छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अब ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक आने से मिली मुक्ति

छोटी-छोटी समस्याओं के लिए अब ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक आने से मिली मुक्ति

जांजगीर-चांपा (छत्तीसगढ) -जिले के दूरस्थ क्षेत्रों के ग्रामीणों को अपनी छोटी-मोटी समस्याओं और मांगों के लिए जिला मुख्यालय तक का सफर न करना पड़े इसके लिए कलेक्टर श्री ओ.पी.चौधरी के निर्देशन में जिले के सभी अनुभाग मुख्यालयों में भी प्रत्येक सोमवार के दिन जनदर्शन लगाकर लोगों की समस्याओं का त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जा रहा है।

       आज जिला मुख्यालय जांजगीर अनुभाग में अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री संतोष गुप्ता ने जनदर्शन में ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। यहां अकलतरा निवासी श्रीमती उमा खाण्डे ने पूर्व माध्यमिक शाला में मध्यान्ह भोजन में गड़बड़ी तथा श्री कमलेश चौबे ने पारिवारिक विवाद से संबंधित आवेदन दिए जिस पर आवश्यक कार्यवाही के लिए तहसीलदार को प्रेषित किया गया है। इसी तरह पामगढ़ अनुभाग में अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री के.के.शर्मा ने जनदर्शन में ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। यहां कोनार की श्रीमती पीराबाई ने कम्प्यूटर में नक्शा व खसरा में नाम जुड़वाने तथा ग्राम पंचायत खोरसी में डाटा एन्ट्री ऑपरेटर की नियुक्ति के संबंध में आवेदन दिए जिनका त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया गया।
चांपा में अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री अरविन्द शर्मा ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना। यहां अफरीद के श्री लक्ष्मीनाथ राठौर ने पटवारी द्वारा कार्य नही किए जाने की शिकायत की। जिस पर संबंधित पटवारी को कारण बताओं सूचना पत्र जारी किया गया। इसी तरह किकिरदा के ग्रामीणों ने नदी के किनारे अवैध रूप से पत्थर तौड़ाई किए जाने तथा चांपा की श्रीमती रामप्यारी ने चौक में नाली निर्माण कार्य में आपत्ति दर्ज कराई। जिस पर उनके आवेदनों पर जांच के निर्देश दिए गए है।
डभरा अनुविभागीय अधिकारी श्रीमती रीता यादव को श्री सत्येन्द्र पाल सिंह ने आवेदन दिया कि उसने रजिस्टर बिक्रीपत्र में 30 डिसमिल जमीन खरीदी है पर मौके पर 20 डिसमिल ही है जिस पर श्रीमती यादव ने सीमांकन कराने के निर्देश तहसीलदार को दिए है। सक्ति अनुविभाग में अनुविभागीय दण्डाधिकारी श्री शिव अनंत तयाल द्वारा ग्रामीणों की मांगों व समस्याओं को सुना गया और उनके त्वरित निराकरण के लिए संबंधित विकासखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply