• December 2, 2014

जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद रखते हुए कार्य करें जिला परिषदें – ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद रखते हुए कार्य करें जिला परिषदें  – ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

जयपुर – ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा है कि जिला परिषदें अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से सीधा संवाद रखते हुए कार्य करें ताकि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्र की जनता की आकांक्षाओं पर खरी उतर सके। श्री गोयल सोमवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में शुरू हुई ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज योजनाओं की प्रगति की दो-दिवसीय समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे।

श्री गोयल ने बताया कि बजट होने के बावजूद समय पर कार्य स्वीकृत न करने तथा मॉनीटरिंग के अभाव में राशि लैप्स हो जाना सहन नहीं किया जाएगा। जो जिला परिषदें अब तक स्वीकृतियां जारी करने या काम करने में पीछे हैं, उनमें संबंधित अधिकारियों के विरुद्घ कार्रवाई की जाएगी।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री ने कहा कि पंचायती राज में विकास की राशि 85 प्रतिशत ग्राम पंचायतों को सीधे हस्तांतरित की जाती है, जबकि 12 प्रतिशत पंचायत समितियों एवं तीन प्रतिशत जिला परिषदों के माध्यम से दी जाती है। उन्होंने कहा कि जिला परिषदों को इस राशि से होने वाले कार्यों के लिए स्वीकृतियां जल्द से जल्द जारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांवों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत बनने वाली सीसी सड़कों की गुणवत्ता की प्रभावी मॉनीटरिंग सुनिश्चित कराई जाए।

उन्होंने स्वच्छता पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के विशेष फोकस का उल्लेख करते हुए कहा कि जिला परिषदें स्वच्छता के प्रति लोगों को मोटिवेट करने में प्रभावी भूमिका निभाएं एवं स्वच्छ भारत मिशन के लक्ष्यों को पूरा करें ताकि ग्राम पंचायत स्तर पर सीवरेज, कम्युनिटी सेंटर आदि के लिए निर्धारित अतिरिक्त धनराशि का लाभ भी मिल सके।

श्री गोयल ने कहा कि सांसद एव विधायक क्षेत्रीय विकास निधि से होने वाले विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के बाद तकनीकी स्वीकृति जारी करने में देरी नहीं होनी चाहिए।

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री श्रीमत् पाण्डे ने कहा कि क्षेत्रीय विकास के कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों को गम्भीरता से लेते हुए उन्हें लागू करने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 के लिए प्रशासनिक, तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृतियां शीघ्रता से जारी की जाएं।

पंचायतीराज सचिव श्री राजेश यादव ने इस वित्त वर्ष में अब तक की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि विभाग में इस वर्ष अक्टूबर माह तक करीब ढाई हजार करोड़ रुपए विकास कार्य खर्च किए जा चुके हैं जबकि गत वर्ष 988 करोड़ रुपए ही खर्च किए जा सके थे। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत इस वित्त वर्ष में प्रदेश में 7 लाख शौचालयों के निर्माण का जो लक्ष्य भारत सरकार की ओर से दिया गया है, उसे हासिल करने के लिए और तेजी से कार्य करने की जरूरत है।

इस समीक्षा बैठक में पहले दिन इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान के महानिदेशक श्री कुंजीलाल मीणा, ग्रामीण विकास सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर, विभिन्न जिलों की जिला परिषदों की मुख्य कार्यकारी अधिकारी व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply