• July 31, 2018

जब तक सूरज चांद रहेगा-उधम सिंह तेरा नाम रहेगा –प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, राज्यपाल

जब तक सूरज चांद रहेगा-उधम सिंह तेरा नाम रहेगा –प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी,  राज्यपाल

इन्द्री/करनाल (जनसंपर्क विभाग) ———- हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि 21वीं सदी में एक भारत-श्रेष्ठ भारत बनाने की जरूरत है, हमें देश की एकता, अखंडता, आपसी प्रेम-प्यार, भाईचारा, शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

उन्होंने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस की याद को जाता करते हुए कहा कि “जब तक सूरज चांद रहेगा-उधम सिंह तेरा नाम रहेगा”, शहीद उधम सिंह के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनके बलिदान की चिंगारी से ही अंग्रेजों को भारत छोडऩे पर विवश होना पड़ा और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी ने भी उनके बलिदान से प्रेरणा लेकर 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरूआत की थी और भारतीयों का आह्वान किया था या तो अंग्रेजों को भगाओ या खुद मर जाओ।

राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी को इन्द्री की नई अनाज मंडी में हरियाणा काम्बोज महासभा की ओर से आयोजित शहीद उधम सिंह के 78वें बलिदान दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

राज्यपाल ने इस अवसर पर शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि दी और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुभारम्भ किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने की।

विशिष्ट अतिथि के रूप में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, राज्यमंत्री कृष्ण बेदी, नायब सिंह सैनी, घरौंडा के विधायक एवं हैफेड के चेयरमैन हरविन्द्र कल्याण, नीलोखेड़ी के विधायक भगवानदास कबीरपंथी, थानेसर के विधायक सुभाष सुधा, पूर्व विधायक कृष्ण काम्बोज, राकेश काम्बोज, चौ. बंता राम बाल्मीकि, डेरा बाबा बुमनशाह के गद्दीसीन बाबा ब्रह्मदास, हरियाणा काम्बोज महासभा के प्रदेशाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह व जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह काम्बोज सहित अन्य गणमान्य लोगों ने शहीद उधम सिंह को श्रद्धांजलि दी।

राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि भारत का सही व्यक्ति वही है जो ठान लेता है वो करके दिखाता है, उधम सिंह भी ऐसे महान वीर शहीदों में से एक थे। उन्होंने देश की आन-बान-शान की खातिर बचपन में अंग्रेजों से बदला लेने की जो प्रतिज्ञा की थी उसे पूरा करके दिखाया। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि शहीद उधम सिंह ने जब लंदन में माइकल ओ-ड्वायर को गोलियों से भूना तो उसे सबसे पहले ——–एक महिला ने पकड़ा और पूछा कि तेरी गन में अभी 3 गोलियां और बाकी हैं ये क्यों नहीं चलाई, मुझे क्यों नहीं मारते —- उधम सिंह ने कहा कि मैं ऐसे भारत देश का वासी हूं जहां निहत्थे लोगों पर वार नहीं करते और महिलाओं की इज्जत करते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें भी चाहिए कि हम शहीद उधम सिंह के बताए हुए मार्ग पर चलकर अपनी समाज की महिलाओं का सम्मान करें, यही उधम सिंह को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

कार्यक्रम के अध्यक्ष एवं मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि खुशनसीब होते हैं वो लोग जिनका खून देश के काम आता है। हमारा इतिहास बलिदानों से भरा पड़ा है।

देश के लिए कुर्बान होने वालों में ऐसे ही महान वीर देशभक्त व क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह भी एक हैं। उन्होंने बताया कि 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गांव में जन्म उधम सिंह जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के प्रत्यक्षदर्शी थे।

अंग्रेजों द्वारा किए गए भयानक नरसंहार का बदला लेने का प्रण लिया। आखिरकार 13 मार्च, 1940 को वह दिन आया जब लंदन के कैक्स्टन हॉल की बैठक में उन्होंने माइकल ओ-ड्वायर की गोली मारकर विदेश में अपने देश के सम्मान का बदला लिया और अपना प्रण पूरा किया। उन्होंने देशवासियों के समक्ष राष्ट्र भक्ति, त्याग और बलिदान की एक अनूठी मिसाल कायम की जोकि देशवासियों, विशेषकर युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

कार्यक्रम में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने शहीद उधम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनकी देश भक्ति के जज्बे को समूचा राष्ट्र सलाम करता है। शहीद उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की घटना से प्रेरित होकर निहत्थे, निर्दोष लोगों की हत्या को देखकर देश की आन-बान-शान के लिए प्रण लिया कि मैं इस नरसंहार का बदला गौरी सरकार से एकदिन जरूर लूंगा। आखिर उन्होंने उस संकल्प को 13 मार्च, 1940 में पूरा करके दिखाया। उन्होंने बताया कि उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह था।

उन्होंने हरियाणा सरकार को बधाई देेते हुए कहा कि यह पहली सरकार है जिन्होंने शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस के अवसर पर सरकारी अवकाश घोषित किया है। इतना ही नहीं लोगों की आस्था को देखते हुए देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने शहीद उधम सिंह की अस्थियों को अपने देश में लेकर आने का काम किया।

इस अवसर पर डेरा बाबा बूमनशाह के गद्दीसीन बाबा ब्रह्मदास ने कहा कि हिंदुस्तान महान शूरवीरों की धरती है जिन्होंने भारत माता की आन-बान-शान की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी। ऐसे वीर शहीदों को कोटि-कोटि नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि शहीदों को यही श्रद्धांजलि होगी कि हमें बुराईयों का डटकर विरोध करना चाहिए क्योंकि जब उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की घटना में हुए अन्याय को देखा तो उनका खून खौल गया था और उन्होंने उस घटना का बदला लेने का प्रण लिया।

हरियाणा काम्बोज महासभा के प्रधान भूपेन्द्र सिंह ने मुख्य अतिथि महामहीम राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी व कार्यक्रम के अध्यक्ष मंत्री कर्णदेव काम्बोज सहित सभी विशिष्ट अतिथियों तथा भारी जनसमूह का स्वागत किया और सभा की ओर से सभी को शहीद उधम सिंह का चित्र व शॉल भेंटकर सम्मानित किया और सभा की ओर से मांग पत्र मुख्य अतिथि को सौंपा। सभा की मांग पर काम्बोज धर्मशाला कुरूक्षेत्र के लिए मंत्री कर्णदेव काम्बोज ने 21 लाख रुपये, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार, विधायक सुभाष सुधा ने 11-11 लाख रुपये देने की घोषणा की।

मंत्री विपुल गोयल ने भी भवन के लिए 11 लाख रुपये की राशि की स्वीकृति सभा को भेजी। कार्यक्रम में मंच का संचालन जयप्रकाश काम्बोज ने किया।

इस अवसर पर भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष विकास काम्बोज, सभा के पूर्व प्रधान गोपीचंद, ज्ञान चंद, इन्द्री ब्लॉक अध्यक्ष सुमेर चंद, सभी पदाधिकारी व सदस्यगण तथा प्रशासन की ओर से उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया, पुलिस अधीक्षक एस.एस. भोरिया, एसडीएम ईशा काम्बोज भी उपस्थित थे।

(श्रोत – नवसंचारसमाचार फेसबूक)

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