आगामी बैठकों में ‘एजेंडा‘ पेपरलैस फॉर्म में होगा

बैठक में जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने बताया कि विभाग में आगे से होने वाली पीपीसी, राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति और वित्त समिति के बैठकों में एजेंडा ‘पेपरलैस‘ फार्म में रहेगा। इसके लिए सभी सम्बंधित अधिकारियों को ‘टैबलेट‘ उपलब्ध कराए जा रहे हैं। श्री पंत ने अधिकारियों को अपनी कार्यशैली में और निखार लाते हुए ‘जल जीवन मिशन‘ जैसी महत्वांकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ जुट जाने के निर्देश देते हुए कहा कि वे प्रदेश में चल रहे प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करने के लिए सख्त मॉनिटरिंग करे।

इन प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी

बैठक में नागौर में इंदिरा गांधी नहर परियोजना के तहत पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट स्कीम के 1 से 5 तक के पम्पिंग स्टेशनों पर पम्प, पैनल और अन्य उपकरणों के एसआईटीसी (सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग एवं कमिशनिंग) सम्बंधी कार्यों के लिए 17.52 करोड़ रुपये की राशि जल संसाधन विभाग को हस्तांतरित करने को मंजूरी प्रदान की गई। इससे पेयजल के लिए पानी की उपलब्धता में गुणात्मक सुधार आएगा।

इसी प्रकार वृहद पेयजल परियोजनाओं के तहत सिरोही के माऊंट आबू में सालगांव पर बांध बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति (लागत-250.77 लाख रुपये), नर्मदा कैनाल से पेयजल के उपयोग के लिए में संशोधित शेयर (लागत-286.71 करोड़ रुपये) के प्रस्ताव एवं अन्य परियोजनाओं का अनुमोदन किया गया। साथ ही पाली की सोजत तहसील में जल जीवन मिशन के तहत 34 गांवों और 10 ग्राम पंचायतों की पेयजल आपूर्ति योजना (लागत-146.85 करोड़ रुपये) की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीति जारी करने के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया।

इसके अतिरिक्त भीलवाड़ा जिले में चम्बल-भीलवाड़ा पेयजल आपूर्ति परियोजना फेज-द्वितीय के तहत 1701 गांवो और 8 कस्बों में कलस्टर वितरण सिस्टम की संशोधित प्रशासनिक स्वीकृति (लागत-2443.73 करोड़ रुपये) तथा झालावाड़ में गागरिन पेयजल परियोजना की संशोधित स्वीकृति (581.99 करोड़ रुपये) के प्रस्तावों का भी अनुमोदन किया गया। इसके अलावा बैठक में पूर्व में प्रदेश के विभिन्न जिलों के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र से सम्बंधित फाइल पर जारी की जा चुकी 55 प्रोजेक्ट्स की स्वीकृतियों की पुष्टि की गई।

ये रहे मौजूद

मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) श्री सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री आरसी मिश्रा, मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर, मुख्य अभियंता (तकनीकी) एवं तकनीकी सदस्य श्री संदीप शर्मा, संयुक्त सचिव (वित्त) श्री ह््रदयेश कुमार जुनेजा, सचिव,आरडब्ल्यूएसएसएमबी श्री हुकमचंद वर्मा के अलावा वित्त, आयोजना और जल संसाधन विभागों के अधिकारियों के अलावा अन्य सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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