जंगली जानवरों से पीड़ित नौ हजार 581 परिवार : सात करोड़ 27 लाख 81 हजार रूपए का मुआवजा

जंगली जानवरों से पीड़ित नौ हजार 581 परिवार : सात करोड़ 27 लाख 81 हजार रूपए का मुआवजा

छत्तीसगढ-     राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 के प्रथम छह महीनें में जंगली जानवरों से पीड़ित नौ हजार 581 परिवारों  को सात करोड़ 27 लाख 81 हजार रूपए का मुआवजा वितरित किया  जा चुका है। यह राहत राशि इन परिवारों को एक अप्रैल 2015 से 31 अक्टूबर 2015 की अवधि में दी गई है।

यह जानकारी आज यहां वन मंत्री श्री महेश गागड़ा की अध्यक्षता में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में दी गई। अधिकारियों ने बताया कि इन मुआवजा प्रकरणों में जनहानि के 64 मामलों सहित घायल व्यक्तियों के 394, पशु हानि के 633 और फसल तथा सम्पत्ति हानि के आठ हजार 490 प्रकरण शामिल हैं।

वन मंत्री श्री गागड़ा ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि वन्य प्राणियों से पीड़ित परिवारों को मुआवजा राशि एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से वितरित कर दी जाए। श्री गागड़ा ने जंगली जानवरों  द्वारा गांवों में फसलों आदि को नुकसान पहुंचाने जाने और अधिकारियों द्वारा मुआवजा वितरण के मामलों की वन मंडलवार समीक्षा की। श्री गागड़ा ने राज्य के विभिन्न जिलों में जंगली हाथियों के विचरण और उन पर नियंत्रण के उपायों के बारे में भी अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया।

बैठक में बताया गया कि वन्य प्राणियों से हो रही क्षति पूर्ति के लिए वन विभाग के कैम्पा मद से वनमण्डलों को दो करोड़ रूपये अतिरिक्त आबंटन किया गया है। जिसमंे वनमण्डल कोरबा को 15 लाख, धरमजयगढ़ को 15 लाख, बलौदाबाजार को 25 लाख, महासमुंद को 25 लाख, जशपुर को 55 लाख, बलरामपुर को 30 लाख एवं वनमण्डल सरगुजा को 35 लाख कैम्पा मद अंतर्गत स्वीकृत किया गया है। प्रदेश के वन विभाग द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य के समस्त चार वन्यप्राणी वृत्तों को कुल 8 करोड़ रूपये वितरित किया गया था। जिसमें रायपुर वृत्त को 78 लाख, बिलासपुर वृत्त को दो करोड़ 84 लाख, सरगुजा वृत्त को तीन करोड़ 90 लाख तथा जगदलपुर वृत्त को 48 लाख वितरित किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि वन्य प्राणियों द्वारा किए गए हानि की क्षतिपूर्ति मुआवजा के रूप में राज्य के कोरिया वनमण्डल को 42 लाख रूपये आबंटन दिया गया था जिसमें से 36 लाख 16 हजार रूपये व्यय किया गया है, सरगुजा वनमण्डल द्वारा एक करोड़ 3 लाख के विरूद्ध एक करोड़ 2 लाख रूपये व्यय किया गया है। इसी प्रकार जशपुर वनमण्डल द्वारा 97 लाख के विरूद्ध 96 लाख 85 हजार व्यय, रायगढ़ वनमण्डल द्वारा एक करोड़ 32 लाख के विरूद्ध एक करोड़ 11 लाख 90 हजार व्यय, कोरबा वनमण्डल द्वारा एक करोड़ 15 लाख के विरूद्ध एक करोड़ 8 लाख 53 हजार व्यय, जांजगीर-चांपा वनमण्डल द्वारा एक लाख के विरूद्ध 74 हजार व्यय, बिलासपुर वनमण्डल द्वारा 34 लाख के विरूद्ध 33 लाख 46 हजार रूपये, कवर्धा वनमण्डल द्वारा 7 लाख के विरूद्ध 7 लाख व्यय, राजनांदगांव वनमण्डल द्वारा 8 लाख 40 हजार के विरूद्ध 3 लाख 33 हजार व्यय, दुर्ग वनमण्डल द्वारा 50 हजार के विरूद्ध 18 हजार रूपये व्यय किया गया है।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि रायपुर वनमण्डल द्वारा 3 लाख 50 हजार के विरूद्ध 70 हजार व्यय, महासमुंद वनमण्डल द्वारा 8 लाख के विरूद्ध 7 लाख 52 हजार रूपये, धमतरी वनमण्डल द्वारा 10 लाख 60 हजार के विरूद्ध 10 लाख 10 हजार रूपये व्यय, कांकेर वनमण्डल द्वारा 13 लाख के विरूद्ध 8 लाख 96 हजार व्यय, बस्तर वनमण्डल द्वारा 8 लाख 50 हजार के विरूद्ध 33 हजार व्यय, दन्तेवाड़ा वनमण्डल द्वारा 9 लाख 50 हजार के विरूद्ध 7 लाख 19 हजार व्यय, नारायणपुर वनमण्डल द्वारा 4 लाख 50 हजार के विरूद्ध 2 लाख 71 हजार व्यय, बीजापुर वनमण्डल द्वारा 3 लाख 50 हजार के विरूद्ध एक लाख 86 हजार रूपये व्यय किया गया है। बलौदाबाजार वनमण्डल द्वारा 17 लाख के विरूद्ध 16 लाख 77 हजार व्यय, गरियाबंद वनमण्डल द्वारा 21 लाख के विरूद्ध 16 लाख 25 हजार व्यय, मुंगेली वनमण्डल द्वारा 2 लाख के विरूद्ध एक लाख 26 हजार व्यय, बालोद वनमण्डल द्वारा 2 लाख के विरूद्ध 72 हजार व्यय, कोण्डागांव वनमण्डल द्वारा 6 लाख 50 हजार के विरूद्ध 4 लाख 48 हजार व्यय, सुकमा 2 लाख 50 हजार के विरूद्ध एक लाख 3 हजार रूपये व्यय, बलरामपुर वनमण्डल द्वारा 63 लाख के विरूद्ध 62 लाख 92 हजार व्यय एवं सुरजपूर वनमण्डल द्वारा 85 लाख के विरूद्ध 84 लाख 93 हजार रूपये व्यय किया गया है। इस प्रकार कुल आठ करोड़ रूपए आवंटन के विरूद्ध 727.81 लाख व्यय किया जा चुका है।

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