- August 2, 2021
जनता दरबार मेँ लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के विरुद्ध आवाज
विभाग द्वारा मुख्यमंत्री को गाली देने की बाते युवक ने कही।
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पटना —- मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचे फरियादी बताने लगे कि उन्होंने जो लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम बनाया था, वह काम का नहीं रहा है। उसमें फैसला पक्ष में आने पर भी कार्रवाई नहीं हो रही है। यह सुनते ही CM गुस्से में आ गए।
उन्होंने मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त आमिर सुबहानी सहित कई अधिकारियों को बुलाया। कहा- ‘आप लोग देखिए, अभी कुछ ही लोगों से मिले हैं तो लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से जुड़ी समस्या आ रही है। अभी और भी समस्या होगी। यानी इसकी मॉनिटरिंग नहीं हुई है’।
कहा जाता है कि CM नीतीश कुमार ने 2016 में जनता दरबार को इसलिए बंद किया था कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत लोगों की समस्याएं सुलझ जाएंगी। CM पिछले पांच साल से इस खुशफहमी में थे कि उनके द्वारा लाया गया अधिनियम बेहतर तरीके से काम कर रहा है। अब जब दुबारा नीतीश कुमार ने जनता दरबार शुरू किया है तो इसी अधिनियम से जुड़ी शिकायतें आने लगी हैं।
भू-अर्जन में गई जमीन का पैसा दिलाने की फरियाद पर मुख्य सचिव तलब
पश्चिमी चंपारण के एक बुजुर्ग फरियादी ने CM से कहा- ‘मैंने पत्नी के नाम पर एक कट्ठा जमीन लिया था। उसमें से थोड़ी सी जमीन भू-अर्जन में चली गई। भू-अर्जन पदाधिकारी से शिकायत की कि मेरे जमीन का पैसा मिलना चाहिए।
भू-अर्जन पदाधिकारी ने मेरी शिकायत नहीं सुनी। इसके बाद मैंने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत शिकायत की। लोक शिकायत से आदेश हुआ कि मेरा भुगतान किया जाए, लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं किया गया। मुझे पैसा तो नहीं ही दिया गया, उल्टे धमकाया गया’। बुजुर्ग ने कहा कि वो 2010 में भी इसकी शिकायत लेकर CM के जनता दरबार में आ चुके हैं, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई है।
जनता दरबार में मुजफ्फरपुर से आए एक युवक ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा- ‘दाखिल-खारिज कराने और निबंधन कराने जाते हैं तो अधिकारी और कर्मचारी बदतमीजी करते हैं। यहां तक कि आपको भी गंदी बात कहते हैं। कहते हैं, कहीं भी चले जाओ, तुम्हारा काम नहीं होगा। CM और PM के पास भी तुम्हारा काम नहीं होगा’।
उस युवक ने CM नीतीश कुमार से कहा – सर, आपको भी बुरा-भला कहते हैं। इस पर CM ने तुरंत अधिकारी को फोन करके इस पर एक्शन लेने को कहा।