- July 31, 2019
जज जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कानून (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज
नई दिल्ली ———- सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कानून (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज करने की इजाजत दे दी है. देश के इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब सीबीआई हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज के खिलाफ केस दर्ज करेगा.
बता दें कि हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन. शुक्ला पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं. जस्टिस शुक्ला पर यूपी के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के लिए प्रवेश में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गड़बड़ी करने के आरोप हैं. कहा गया कि निजी मेडिकल कॉलेज को लाभ पहुंचाने के लिए जस्टिस शुक्ला ने सत्र 2017-18 में प्रवेश तिथि बढ़ाई थी.
यही वजह है कि जस्टिस एसएन शुक्ला के न्यायिक फैसले लेने पर जनवरी 2018 से रोक लगी हुई है. वहीं, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कार्यस्थल परिवर्तन प्रस्ताव भी ठुकरा दिया है. खास बात है कि सीजेआई ने पीएम मोदी को जून माह में पत्र लिखकर संसद में अभियोग लाकर जस्टिस शुक्ला को पद से हटाने की मांग भी की है.
ये है मामला
उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह की शिकायत पर सितंबर 2017 में सीजेआई दीपक मिश्रा ने एक आंतरिक जांच समिति गठित कर दी थी. इस समिति में मद्रास हाई कोर्ट की तत्कालीन चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी, सिक्किम हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस एस के अग्निहोत्री और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पीके जयसवाल शामिल थे.
समिति को जांच कर पता करना था कि क्या जस्टिस शुक्ला ने वाकई सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों के ऐडमिशन की समय सीमा बढ़ा दी थी ? कोर्ट के आंतरिक जांच में समिति ने जस्टिस शुक्ला को गंभीर न्यायिक कदाचार का दोषी पाया था.