जलागम क्षेत्र तटीकरण योजना: शिमला में दो दिवसीय सम्मेलन

जलागम क्षेत्र तटीकरण योजना:  शिमला में दो दिवसीय सम्मेलन

शिमला-   हिमाचल प्रदेश में फोरेस्ट अकाउंट और इसकी संभावित नीति के लाभों की जानकारी सांझा करने तथा जलागम क्षेत्र तटीकरण योजना के विषय में विचारों को सांझा करने के लिए आज शिमला में दो दिवसीय सम्मेलन आरम्भ हुआ।

सम्मेलन की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन) श्री तरुण श्रीधर ने की। उन्होंने कहा कि फोरेस्ट अकाउंट एवं हरित विकास प्रदेश के लिए बेहद उपयोगी परियोजना है। प्रधान सचिव (वित्त) श्री श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि हरित विकास परियोजना व फारेस्ट अकाउंटिंग, जोकि मंडी जिले में आरंभिक स्तर पर शुरू की गयी है, को पूरे प्रदेश में आरम्भ करने की आवश्यकता है।

विश्व बैंक के पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धक श्री सेनिया लौस्की ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास के लिए हरित क्षेत्र की वृद्धि बेहद महत्वपूर्ण है। भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के अतिरिक्त महानिदेशक डा. एस. एस. नेगी, ने अकाउंटिंग प्रक्रियाओं में और अधिक गुणवत्ता लाने पर बल देते हुए कहा कि वन भूमि एवं वनाच्छादित क्षेत्र को अकाउंटिंग में शामिल किया जाना चाहिए ताकि वन सम्पदा व इससे सृजित आय का आकलन किया जा सके।

सम्मलेन में हिमाचल प्रदेश वन विभाग के आला अधिकारियों के अतिरिक्त विश्व बैंक, अन्य राज्यों उत्तराखंड, मेघालय, मध्य प्रदेश के वन अधिकारी व आई.आई.टी. मुंबई, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा आर्थिकी एवं सांख्यिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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