- December 18, 2022
‘जयचंद’ राहुल गांधी द्वारा भारतीय सैनिकों के मनोबल तोड़ने वाले आपत्तिजनक बयानके लिए माफी मांगनी चाहिए —राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया की प्रेसवार्ता के मुख्यबिन्दु
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय राजनीति के ‘जयचंद’ राहुल गांधी द्वारा भारतीय सैनिकों के मनोबल तोड़ने वाले आपत्तिजनक बयानके लिए माफी मांगनी चाहिए।
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“भारतीय सेना न कभी पिटी थी और ना कभी पिटेगी”, किन्तु राहुल गांधी भारतीय राजनीति का पिटा हुआ मोहरा जरुर साबित हो रहे हैं।
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भारतीय सेना परहर भारतीयों को गर्व है।जबसरहद पर भारतीय जवान अपनी शौर्य दिखा रहे हैंतब भारतीय राजनीति के ‘जयचंद’ राहुल गांधी सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश क्यों कर रहे हैं?
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अगर मल्लिकार्जुन खड़गे रिमोट कंट्रोल अध्यक्ष नहीं हैं, तो तुरंत राहुल गांधी को ऐसे बयान के लिए पार्टी से निष्कासित करें।
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देश में आज 1962 वाला नेतृत्व नहीं बल्कि मजबूत नेतृत्व है। भारत आज दुनिया को नेतृत्व दे रहा है। राहुल जैसे जयचंद को जान लेना चाहिए कि पिछले साढ़े 8 साल में न भारत की एक इंच भूमि किसी ने कब्जाई है और न यह संभव है। आज भारत अपनी बेहतरीन कूटनीति से दुनिया को दिशा दे रहा है।
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राहुल गांधी द्वारा सेना के मनोबल तोड़ने वाले बयान पर देश की जनता जानना चाहती है कि जब भारतीय सेना पराक्रम दिखाती है, तो राहुल गांधी की छाती 6 इंच की क्यों हो जाती है, जबकि देश के हर नागरिक की छाती 56 इंच की हो जाती है?
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देश की जनता यह भी जानना चाहती है कि राहुल गांधी को आखिर भारतीय सेना की जीत में दर्द क्यों होता है?
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क्या राहुल गांधी यह बात भूल गए हैं कि कांग्रेस शासन काल में चीन ने 1962-63 में 43,180 किलोमीटर स्क्वायर भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया था?
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कांग्रेस की मनमोहन सरकार के दौरान भारत के हित की अनदेखी कर सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से ‘पार्टी टू पार्टी’ समझौता किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से यह चिंता का विषय है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने आजतक इस समझौते को सार्वजनिक नहीं किया।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आज केन्द्रीय कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित किया और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा भारतीय सैनिकों के मनोबल तोड़ने वाले आपत्तिजनक बयान की भर्त्सना करते हुए कहा कि राहुल गांधी को अपने ओछे वक्तव्य के लिए माफी मांगनी चाहिए.
श्री भाटिया ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर मल्लिकार्जुन खड़गे रिमोट कंट्रोल अध्यक्ष नहीं हैं, तो तुरंत राहुल गांधी को ऐसे बयान के लिए पार्टी से निष्कासित करें.
राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यदि कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे द्वारा राहुल गांधी को कांग्रेस से निष्कासित नहीं किया जाता है, तो यही माना जाएगा कि राहुल गांधी का भारतीय सेना के विरोध में दिया गया वक्तव्य उनकी पार्टी की ही नीति और नियत को दर्शाता है।
राहुल गांधी का यह कहना कि अरूणाचाल में भारतीय सेना को चीन पिट रहा है, बेहद बचकाना और भारतीय सेना का मनोबल तोड़ने वाला है। भारतीय सेना का मनोबल बहुत बड़ा है भले ही उनकी संख्या कम हो। तवांग में 300 चीनी सैनिक थे लेकिन भारतीय सेना ने अपना शौर्य दिखाते हुए उन्हें बैकफूट पर आने को बाध्य किया।
भारतीय सेना परहर भारतीयों को गर्व है।जब सरहद पर भारतीय जवान अपनी शौर्य दिखा रहे हैं तब भारतीय राजनीति के ‘जयचंद’ राहुल गांधी सेना का मनोबल तोड़ने की कोशिश क्यों कर रहे हैं ?
देश में आज 1962 वाला नेतृत्व नहीं बल्कि मजबूत नेतृत्व है. भारत आज दुनिया को नेतृत्व दे रहा है. राहुल जैसे जयचंद को जान लेना चाहिए कि पिछले साढ़े 8 साल में न भारत की एक इंच भूमि किसी ने कब्जाई है और न यह संभव है. आज भारत अपनीबेहतरीन कूटनीति से दुनिया को दिशा दे रहा है।
यह वह भारत है जिसके पास दुनिय की सबसे वीर और मजबूत सेना है। देश में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सषक्त नेतृत्व है और 135 करोड़ भारतीयों की ताकत है।
ऐसा क्यों होता है कि जब सेना पराक्रम दिखाती है तो कांग्रेस उसका विरोध करने लगती है? सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट के समय भीयही किया गया.जब भारतीय सेना डोकलाम में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दे रही थी, तब कांग्रेस पार्टी के नेता चीनी टेंट के नीचे हक्का नूडल्स खा रहे थे।
राहुल गांधी द्वारा सेना के मनोबल तोड़ने वाले बयान पर देश की जनता जानना चाहती है कि जब भारतीय सेना पराक्रम दिखाती है, तो राहुल गांधी की छाती 6 इंच की क्यों हो जाती है, जबकि देश के हर नागरिक की छाती 56 इंच की हो जाती है?
राहुल जी को याद दिलाना होगा कि जब पाकिस्तान प्रायोजित उरी में आतंकी हमला हुआ था तो हमारे वीर सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करके अतांकियों का सफाया कर दिया था। तब राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने भारतीय सेना से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे। पुलवामा में पाकिस्तानी आतंकियों ने हमला किया तो हमारी सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक किया और आतंकियों को नेस्तनाबूद कर दिया। उस वक्त भी राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि बालाकोट में आतंकी नहीं मरे, बल्कि वहां पेड़ पर बैठे कौवे मरे हैं।
देश की जनता यह भी जानना चाहती है कि राहुल गांधी को आखिर भारतीय सेना की जीत में दर्द क्यों होता है?गलवान में चीनी सेना ने भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की थी, तब शहीद कर्नल बी संतोष बाबू और 19 जवानों ने अपनी शहादत देते हुए चीनी सैनिकों खदेड़ दिया था। तब भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि- सरेंडर मोदी। राहुल गांधी को मालूम होना चाहिए कि भारत के 135 करोड़ नागरिक, भारतीय वीर सेना और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कोई अलग-अलग नहीं, बल्कि ‘एक’हीहैं और वे कभी दुश्मन देश के समक्ष समर्पण नहीं करेंगे।
राहुल गांधी बार-बार इस तरह का वक्तव्य देकर अक्सर भारतीय सेना का मनोबल तोड़ने और भारतीय सेना को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं। राहुल गांधी ने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि गद्दारों ने भारत माता को चीरकर एक टुकड़ा चीन को दे दिया है। देश में जब तक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं, तब तक किसी भी दुश्मन देश की हिम्मत नहीं है कि एक इंच भूमि भी कब्जा कर सके।
क्या राहुल गांधी यह बात भूल गए हैं कि कांग्रेस शासन काल में चीन ने 1962-63 में 43,180 किलोमीटर स्क्वायर भारतीय भूमि पर कब्जा कर लिया था? 21 नवंबर 2007 को संसद में एक प्रश्न का जवाब देते हुए तत्कालीन रक्षा मंत्री ने कहाथा कि 1963 में 38 हजार स्क्वायर किलोमीटर की जमीन पर चीन ने कब्जा कर लिया था और उसके बाद 5,180 स्क्वायर किलोमीटर अतिरिक्त भूमि पर भी चीन का कब्जा हो गया। 1963 में चीन ने कुल मिलाकर 43,180 किलोमीटर स्क्वायर जमीन पर कब्जा कर लिया था।
सोनिया गांधी और राहुल गांधी द्वारा चीन के कम्यूनिस्ट पार्टी के साथ चीन में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली तस्वीर का हवाला देते हुए श्री गौरव भाटिया ने पूछा कि इस तस्वीर में देश से गद्दारी करते कौन दिख रहे हैं? कांग्रेस की मनमोहन सरकार के दौरान भारत के हित की अनदेखी कर सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी से ‘पार्टी टू पार्टी’ समझौता किया था। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से यह चिंता का विषय है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने आज तक इस समझौते को सार्वजनिक नहीं किया।
अगर इस समझौते का ब्यौरा सार्वजनिक नहीं होता है, तो समझा जायेगा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी देशके साथ गद्दारी कर रही है।
यह भी प्रतीत होता है कि इस समझौते के अनुसार ‘कांग्रेस पार्टी कभी चीन की निंदा नहीं करेगी’। कांग्रेस पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए देश के प्रधानमंत्री की अलोचना करेगी, सेना प्रमुख को सड़क का गुंडा कहेगी, सर्जिकल स्टाइक का सबूत मांगेगी और बालाकोट एयर स्टाइक में कौवे मरने की बात करके लोगों को गुमराह करेगी। लेकिन चीन की निंदा नहीं करेगी। सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने चीन की निंदा सेजुड़ा कभी कोई वक्तव्य नहीं दिया है।
जब भी पड़ोसी देश की सेना ने भारत पर बूरी नजर डाली है, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना सहित 135 करोड़ नागरिक एकजुट हुए, वैसे समय में राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने पीठ में खंजर घोंपने का काम किया है। यह इस बात से स्पष्ट होता है कि पुलवामा में आतंकी हमला होने पर कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि यह घरेलु आतंकवाद है, इसे पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने तंज कसते हुए कहा था कि 56 इंच की छाती कहां हैं?
भारतीय सेना ने उरी हमले के दस दिनों में सर्जिकल स्ट्राइक किया और पुलवामा हमले के दस दिनों में भीतर बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया। हमारा देश मजबूत हो रहा है साथ ही,सरहदों पर आधारभूत संरचना का विकास तेजी से हो रहा है। इन सबसे राहुल गांधी को दर्द क्यों हो रहा है? राहुल गांधी को मालूम होना चाहिए कि “भारतीय सेना न कभी पिटी थी और ना कभी पिटेगी”, किन्तु राहुल गांधी भारतीय राजनीति का पिटा हुआ मोहरा जरुर साबित हो रहे हैं।
कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में 6 सितंबर 2013 को लोकसभा में तत्कालीन सरकार से सवाल पूछा गया था कि चीन सरहद पर आधारभूत संरचना विकसित कर रहा है तो भारत क्या कर रहा है? तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटोनी ने संसद में वक्तत्व दिया था कि स्वतंत्र भारत की नीति रही है कि सरहद पर आधारभूत संरचना को विकसित नहीं करना ही सबसे अच्छा डिफेंस है। विकसित आधारभूत संरचना वाली सरहद की तुलना में अविकसित सीमा ज्यादा सुरक्षित होता है। इससे देश की सुरक्षा के प्रति कांग्रेस पार्टी की नीति और नियत पता चलता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जब से देश का नेतृत्व संभाला है, तब से भारतीय सीमा को सुरक्षित करने के लिए आधारभूत संरचना के विकास पर विशेष बल दिया गया है। दुरबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोडतक की 323 किलोमीटर का वह पुल बनाया गया, जिसे कांग्रेस पार्टी नहीं बना सकी। भारतीय वायु सेना को लड़ाकू विमान चाहिए था। कांग्रेस पार्टी दस साल सत्ता में रही लेकिन राफेल भारत नहीं आ पाया। सवाल उठता है कि क्यों नहीं आया? क्योंकि कांग्रेस पार्टी और गांधी परिवार बगैर कमीशन लिए कोई काम करते नहीं हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति एवं स्पष्ट नीति का हीपरिणाम है कि आज भारतीय सरहद पर राफेल विमान गड़गड़ाता है तो चीन को भारतीय सेना की मजबूती का अहसास होता है। चिनूक और अपाचे जैसे हेलीकाप्टर भारतीय वायु सेना का हिस्सा बन गए हैं जिससेभारतीय सैन्य क्षमता में वृद्धि हुई है। यह नया भारत है. प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय सेना आपना शौर्य और पराक्रम दिखा रही है उनके साथ हर नगारिक खड़ा है।
कांग्रेस की सरकार में भारतीय सैनिक बुलेट प्रूफ जैकेट की मांग करते रहे, किन्तु कांग्रेस की सरकार ने उन्हें बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं दिया। जबतत्कालीन यूपीए सरकार अपने लिए वीवीआईपी हेलीकाप्टर मंगा रही थी, भारतीय सेना बगैर बुलेट प्रूफ जैकेट पहने भारत माता की रक्षा करते रहे।
आज गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार द्वारा भारतीय सैनिकों को 1.86 लाख बुलेट प्रूफ जैकेट मुहैया कराई गयी है। कांग्रेस की सरकार को वीवीआईपी हेलीकाप्टर खरीदना प्राथमिकता था ना कि देश के जवानों के लिए बुलेट प्रूफ जैकेट।
भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि राहुल गांधी को भारतीय सैनिकों के लिए दिए गए वक्तव्य पर माफी मांगनी चाहिए। उनका यह पाप माफी मांगने लायक नहीं है, किन्तु माफी मांगेने से लगेगा कि उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ है।
(bjp.org भारतीय जनता पार्टी की आधिकारिक साइट )