- June 12, 2018
छात्राओं को पोर्न वीडियो दिखलाने की सजा सिर्फ स्थानांतरण ?
सीधी———– छात्राओं को पोर्न वीडियो दिखलाने की सजा मात्र स्थानांतरण ? शासकीय माडल माध्यमिक विद्यालय सीधी की यह घटना जब अखबारों की सुर्खिया बनी तब विभाग चेता और एक महिला शिक्षिका को दोषी मानते हुये तथा साथ में एक पुरुष शिक्षक का स्थानांतरण कर, अपने दायित्व से मुक्त हो गया।
विज्ञप्ति अनुसार जिला षिक्षा अधिकारी पारस नाथ शुक्ल ने बताया कि समाचार पत्रों में प्रकाषित समाचार स्कूल में छात्राओं को मोबाइल पर षिक्षक ‘‘पोर्न मूवी’’ दिखाते है, जिसके उपरांत कलेक्टर के निर्देषानुसार विकासखण्ड षिक्षा अधिकारी को जाॅच दी गई।
विकासखण्ड षिक्षा अधिकारी सीधी के प्रतिवेदन अनुसार अजीता द्विवेदी एवं सत्येन्द्र गौतम के आपसी मतभेद के कारण यह निन्दनीय कृत्य किया गया तथा विद्यालय की प्रतिष्ठा को गिराया गया है।
विद्यालय में कार्यरत षिक्षिका अजीता द्विवेदी इस पूरे घटना क्रम के लिये उत्तरदायी प्रतीत होती है। श्रीमती द्विवेदी को किसी अन्य विद्यालय मे पदांकित करना उचित होगा जिससे भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
उक्त प्रतिवेदन के आधार पर श्री शुक्ल ने अजीता द्विवेदी सहायक षिक्षक शास. माध्यमिक माडल स्कूल सीधी, संकुल शास. उत्कृष्ट उ.मा.वि.क्र.-1, सीधी को शास.पूर्व.मा.वि. करौदिया (पानी की टंकी) संकुल केन्द्र शास.उ.मा.वि.क्र.-2 सीधी मे तत्काल प्रभाव से प्रषासनिक स्थानान्तरण किया है।
संकुल प्राचार्य द्वारा सतेन्द्र गौतम को तत्काल प्रभाव से माध्यमिक विभाग से प्राथमिक विभाग में पदस्थ कर दिया गया, भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो, अतः सतेन्द्र गौतम सहायक षिक्षक को शास.पूर्व.मा.वि. मधुरी, संकुल शा.उ.मा.वि.क्र.2 सीधी में स्थानान्तरित किया गया है।
काबिलेगौर तथ्य यह है कि दो शिक्षकों के बीच मनमुटाव था, जिसकी वजह से पोर्न मूवी छात्राओं को दिखलाई गई। लेकिन विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने दोषी सिर्फ महिला शिक्षक श्रीमती अजीता द्विवेदी को माना ? क्या एक स्वस्थ्य मनःस्थिति वाली महिला शिक्षिका छात्राओं के साथ यह कृत्य कर सकती है ? आखिर मन मुटाव का कारण क्या था ? अश्लील चित्रण (पोर्न मूवी) दिखाने का सारा दोष यदि श्रीमती अजीता द्विवेदी का था, तो फिर बेकसूर सतेन्द्र गौतम को क्यों हटाया गया ?
शासकीय माडल स्कूल में अध्ययनरत् माध्यमिक कक्षा की बालिकायें 18 वर्ष से कम आयु वर्ग की होंगी। तब इस अपराध के लिये ‘‘ लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण ’’ अधिनियम- 2012 के प्रावधानों के तहत् कार्यवाही कयों नहीं की गई ? शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति से आखिर वह क्या संदेश देना चाहते हैं ? इससे तो यही तथ्य उजागर हुआ कि शासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति के लिये अनिवार्य किये गये स्मार्ट फोन का इस तरह भी दुरुपयोग किया जा सकता है।
विदित हों कि यह वाकया जनवरी 2018 का है। माडल स्कूल की छात्रायें गणतंत्र दिवस समारोह हेतु कार्यक्रम की तैयारी कर रही थीं। कुछ स्काउट की छात्रायें छत्रसाल स्टेडियम चली जाती थीं और कुछ की सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारी विद्यालय में ही करवाई जा रही थी, तभी उन्हें तथाकथित स्थानांतरित शिक्षक द्वारा अश्लील वीडियो दिखलाया गया। इसकी जानकारी होने पर शिक्षिका अजीता द्विवेदी ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक को उपरोक्त की जानकारी दी। प्रधानाध्यापक द्वारा भी संज्ञान न लेने पर, परिजनों ने मीडिया का सहारा लिया था।
विजय सिंह
स्वतंत्र पत्रकार
19, अर्जुन नगर सीधी