- December 19, 2015
जनजाति अंचल में सुनहरे भविष्य के सपने – कल्पना डिण्डोर
जिला० ज०अ० (बांसवाड़ा) – राजस्थान प्रदेश में युवाओं के भविष्य को सँवारने तथा उन्हें व्यक्तित्व विकास के अवसर सुलभ कराने के लिए विभिन्न स्तरों पर ठोस प्रयासों को अंजाम दिया जा रहा है।
विभिन्न विधाओं का प्रशिक्षण मुहैया करा कर युवाओं का हुनर निखारने के प्रयासों के साथ ही इन्हें आत्मनिर्भरतापरक गतिविधियों से जोड़ने की भरसक कोशिशें की जा रही हैं ताकि युवा अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी तकदीर बदल कर जीवन को सुनहरा बना सकें।
युवा शक्ति को संबल प्रदान कर सामाजिक एवं आर्थिक विकास की धाराओं का प्रवाह तीव्र करने में राज्य सरकार ने हाल के दो वर्ष में खूब प्रयास किए हैं। इस दिशा में राजस्थान प्रदेश में विभिन्न योजनाओं का सार्थक सूत्रपात हुआ है।
खासकर राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की योजनाएँ युवाओं को सुरक्षित एवं उन्नत भविष्य प्रदान करने में उल्लेखनीय भूमिका का निर्वाह कर रही हैं।
निगम द्वारा अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से युवाओं को किसी न किसी स्वावलम्बनदायी कौशल से जोड़कर रोजगार का उपयुक्त बंदोबस्त किया जा रहा है। जनजाति बहल बांसवाड़ा जिले में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की गतिविधियां स्थानीय युवाओं के लिए वरदान सिद्ध हो रही हैं।
बांसवाड़ा जिले में रोजगारोन्मुखी कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत गत दो वर्षो में एक हजार 521 युवाओं को विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया गया एवं लगभग 7 सौ पचास से अधिक युवाओं को विभिन्न नियोक्ताओं के पास रोजगार एवं नियुक्ति प्रदान की गई है।
बांसवाड़ा जिले में इस योजना में 5 कौशल प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। नियमित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्र्तगत 60 युवतियां सिलाई दक्षता में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। इसी ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की पं. दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना में निगम द्वारा 43 प्रोजेक्ट इंप्लीमेन्टिंग पार्टनर्स के साथ एमओयू पारित किये गये हैं।
इस योेेजना के अन्र्तगत जिले में 85 युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं एवं 65 युवा रोजगार से जुड़ कर आजीविका संवर्धन कर चुके हैं। कन्वर्जन्स योजना के तहत विभिन्न विभागों व संस्थाओं द्वारा अपनी लघु अवधि प्रशिक्षण योजनाओं को निगम को स्थानान्तरित कर दिया गया है। कौशल विकास से संबंधित गतिविधियों को विभिन्न एजेंसियों से जोड़कर इसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।
जिला प्रशासन एवं आरएसएलडीसी द्वारा आयोजित विशेष ग्राम सभाओं में जिले के करीब 5 हजार 600 युवाओं ने विभिन्न प्रशिक्षण हेतु आवेदन किया है। प्रथम विश्व युवा कौशल दिवस पर विविध आयोजन कर सरकार की मंशानुरूप युवाओं में कौशल एवं आजीविका मिशन के उद्देश्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया और युवाओं को उपयोगी जानकारी दी गई।
विभागीय योजनाएं दे रही सुकून
इसी प्रकार उद्योग विभाग की स्व रोजगारपरक योजनाओं के माध्यम से जिले के युवाओं को आत्मनिर्भरतादायी गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।
उद्योग विभाग द्वारा स्किल बेस्ड ईडीपी के तहत 20 एवं गृह उद्योग योजना में 74 महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है, जबकि 51 महिलाएं प्रशिक्षणरत हैं। उद्यमिता प्रशिक्षण के तहत छह कार्यक्रम आयोजित कर 153 लोगों को प्रशिक्षण से लाभान्वित किया गया।
उद्योगों को प्रोत्साहन देने के क्रम में विभाग द्वारा तीन महिला औद्योगिक शिविर, औद्योगिक प्रोत्साहन के तहत जिला स्तर पर एक तथा पंचायत समिति स्तर पर नौ शिविरों का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 143 लाख रुपये का अनुदान वितरित कर पात्र अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया गया। इसी तरह मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत 128 आवेदन पत्रों को स्वीकृत कर 14.95 लाख रुपये का अनुदान वितरण कर लाभान्वित किया गया। जिले में युवाओं को स्वावलम्बी बनाकर आजीविका निर्वाह की व्यवस्था के लिए विभिन्न स्तरों पर बहुमुखी प्रयास किए जा रहे हैं।