जमीन खरोद कर खेती करों–कुल कीमत का 85% लोन—- भारतीय स्टैट बैंक

जमीन खरोद कर खेती करों–कुल कीमत का 85% लोन—- भारतीय स्टैट बैंक

भारतीय स्टेट बैंक की ‘लैंड परचेज स्कीम’ खेती-बाड़ी के इच्छुक लोगों के लिए
स्कीम का उद्देश्य भूमि खरीद के लिए छोटे एवं सीमांत किसानों और भूमिहीन मजदूरों की मदद करना

छोटे एवं सीमांत किसान जमीन खरीदने के लिए बैंक में कर सकते हैं आवेदन
आवेदक के पास बैंक के लोन को कम से कम दो साल तक का लोन रिपेमेंट का रेकॉर्ड होना चाहिए

कौन कर सकता है आवेदन?

1. छोटे एवं सीमांत किसान, जिनके पास पांच एकड़ से कम असिंचित जमीन या ढाई एकड़ से कम सिंचित जमीन है। भूमिहीन मजदूर भी आवेदन करने के पात्र हैं।

2. आवेदक के पास बैंक के लोन को कम से कम दो साल तक का लोन रिपेमेंट का रेकॉर्ड होना चाहिए।

3. किसी बैंक का लोन बकाया नहीं हो।

लोन की रकम

इन चीजों के लिए मिल सकता है लोन

– जमीन खरीदने के लिए

-सिंचाई सुविधा और भूमि विकास के लिए (भूमि की लागत का 50 फीसदी से अधिक नहीं होना चाहिए)

-रजिस्ट्रेशन शुल्क और स्टैंप शुल्क

बैंक खरीदी जाने वाली जमीन की कीमत का आकलन करेगा और कुल कीमत का 85 फीसदी लोन के रूप में देगा। खरीदी गई जमीन बैंक के पास तबतक बंधक रहेगी, जबतक लोन की राशि चुकता नहीं कर दी जाती।

कैसे चुकाना है लोन?

एसबीआई के अनुसार लोन चुकाने के लिए अधिकतम 9-10 साल का वक्त मिलता है। यह वक्त गैस्टेशन पीरियड बीतने के बाद शुरू होता है।

छह महीने का इंस्टालमेंट होता है।

विकसित जमीन के लिए गैस्टेशन पीरियड एक साल और अविकसित जमीन के लिए गैस्टेशन पीरियड दो साल का होता है।

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