जब साधारण से काम नहीं चलेगा… अब ‘होता है’, ‘चलता है’ का वक्‍त चला गया— प्रधानमंत्री मोदी

जब साधारण से काम नहीं चलेगा… अब ‘होता है’, ‘चलता है’ का वक्‍त चला गया— प्रधानमंत्री मोदी

74 वां स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर देशवासियों को सम्बोधन ———-

आज जो हम स्‍वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों, उनका त्‍याग, उनका बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के संकल्‍प के प्रति उनका समर्पण, आज ऐसे सभी हमारे स्वातंत्र्य सेनानियों का, आजादी के वीरों का, नरबांकुरों का, वीर शहीदों का नमन करने का यह पर्व है।

आज छोटे-छोटे बालक मेरे सामने नजर नहीं आ रहे हैं- भारत का उज्‍ज्वल भविष्‍य। क्‍यों? कोरोना ने सबको रोका हुआ है।

इस कोरोना के कालखंड में लक्षावधि कोरोना warriors चाहे doctors हों, nurses हों, सफाईकर्मी हों, ambulance चलाने वाले लोग हों… किस-किस के नाम गिनाऊंगा। उन लोगों ने इतने लंबे समय तक जिस प्रकार से ‘सेवा परमो धर्म:’ इस मंत्र को जी करके दिखाया है, पूर्ण समर्पण भाव से मां भारती के लालों की सेवा की है, ऐसे सभी कोरोना warriors को भी मैं आज नमन करता हूं।

मेरे प्‍यारे देशवासियो,

आजादी की लड़ाई में, पूरे विश्‍व में भारत ने भी एकजुटता की ताकत, अपनी सामूहिकता की ताकत, अपने उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के प्रति अपना संकल्‍प, समर्पण और प्रेरणा- उस ऊर्जा को ले करके देश आगे बढ़ता चला गया।

मेरे प्‍यारे देशवासियो,

कोरोना वैश्विक महामारी के बीच 130 करोड़ भारतीयों ने संकल्‍प लिया- संकल्‍प आत्‍मनिर्भर बनने का… और आत्‍मनिर्भर भारत आज हर हिन्‍दुस्‍तानी के मन-मस्तिष्‍क पर छाया हुआ है।

आत्‍मनिर्भर भारत- ये सपना संकल्‍प में परिवर्तित होते देख रहे हैं। आत्‍मनिर्भर भारत- ये एक प्रकार से शब्‍द नहीं, ये आज 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है।

भारत जैसे देश को भी अपने पैरों पर खड़े होना अनिवार्य है। आत्मनिर्भर बनना अनिवार्य है। .. और इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है, तो भारत करके रहता है।

भारत ‘विश्‍व एक परिवार’ के संस्‍कारों से पला-बढा हुआ है। अगर वेद कहते थे- ‘वसुधैव कुटुम्‍बकम्’ तो विनोबा जी कहते थे- ‘जय जगत’… और इसलिए हमारे लिए विश्‍व एक परिवार है। और इसलिए… आर्थिक विकास भी हो, लेकिन साथ-साथ मानव और मानवता का भी केंद्र स्‍थान होना चाहिए, इसका महत्‍व होना चाहिए, उसी को ले करके हम चलते है।

आज दुनिया interconnected है, इसलिए समय की मांग है कि विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था में भारत जैसे विशाल देश का योगदान बढ़ना चाहिए।

हमारे देश में अथाह प्राकृतिक संपदा है, क्‍या कुछ नहीं है। हम देश से कब तक कच्‍चा माल विदेश भेजते रहेंगे… raw material कब तक दुनिया में भेजते रहेंगे, और देखिए तो… raw material दुनिया में भेजना और finished goods दुनिया से वापस लाना, ये खेल कब तक चलेगा। …

कृषि क्षेत्र में… आत्‍मनिर्भर भारत आज कृषि क्षेत्र में बना है। आज भारत के किसान भारत के नागरिकों का पेट भरते हैं…. वैश्विक आवश्‍यकताओं के अनुसार हमारे कृषि जगत में बदलाव की आवश्‍यकता है। विश्‍व की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें अपने कृषि जगत को भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।

space sector को हमने खोल दिया। —–हमने कृषि क्षेत्र को कानूनों से मुक्‍त कर दिया, बंधनों से मुक्‍त कर दिया।

भारत space sector में ताकतवर बनता है तो पड़ोसियों को जरूर उसका लाभ होता है। जब आप ऊर्जा के क्षेत्र में powerful होते हैं तो जो देश अपना अंधेरा मिटाना चाहता है, भारत उसमें मदद कर सकता है।

देश का जब health sector का इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर आत्‍मनिर्भर हो जाता है तो —- विश्‍व के अनेक देशों को tourism destination के रूप में, health destination के रूप में भारत उनका पसंदीदा देश बन सकता है।

हम जब आत्‍मनिर्भर की बात करते है तब सिर्फ Import कम करना इतनी ही हमारी सोच नही है। जब आत्‍मनिर्भर की बात करते है तब हमें अपने उस सामर्थ्‍य को बचाना है.. बढ़ाना भी है। कौशल को बढ़ाना है, Creativity को बढ़ाना है… और उसको ले करके हमें आगे बढ़ना है। हमें skill development की दिशा में बल देना है- आत्‍मनिर्भर भारत के लिए, हमारे सामर्थ्‍य को बढ़ाने के लिए।

आप देखिए कोरोना के संकटकाल में हमने देखा कि बहुत सी चीजों के लिए हम कठिनाइयों में हैं… हमें दुनिया से लाना है दुनिया दे नहीं पा रही है।

हमारे देश के नौजवानों ने, हमारे देश के उद्यमियों ने, हमारे देश के उद्योग जगत के लोगों ने बीड़ा उठा लिया। जिस देश में N-95 नहीं बनता था बनने लगे, पीपीई नहीं बनता था, बनने लगे, वेंटिलेटर नहीं बनता था बनने लग गए। देश की आवश्‍यकताओं की तो पूर्ति हुई ही, लेकिन दुनिया में Export करने की हमारी ताकत बन गई। दुनिया की जरूरत थी। आत्‍मनिर्भर भारत दुनिया को कैसे मदद कर सकता है… आज हम इसमें देख सकते हैं। और इसलिए विश्‍व की भलाई में भी भारत का योगदान करने का दायित्‍व बनता है।

आजाद भारत की मानसिकता होनी चाहिए- Vocal For Local… हमारे जो स्‍थानीय उत्‍पाद हैं उनका हमें गौरवगान करना चाहिए। हम अपनी चीजों का गौरवगान नहीं करेंगे, तो उनको अच्‍छा बनने का अवसर भी नहीं मिलेगा…

कौन सोच सकता था कि कभी गरीबों के जनधन खाते में लाखों-करोड़ों रुपये सीधे Transfer हो जाएंगे। कौन सोच सकता था कि किसानों की भलाई के लिए APMC जैसा एक्ट… इसमें इतने बदलाव हो जाएंगे। कौन सोचता था हमारे व्‍यापारियों पर जो लटकती तलवार थी- essential commodity Act… इतने सालों के बाद वो भी बदल जाएगा। कौन सोचता था हमारा Space Sector हमारे देश के युवाओं के लिए खुला कर दिया जाएगा।

आज हम देख रहे हैं राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति हो, One Nation-One Ration Card की बात हो, One Nation-One Grid की बात हो, One Nation-One Tax की बात हो, Insolvency और bankruptcy code उसकी बात हो, चाहे बैंकों को Merger करने का प्रयास हो… देश की सच्‍चाई बन चुकी है, देश की हकीकत है।

भारत में परिवर्तन के इस कालखंड के Reforms के परिणामों को दुनिया देख रही है। एक के बाद एक… एक-दूसरे से जुड़े हुए हम जो Reforms कर रहे हैं, उसको दुनिया बहुत बारीकी से देख रही है, और उसी का कारण है बीते वर्ष भारत में FDI ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए- Foreign Direct Investment… अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।

बीते वर्ष भारत में FDI में 18% की वृद्धि हुई है… बढ़ोतरी हुई है। और इसलिए कोरोना काल में भी दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत की ओर रूख कर रही हैं।

दुनियाभर के अनेक Business भारत को supply chain के केंद्र के रूप में आज देख रहे हैं। अब हमें Make in India के साथ-साथ Make for World- इस मंत्र को लेकर भी हमें आगे बढ़ना है।

देशवासियों ,

अहम भूमिका रहेगी National Infrastructure Pipeline Project की। इस पर 110 लाख करोड़ रूपये से भी ज्‍यादा खर्च किये जाएंगे। इसके लिए अलग-अलग सेक्‍टर में लगभग सात हजार projects की पहचान कर ली गई है। इससे देश के Overall Infrastructure Development को एक नई दिशा भी मिलेगी, एक नई गति भी मिलेगी… और इसलिए हमेशा यह कहा जाता है ऐसी संकट की घड़ी में जितना ज्‍यादा Infrastructure को बल दिया जाए, ताकि इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं, लोगों को रोजगार मिलता है, काम मिलता है… उससे जुड़े हुए कई काम एक साथ चल जाते हैं। छोटे-बड़े उद्योग, किसान हर मध्‍यम वर्ग को इसका बहुत लाभ होता है।

स्‍वर्णिम चतुर्भुज की एक बहुत बड़ी, दूरगामी असर पैदा करने वाली योजना को प्रारंभ किया था और देश के road network के Infrastructure को next generation पर ले गए थे। आज भी उस स्‍वर्णिम चतुर्भुज की तरफ देश बड़े गर्व से देख रहा है कि हां हमारा हिन्‍दुस्‍तान बदल रहा है, देख रहा है।

हमें नई ओर ले जाना है और अब हम silos में नहीं चल सकते हें। हम Infrastructure को – Road को रोड वाला काम करेगा, रेल का रेल में चला जाएगा… न रेल का रोड से संबंध है, न रोड का रेल से संबंध… न एयरपोर्ट का पोर्ट से संबंध, न पोर्ट का एयरपोर्ट से संबंध… न रेलवे स्‍टेशन का बस से संबंध, न बस स्‍टेशन का रेलवे से संबंध- ऐसी स्थिति नहीं चाहिए।

अब हमारा सारा Infrastructure एक comprehensive हो, integrated हो, एक-दूसरे के पूरक हो- रेल से रोड पूरक हो, रोड से सी-पोर्ट पूरक हो, सी-पोर्ट से पोर्ट पूरक हो… यह एक नई सदी के लिए हम multi model connectivity Infrastructure को जोड़ने के लिए अब आगे बढ़ रहे हैं। और यह एक नया आयाम होगा, बहुत बड़ा सपना लेकर के इस पर काम शुरू किया है और मुझे विश्‍वास है कि silos को खत्‍म करके हम, इन सारी व्‍यवस्‍था को एक नई ताकत देंगे।

इसके साथ-साथ हमारे समुद्री तट… विश्‍व व्‍यापार में समुद्री तटों का अपना बहुत महत्‍व होता है। जब हम Port led development को लेकर चल रहे हैं, तब हम आने वाले दिनों में, समुद्री तट के पूरे हिस्‍से में four lane road बनाने की दिशा में एक आधुनिक Infrastructure बनाने में हम काम करेंगे।

मेरे प्‍यारे देशवासियो,

– ‘सामर्थ्य्मूलं स्‍वातंत्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्’ यानि किसी समाज की, किसी भी राष्‍ट्र की आजादी का स्रोत उसका सामर्थ्‍य होता है… और उसके वैभव, उन्‍नति, प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति है।

बैंक खाता हो, पक्‍के घर की बात हो, इतनी बड़ी मात्रा में शौचालय बनाने हो, हर घर में बिजली connection पहुंचाना हो, माताओं-बहनों को धुएं से मुक्‍त करने के लिए गैस का कनेक्‍शन देना हो, गरीब से गरीब को बीमा सुरक्षा देने का प्रयास हो, पांच लाख रुपये तक अच्‍छे से अच्‍छे अस्‍पताल में मुफ्त इलाज कराने के लिए आयुष्‍मान भारत योजना हो, राशन की दुकानों को टेक्‍नोलॉजी से जोड़ने की बात हो- हर गरीब, हर व्‍यक्ति बिना किसी भेदभाव के पूरी पारदर्शिता के साथ उसको लाभ पहुंचाने में पिछले छह साल में बहुत अच्‍छी तरह प्रगति की है।

कोरोना के संकट में 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त में अनाज पहुंचाने का काम हो, 90 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा सीधे बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर हों- कुछ वर्ष पहले तो सोच भी नहीं सकते थे, कल्‍पना ही नहीं कर सकते थे कि दिल्ली से एक रुपया निकले और सौ के सौ पैसे गरीब के खाते में जमा हो जाएं, यह पहले कभी सोचा भी नहीं जा सकता था।

गांव में रोजगार के लिए गरीब कल्‍याण रोजगार अभियान शुरू किया गया है। श्रमिक साथी खुद को re-skill करें, up-skill करें इस पर विश्‍वास करते हुए, श्रम-शक्ति पर भरोसा करते हुए, गांव के संसाधनों पर भरोसा करते हुए, हम vocal for local पर बल देते हुए re-skill, up-skill के द्वारा अपने देश की श्रम-शक्ति को, हमारे गरीबों को empower करने की दिशा में हम काम कर रहे हैं।

शहर में हमारे जो श्रमिक हैं- क्‍योंकि आर्थिक गतिविधि का केंद्र शहर है- गांव से… दूर-दूर से लोग शहरों में आते हैं, street vendors हों, रेहड़ी-पटरी वाले लोग हों, आज बैंकों से उनको सीधे पैसे देने की योजना चल रही है। लाखों लोगों ने इतने कम समय में- कोरोना के कालखंड में- इसका फायदा उठाया है। अब उनको कहीं से भी ज्‍यादा ब्‍याज पर पैसे लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बैंक से वो अधिकार से अपने पैसे ले पाएगा।

आत्‍मनिर्भर भारत बनाने के‍ लिए, हमारे लिए संतुलित विकास बहुत आवश्‍यक है और हमने 110 से ज्‍यादा आकांक्षी जिले identify किए हैं। उन 110 जिलों को जो average से भी पीछे हैं, उनको राज्‍य की और राष्‍ट्र के average तक ले आना है, सभी parameter में लाना है।

हमने किसान की आय को बढ़ाने के लिए अनेक वै‍कल्पिक चीजों पर भी बल दिया है। उसकी किसानी में input cost कैसे कम हो, Solar pump- उसको डीजल पंप से मुक्ति कैसे दिला दें, अन्‍नदाता, ऊर्जादाता कैसे बने, मधुमक्‍खी पालन हो, fisheries हो, poultry हो, ऐसी अनेक चीजें उसके साथ जुड़ जाएं, ताकि उसकी आय दोगुना हो जाए, उस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं।

आज समय की मांग है हमारा कृषि क्षेत्र आधुनिक बने। मूल्‍यवृद्धि हो, value addition हो, food processing हो, packaging की व्‍यवस्‍था हो, उसको संभालने की व्‍यवस्‍था हो, और इसलिए अच्‍छे infrastructure की जरूरत है।

आपने देखा होगा इस कोरोना कालखंड में ही पिछले दिनों एक लाख करोड़ रुपए agriculture infrastructure के लिए भारत सरकार ने आवंटित किए हैं। infrastructure जो किसानों की भलाई के लिए होगा और इसके कारण किसान अपना मूल्‍य भी प्राप्‍त कर सकेगा, दुनिया के बाजार में बेच भी पाएगा, विश्‍व बाजार में उसकी पहुंच बढ़ेगी।

आज हमें ग्रामीण उद्योगों को मजबूत करने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में विशिष्‍ट प्रकार से आर्थिक कलस्‍टर बनाए जाएंगे। कृषि और गैर-कृषि उद्योगों का गांव के अंदर एक जाल बनाया जाएगा और उसके कारण उसके साथ-साथ किसानों के लिए जो नये FPO- किसान उत्‍पादक संघ बनाने की हमने कोशिश की है, वो अपने-आप में एक बहुत बड़ा economic empowerment का काम करेगा।

आज मुझे संतोष है कि हमारे आदिवासियों के घरों तक जल पहुंचाने का काम… बड़ा अभियान चला है। और मुझे खुशी है कि आज ‘जल-जीवन मिशन’ ने देश में एक तंदुरूस्‍त स्‍पर्धा का माहौल बनाया है।

हर किसी को लग रहा है कि प्रधानमंत्री का ‘जल-जीवन मिशन’ का ये जो सपना है, उसको हम जल्‍दी से जल्‍दी अपने क्षेत्र में पूरा करेंगे। Cooperative Competitive Federalism की एक नई ताकत जल-जीवन मिशन के साथ जुड़ गई है और उसके साथ भी हम आगे बढ़ रहे है।

GST में बहुत तेजी से Taxation कम हुआ है, Income Tax कम हुआ है। आज Minimum उस प्रकार की व्‍यवस्‍थाओं के साथ हम देश को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। Co-operative बैंकों को RBI से जोड़ना… ये अपने आप में मध्‍यम वर्गीय परिवारों के पैसों को सुरक्षित रखने की गारंटी इसके साथ जुड़ी हुई है।

MSME Sector में जो Reforms हुए है, Agriculture Sector में जो Reforms हुए है, इसका सीधा-सीधा लाभ हमारे इन मध्‍यम वर्गीय मेहनतकश परिवारों को जाने वाला है और उसके कारण हजारों-करोड़ों रुपयों का Special Fund, आज जो हमारे व्‍यापारी बंधुओं को, हमारे लघु उद्योगकारों को हम दे रहे हैं, उनको इसका लाभ मिलने वाला है। आम भारतीय की शक्ति, उसकी ऊर्जा आत्‍मनिर्भर भारत अभियान का एक बहुत बड़ा आधार है। इस ताकत को बनाए रखने के लिए हर स्‍तर पर निरंतर काम जारी है।

मेरे प्‍यारे देशवासियो, आत्‍मनिर्भर भारत के निर्माण में, आधुनिक भारत के निर्माण में, नए भारत के निर्माण में, समृद्ध और खुशहाल भारत के निर्माण में, देश की शिक्षा का बहुत बड़ा महत्‍व है। इसी सोच के साथ देश को तीन दशक के बाद नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति देने में हम आज यशस्‍वी हुए हैं।

हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में इसके स्‍वागत के समाचार एक नई ऊर्जा, एक नया विश्‍वास दे रहे हैं। ये शिक्षा… ये राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति हमारे विद्यार्थियों को जड़ से जोड़ेगी। लेकिन साथ-साथ उनको एक Global Citizen बनाने का भी पूरा सामर्थ्‍य देगी। वो जड़ों से जुड़ा होगा लेकिन उसका सर आसमान की ऊंचाइयों को छूता होगा।

राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति में एक विशेष बल दिया गया है- National Research Foundation का। क्‍योंकि देश को प्रगति करने के लिए innovation बहुत आवश्‍यक होता है। innovation को जितना बल मिलेगा… research को जितना बल मिलेगा, उतना ही देश को आगे ले जाने में… competitive world में आगे बढ़ने में बहुत ताकत मिलेगी।

आपने सोचा होगा क्‍या कभी इतना तेजी से गांव तक online classes… इतना तेजी से इतना माहौल बन जाएगा। कभी-कभी आफत में भी कुछ ऐसी चीजें उभरकर आ जाती हैं, नई ताकत दे देती हैं और इसलिए आपने देखा होगा कोरोना काल में online classes एक प्रकार से culture बन गया है।

आप देखिए online digital transaction… वो भी कैसे बढ़ रहे हैं। BHIM UPI अगर एक महीने में… यानि किसी को भी गर्व होगा कि भारत जैसे देश में यूपीआई भीम के द्वारा एक महीने में 3 लाख करोड़ रूपये का transaction हुआ है।

आप देखते हैं 2014 से पहले हमारे देश में 5 दर्जन पंचायतों में optical fibre था। गत 5 वर्ष में डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों तक optical fibre network पहुंच गया… जो आज इतना मदद कर रहा है। सभी पंचायतों में पहुंचने के लक्ष्‍य के साथ हमने काम शुरू किया था। जो एक लाख पंचायतें बाकी हैं, वहां भी तेजी से काम चल रहा है। लेकिन बदली हुई परिस्थिति में गांव की भी digital India में भागीदारी अनिवार्य बन गई… गांव के लोगों को भी इस प्रकार की online सुविधाओं की जरूरत बढ़ गई है। इसको ध्‍यान में रखते हुए पहले जो हमने कार्यक्रम बनाया था, हर पंचायत तक पहुंचेंगे… लेकिन आज मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमने तय किया है कि सभी छह लाख से ज्‍यादा जो हमारे गांव हैं, उन सभी गांवों में optical fibre network पहुंचाया जाए। जरूरत बदली है तो हमने priority भी बदली है। छह लाख से अधिक गांवों में हजारों-लाखों किलोमीटर optical fibre का काम चलाया जाएगा और हमने तय किया है कि 1000 दिन में… 1000 दिन के अंदर-अंदर देश के छह लाख से अधिक गांवों में optical fibre network काम पूरा कर दिया जाएगा।

technology में cyber space पर हमारी निर्भरता बढ़ती ही जाने वाली है लेकिन cyber space से खतरे भी जुड़े हुए हैं। बहुत ही अल्‍प समय में नई साइबर सुरक्षा नीति- इसका एक पूरा खाका देश के सामने आएगा। आने वाले समय में सब इकाइयों को जोड़ कर… इस cyber security के अंदर हम सबको एक साथ चलना पड़ेगा। उसके लिए आगे बढ़ने के लिए रणनीति बनाएंगे।

महिलाएं अंडरग्राउंड कोयले की खदान में काम कर रही हैं। आज मेरे देश की बेटियां fighter plane भी उड़ा करके आसमान की बुलंदियों को चूम रही हैं। आज भारत दुनिया के उन देशों में है जहां नौसेना और वायुसेना में महिलाओं को combat role में शामिल किया जा रहा है।

गर्भवती महिलाओं को salary के साथ 6 महीने की छुट्टी देने के फैसले की बात हो, हमारे देश की महिलाएं जो तीन तलाक के कारण पीड़ित रहती थीं, वैसी हमारी मुस्लिम बहनों को मुक्ति दिलाने… आजादी दिलाने का काम हो, महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की बात हो, 40 करोड़ जो जन-धन खाते खोले गए हैं उसमें 22 करोड़ खाते हमारी बहनों के हैं… कोरोना काल में करीब 30 हजार करोड़ रुपये इन बहनों के खाते में जमा कर दिए गए हैं।

मुद्रा लोन… 25 करोड़ के करीब मुद्रा लोन दिए गए हैं, उसमें 70 प्रतिशत मुद्रा लोन लेने वाली हमारी माताएं-बहनें हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो खुद का घर मिल रहा है, उसमें अधिकतम रजिस्‍ट्री भी महिलाओं के नाम हो रही है।

हमने जन-औषधि केंद्र के अंदर एक रूपये में sanitary pad पहुंचाने के लिए बहुत बड़ा काम किया है। 6 हजार जन-औषधि केंद्रों में पिछले थोड़े से समय में करीब 5 करोड़ से ज्‍यादा sanitary pad हमारी इन गरीब महिलाओं तक पहुंच चुके हैं।

बेटियों में कुपोषण खत्‍म हो, उनकी शादी की सही आयु क्‍या हो, इसके लिए हमने कमेटी बनाई है। उसकी रिपोर्ट आते ही बेटियों की शादी की उम्र के बारे में भी उचित फैसले लिए जाएंगे।

आप देखिए, कोरोना के समय, उसके पूर्व हमारे देश में सिर्फ एक Lab थी टेस्टिंग के लिए, आज 1400 Labs का नेटवर्क है… हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में फैला हुआ है।

देश में नए AIIMS, नए Medical College का निर्माण, आधुनिकीकरण की दिशा में निरंतर प्रयास… ये हम कर रहे हैं। पांच साल में MBBS, MD में 45 हजार से ज्‍यादा students के लिए सीटों की बढ़ोत्‍तरी की गई है। गांव में डेढ़ लाख से ज्‍यादा Wellness Centre… और उसमें से करीब एक-तिहाई तो already कार्यरत हो गए हैं। कोरोना के काल में Wellness Centers की भूमिका ने गांवों की बहुत बड़ी मदद की है।

Health Sector में आज से एक बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है और उसमें technology का भी बहुत बड़ा रोल रहेगा। आज से National Digital Health Mission का भी आरंभ किया जा रहा है। भारत के Health Sector में ये एक नई क्रांति ले आएगा… इलाज में आने वाली परेशानियां कम करने के लिए technology का बहुत सुविचारित रूप से उपयोग होगा।

प्रत्‍येक भारतीय को Health ID दी जाएगी। ये Health ID प्रत्‍येक भारतीय के स्‍वास्‍थ्‍य खाते की तरह काम करेगी। आपके हर test, हर बीमारी… आपने किस डॉक्‍टर के पास, कौन-सी दवा ली थी, उनका क्‍या Diagnosis था, कब ली थी, उनकी रिपोर्ट क्‍या थी, ये सारी जानकारी आपकी इस Health ID में समाहित की जाएगी।

Doctor से appointment हो, पैसा जमा करना हो, अस्‍पताल में पर्ची बनवाने की भागदौड़ हो, ये तमाम दिक्‍कतें… National Digital Health Mission के माध्‍यम से अनेक मुसीबतों से मुक्ति मिलेगी और उत्‍तम स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हमारा कोई भी नागरिक सही फैसले कर पाएगा। ये व्‍यवस्‍था होने वाली है।

मैंने प्रारंभ में कहा, 110 आंकाक्षी जिलों पर हम बल दे रहे हैं। उनको विकास की बराबरी में लाना चाहते हैं। विकास का ecosystem बनाना, connectivity को सुधारना- ये हमारी प्राथमिकता है।

हिन्‍दुस्‍तान का पश्चिमी भाग और हिन्‍दुस्‍तान के मध्‍य से लेकर पूर्वी भाग, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश हो, बिहार हो, बंगाल हो, north-east हो, ओडिशा हो… ये सारे हमारे क्षेत्र हैं, अपार संपदा है, प्राकृतिक संपदा के भंडार हैं। यहां के लोग सामर्थ्‍यवान हैं, शक्तिवान हैं, प्रतिभावान हैं लेकिन अवसरों के अभाव में इन क्षेत्रों में असंतुलन रहा है। और इसलिए हमने अनेक नए कदम उठाए, Eastern Dedicated Freight Corridor हो, पूर्व में गैस पाइपलाइन से जोड़ने की बात हो, नए रोड-रेल का infrastructure खड़ा करना हो, वहां नए port बनाने हों… यानी एक प्रकार से पूरे development के लिए infrastructure का जो नया खाका होना चाहिए, उसे holistic तरीके से हम विकसित कर रहे हैं…।

उसी प्रकार से लेह-लद्दाख, कारगिल, जम्‍मू-कश्‍मीर… ये क्षेत्र एक प्रकार से इस क्षेत्र को एक वर्ष पूर्व अनुच्छेद 370 से आजादी मिल चुकी है… एक साल पूरा हो चुका है। ये एक साल जम्‍मू-कश्‍मीर की एक नई विकास यात्रा का बड़ा महत्‍वपूर्ण पड़ाव है। ये एक साल वहां की महिलाओं को, दलितों को, मूलभूत अधिकारों को देने वाला कालखंड रहा है। ये हमारे शरणार्थियों को गरिमा पूर्ण जीवन जीने का भी एक साल रहा है। विकास का लाभ गांव और गरीब तक पहुंचाने के लिए Back to Villages जैसे विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। आयुष्‍मान योजना को बेहतरीन तरीके से, आज जम्‍मू-कश्‍मीर व लद्दाख के क्षेत्र में उपयोग किया जा रहा है।

जम्‍मू-कश्‍मीर में Delimitation की प्रक्रिया चल रही है। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्‍यायमूर्ति के नेतृत्‍व में Delimitation का काम चल रहा है और जल्‍दी से Delimitation का काम पूरा होते ही भविष्‍य में वहां चुनाव हों, जम्‍मू-कश्‍मीर का M.L.A हो, जम्‍मू-कश्‍मीर के मंत्रीगण हों, जम्‍मू-कश्‍मीर के मुख्‍यमंत्री हों… नई ऊर्जा के साथ विकास के मार्ग पर आगे बढ़ें, इसके लिए देश प्रतिबद्ध भी है और प्रयासरत भी है।

लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाकर के बरसों पुरानी जो उनकी मांग थी, उनकी आंकाक्षा थी, उस आकांक्षा को हमने पूरा करने का… उनको सम्‍मानित करने का एक बहुत बड़ा काम किया है। हिमालय की ऊंचाइयों में बसा लद्दाख विकास के नए शिखर की ओर आगे बढ़ रहा है। अब central university वहां पर बन रही है।

नए research centre बन रहे हैं, hotel, management के courses वहां चल रहे हैं। बिजली के लिए साढ़े सात हजार मेगावाट के Solar Park के निर्माण की योजना बन रही है, लेकिन मेरे प्‍यारे देशवासियो, लद्दाख की कई विशेषताएं हैं, उन विशेषताओं को हमें संभालना भी है, संवारना भी है। और जैसे सिक्किम ने… हमारे North-East में Sikkim ने अपनी organic state की पहचान बनाई है, वैसे ही लद्दाख, लेह, कारगिल पूरा क्षेत्र हमारे देश के लिए carbon neutral इकाई के रूप में अपनी पहचान बना सकता है। और इसके लिए भारत सरकार वहां के नागरिकों के साथ मिलकर के एक नमूना रूप, प्रेरणा रूप, carbon neutral विकास का मॉडल, वहां की आवश्‍यकताओं की पूर्ति वाला मॉडल… उस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।

मेरे प्‍यारे देशवासियो, भारत ने दिखाया है कि पर्यावरण के साथ संतुलन रखते हुए भी तेज विकास संभव है। आज भारत one world, one sun, one grid के vision के साथ पूरी दुनिया को खासतौर से सौर ऊर्जा के क्षेत्र में प्रेरित कर रहा है।

Renewable energy के उत्‍पादन के मामले में आज भारत दुनिया के top पांच देशों में अपनी जगह बना चुका है। प्रदूषण के समाधान को लेकर भारत सजग भी है और भारत सक्रिय भी है। स्‍वच्‍छ भारत अभियान हो, धुंआ मुक्‍त रसोई गैस की व्‍यवस्‍था हो, LED Bulb का अभियान हो, CNG आधारित transportation की व्‍यवस्‍था हो, Electric mobility के लिए प्रयास हो, हम कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। पेट्रोल से प्रदूषण को कम करने के लिए ethanol उत्‍पादन बढ़ाने में और उसके इस्‍तेमाल पर बल दिया जा रहा है। पांच साल पहले हमारे देश के अंदर ethanol की क्‍या स्थिति थी… पांच साल पहले हमारे देश में 40 करोड़ लीटर उत्‍पादन होता था। आज पांच साल में पांच गुना हो गया… और आज 200 करोड़ लीटर ethanol हमारे देश में बन रहा है जो पर्यावरण के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।

देश के 100 शहरों में… चुने हुए 100 शहरों में, प्रदूषण कम करने के लिए, हम एक holistic approach के साथ, एक Integrated approach के साथ, एक जन भागीदारी के साथ, आधुनिक technology का भरपूर उपयोग करते हुए हम उसे प्रदूषण कम करने की दिशा में …. एक मिशन मोड में काम करने वाले हैं।

मेरे प्‍यारे देशवासियो, भारत इस बात को गर्व से कह सकता है… भारत उन बहुत कम देशों में से एक है जहां जंगलों का विस्‍तार हो रहा है। अपनी Biodiversity के संरक्षण और संवर्धन के लिए भारत पूरी तरह संवेदनशील है। ह

म लोगों ने सफलतापूर्वक Project Tiger, Project Elephant… हमने सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया है। हमारे यहां टाइगर की आबादी बढ़ी है। अब आने वाले दिनों में Asiatic Lion के लिए Project Lion की शुरुआत हो रही है। और उसमें Project Lion भारतीय शहरों की रक्षा, सुरक्षा, आवश्‍यक Infrastructure… और विशेष करके, उनके लिए जो आवश्‍यक होता है Special प्रकार का Health Infrastructure, उस पर भी काम किया जाएगा। और Project Lion पर बल दिया जाएगा।

साथ ही एक और काम को भी हम बढ़ावा देना चाहते हैं और वो है- Project Dolphin चलाया जाएगा। नदियों में व समुद्र में रहने वाली दोनों तरह की Dolphins पर हम फोकस करेंगे। इससे Biodiversity को भी बल मिलेगा और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। ये Tourism के आकर्षण का भी केंद्र होता है… तो इस दिशा में भी हम आगे बढ़ने वाले हैं।

मेरे प्‍यारे देशवासियो, LOC से लेकर LAC तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई देश की सेना ने, हमारे वीर-जवानों ने उसका उसी की भाषा में जवाब दिया है।

आतंकवाद हो, या विस्‍तारवाद भारत आज डटकर मुकाबला कर रहा है। आज दुनिया का भारत पर विश्‍वास और मजबूत हुआ है। पिछले दिनों संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के अस्‍थायी सदस्‍य के रूप में 192 में से 184… एक सौ बयानवे में से एक सौ चौरासी देशों का भारत को समर्थन मिला हैं।

भारत ने Extended Neighbourhood के सभी देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत किया है।
पश्चिम एशिया के देशों से हमारे राजनैतिक, आर्थिक और मानवीय संबंधों की प्रगति में कई गुना तेजी आई है… विश्‍वास अनेक गुना बढ़ गया है।

इसी प्रकार हमारे पूर्व के आसियान देश जो हमारे maritime पड़ोसी भी हैं, वो भी हमारे लिए बहुत विशेष महत्‍व रखते हैं।

रक्षा उत्‍पादन में आत्‍मनिर्भर भारत के लिए बड़े कदम उठाए गए हैं। हाल ही में 100 से ज्‍यादा सैन्‍य उपकरणों के आयात पर हमने रोक लगा दी है- मिसाइलों से लेकर के हल्‍के युद्धक हेलीकॉप्‍टरों तक, assault राइफल से लेकर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तक सभी मेक इन इंडिया हो गए।

अपना तेजस भी… अपना तेज, अपनी तेजी और अपनी ताकत दिखाने के लिए आधुनिक जरूरतों के हिसाब से तैयार हो रहा है। देश की सुरक्षा में हमारे बॉर्डर और coastal Infrastructure की बहुत बड़ी भूमिका है।

आज हिमालय की चोटियां हो, या हिंद महासागर के द्वीप, हर दिशा में connectivity के विस्‍तार पर जोर दिया जा रहा है। लद्दाख से लेकर के अरुणाचल प्रदेश तक बड़े पैमाने पर हमारे देश की सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए नई सड़कें तैयार की गई हैं।

हमारा इतना बड़ा समुद्र तट है लेकिन साथ-साथ हमारे पास 1300 से ज्‍यादा islands हैं। कुछ चुनिंदा island के महत्‍व को देखते हुए तेजी से विकसित करने पर हम आगे बढ़ रहे हैं। आपने देखा होगा पिछले सप्‍ताह पांच दिन पहले अंडमान-निकोबार में submarine optical fiber cable project का लोकार्पण हुआ है। अंडमान-निकोबार को भी चेन्‍नई और दिल्‍ली जैसी internet सुविधा अब उपलब्‍ध होगी। अब हम आगे लक्षद्वीप को भी इसी तरह जोड़ने के लिए… काम को आगे बढ़ाने वाले हैं।

अगले एक हजार दिन में लक्षद्वीप को भी तेज internet की सुविधा से जोड़ने का हमने लक्ष्‍य रखा है। बॉर्डर और coastal area के युवाओं के विकास… उसको भी… सुरक्षा को केंद्र में रखते हुए विकास के मॉडल की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। और उसमें एक कदम, एक बड़ा अभियान हम शुरू कर रहे हैं।

हमारे जो बॉर्डर इलाके हैं, हमारे जो coastal इलाके हैं, वहां के करीब 173 district हैं जो किसी न किसी देश की सीमा या समुद्री तट से जुड़े हैं। आने वाले दिनों में NCC का विस्‍तार उन बॉर्डर district के नौजवानों के लिए किया जाएगा। बॉर्डर एरिया के cadets… हम करीब-करीब एक लाख नये NCC के cadets तैयार करेंगे और उसमें एक तिहाई हमारी बेटियां हों, यह भी प्रयास रहेगा। बॉर्डर एरिया के cadets को सेना प्रशिक्षित करेगी। coastal एरिया के जो cadets हैं उनको Navy के लोग प्रशिक्षित करेंगे और जहां air base हैं वहां के कैडिट्स को एयरफोर्स की तरफ से training दी जाएगी। बॉर्डर और coastal एरिया को आपदाओं से निपटने के लिए एक trained man power मिलेगा, युवाओं को Armed forces में career बनाने के लिए जरूरी skill भी मिलेगी।

गांधी जी की 150वीं जयंती पर भारत के गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्‍त किया है। आस्‍था की वजह से प्रताड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने का कानून, दलितों, पिछड़ों, ओबीसी के लिए… SC/ST/OBC के लिए आरक्षण के अधिकार को बनाने की बात हो, असम और त्रिपुरा में ऐतिहासिक शांति समझौता हो, फौज की सामूहिक शक्ति को और प्रभावी बनाने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ की नियुक्ति हो, करतारपुर साहिब कॉरिडोर का रिकॉर्ड समय में निर्माण हो… देश ने इतिहास बनाया, इतिहास बनते देखा, असाधारण काम करके दिखाया।

10 दिन पूर्व अयोध्‍या में भगवान राम के भव्‍य मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है। राम जन्‍मभूमि के सदियों पुराने विषय का शांतिपूर्ण समाधान हो चुका है।

इस दशक में भारत नई नीति और नई रीति के साथ ही आगे बढ़ेगा, जब साधारण से काम नहीं चलेगा… अब ‘होता है’, ‘चलता है’ का वक्‍त चला गया, हम दुनिया में अब किसी से कम नहीं। हम सबसे ऊपर रहने का प्रयास करेंगे। और इसलिए हम सर्वश्रेष्‍ठ उत्‍पादन, सर्वश्रेष्‍ठ Human Resources, सर्वश्रेष्‍ठ governance… हर चीज में सर्वश्रेष्‍ठ के लक्ष्‍य को ले करके आजादी के 75वें साल के लिए हमें आगे बढ़ना है।

हमारी policy, हमारे process, हमारे products सब कुछ उत्‍तम से उत्‍तम हों, best हों, तभी ‘एक भारत-श्रेष्‍ठ भारत’ की परिकल्‍पना साकार होगी। हम आयात को कम से कम करने की दिशा में योगदान करेंगे, हम अपने लघु उद्योगों को सशक्‍त करेंगे, हम सब लोकल के लिए वोकल बनेंगे और हम ज्‍यादा innovate करेंगे… हम empower करेंगे- अपने युवाओं को, महिलाओं को आदिवासियों को, दिव्‍यांगों को, दलितों को, गरीबों को, गांवों को, पिछड़ों को, हर किसी को।

वर्ष 2022 हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व अब बस आ ही गया है। हम एक कदम दूर है। हमें दिन-रात एक कर देना है।

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय,

वंदे मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्,

जय हिंद, जय हिंद।

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