छत्तीसगढ़ राज्य के इकलौता शासकीय कैंसर संस्थान में अत्याधुनिक मशीनों का लोकार्पण

छत्तीसगढ़ राज्य के  इकलौता शासकीय कैंसर  संस्थान में अत्याधुनिक मशीनों का लोकार्पण

रायपुर —–(छ०गढ)—————— मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और डॉ. अम्बेडकर अस्पताल परिसर स्थित राज्य सरकार के क्षेत्रीय कैंसर संस्थान में लगभग 14 करोड़ रूपए की लागत वाली अत्याधुनिक मशीनों का लोकार्पण किया।

इनमें द्वितीय लीनियर एक्सीलरेटर और रेपीड आर्क स्ट्रीरियोटैªक्टिक मशीन शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने समारोह में कहा कि राज्य सरकार कैंसर पीड़ितों को बेहतर से बेहतर चिकित्सा सुविधा दिलाने के लिए वचनबद्ध है। इसी कड़ी में आज यहां इन अत्याधुनिक मशीनों की स्थापना की गई है। गरीबों का यहां निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलेगी।CM-Photo (1)(1)

मुख्यमंत्री ने इस बात पर खुशी जताई कि इन मशीनों के जरिए किसी भी व्यक्ति में कैंसर के होने अथवा नहीं होने की पुष्टि सिर्फ 15 मिनट के भीतर की जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज का यह कैंसर चिकित्सा संस्थान छत्तीसगढ़ का ही नहीं बल्कि पूरे देश का पहला ऐसा संस्थान है, जहां इस प्रकार के आधुनिक उपकरणों की सुविधा आज से शुरू की गई है। डॉ. सिंह ने कहा कि चिकित्सा विज्ञान के नये आविष्कारों ने कैंसर के इलाज को बहुत आसान बना दिया है।

डॉ. सिंह ने इस अवसर पर संस्थान में आधुनिक कोबाल्ट थेरेपी मशीन की स्थापना के लिए राज्य सरकार की ओर से आवश्यक वित्तीय सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने लोकार्पण के बाद इन मशीनों का अवलोकन भी किया।

लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री अजय चंद्राकर ने की। विशेष अतिथि के रूप में कृषि और जल संसाधन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत, रायपुर उत्तर के विधायक श्री श्रीचंद सुदंरानी, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री प्रमोद दुबे और अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज समारोह में उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि की आसंदी से समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज स्थापित नवीन सुविधाओं के विस्तार से लोगों को अब मुम्बई और दिल्ली जैसे सुदूर महानगरों में जाने की जरूरत नहीं होगी।  उन्होंने कहा – निजी चिकित्सा संस्थानों में कैंसर के उपचार के लिए पांच लाख से आठ लाख रूपए तक खर्च आता है, जबकि छत्तीसगढ़ सरकार के क्षेत्रीय कैंसर चिकित्सा संस्थान में आज लोकार्पित इन मशीनों से गरीबी रेखा (बी.पी.एल) श्रेणी के मरीजों का इलाज निःशुल्क होगा।

डॉ. सिंह ने लोक सुराज अभियान के अपने अनुभवों को साझा करते हुए इस बात पर खुशी जताई कि राज्य के दूर-दराज, नक्सल प्रभावित इलाकों में भी प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकांश डॉक्टर और पैरामेडिकल कर्मचारी अपने-अपने मुख्यालयों में नियमित रूप से रहकर जनता की सेवा कर रहे हैं।

समारोह में मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज के पूर्व अधिष्ठाता पदमश्री सम्मानित डॉ. ए.टी. दाबके सहित अन्य पूर्व अधिष्ठाताओं डॉ. टी.एन. मेहरोत्रा, डॉ. ए.पी. राजशेखर, डॉ. ए.के. शर्मा, डॉ. पी. एस. तिवारी, डॉ. एम.के. गोयल, डॉ. सुबीर मुखर्जी और डॉ. पी.के. शुक्ला को शॉल एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।

अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अजय चंद्राकर ने कहा कि पहले मध्यप्रदेश की गणना बीमारू राज्य के रूप में होती थी। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के उपरांत पिछले एक दशक में स्वास्थ्य सुविधाओं में बेहतर विस्तार किया गया है। प्रदेश में अब पांच मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज एवं ए.एन.एम. टेªनिंग सेंटरों की संख्या में वृद्धि हुई है। मानव विकास सूचकांक देखा जाए तो अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।

कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज के समय में कैंसर एवं इस बीमारी की खौफ लोगों में कायम रहता है। इसके उपचार के लिए व्यक्ति को जमीन, जायदाद, गहने तक बेचने की नौबत आती है। रायपुर में स्थापित देश का यह तीसरा संस्थान होगा, जहां कैंसर के मरीजों का बेहतर उपचार किया जाएगा और गरीबों को यह सुविधा निःशुल्क मिलेगी।

 उन्होंने अम्बेडकर अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज के टीम को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री एम.के. राउत, स्वास्थ्य विभाग की प्रभारी सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा और संचालक स्वास्थ्य श्री आर. प्रसन्ना सहित मेडिकल कॉलेज एवं अम्बेडकर अस्पताल के अनेक चिकित्सक एवं प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

हमारे क्षेत्रीय कैंसर संस्थान में हर साल करीब 40 हजार मरीजों का इलाज

समारोह में बताया गया कि राजधानी रायपुर में संचालित राज्य सरकार का क्षेत्रीय कैंसर संस्थान भारत के 27 क्षेत्रीय कैंसर संस्थानों में से सत्रहवां है, जो पंडित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के रेडियो थैरेपी विभाग और डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल में संचालित है।

यह छत्तीसगढ़ राज्य का इकलौता शासकीय कैंसर चिकित्सालय है, जहां छत्तीसगढ़ सहित आसपास के राज्यों जैसे-ओड़िशा, झारखण्ड, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश और अन्य कई राज्यों के मरीज इलाज के लिए आते हैं। रायपुर के इस संस्थान के रेडियो थैरेपी विभाग में हर साल लगभग 37 हजार से 40 हजार तक मरीजों का इलाज किया जा रहा है। वर्ष 2015 में यहां कुल 3979 मरीजों का पंजीयन किया गया और पुराने 34 हजार 500 मरीजों को मिलाकर अब यहां पर 38 हजार 471 मरीजों का इलाज किया जा रहा है।

संस्थान में अब तक लगभग 46 हजार 358 मरीजों का उपचार रेडिएशन (कोबाल्ट थेरेपी और लीनियर एक्सीलेटर) से किया गया। लगभग 18 हजार 227 मरीजों को किमोथेरेपी दी गई और 3037 मरीजों का इलाज ब्रेकीथेरेपी से किया गया। इस दौरान करीब 21 हजार 641 मरीजों को वार्ड में भर्ती कर चिकित्सा सुविधा दी गई और 30 हजार 745 मरीजों का इलाज निःशुल्क किया गया।

क्षेत्रीय कैंसर चिकित्सा संस्थान रायपुर में अंको-सर्जरी रेडियोथेरेपी विभाग की स्थापना जनवरी 2014 में की गई है। अब तक वहां पर 09 हजार से ज्यादा मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण ओ.पी.डी. में किया जा चुका है और करीब 2032 मरीजों के कैंसर की सर्जरी भी सफलतापूर्वक की गई है। लगभग 500 मरीजों की बायोप्सी, एण्डोस्कोपी करते हुए उनके छोटे ऑपरेशन भी किए गए हैं। अंको रेडियोलॉजी  यूनिट में वर्ष 2015 में कुल 3456 मरीजों का सी.टी.स्केन, 1401 मरीजों का यू.एस.जी. सोनोग्राफी और 1018 मरीजों का मेमोग्राफी भी किया गया है।

विभाग में हुए ऑपरेशनों में से 250 से ज्यादा ऑपरेशन सुप्रा-सुप्रा मेजर सर्जरी और 350 से ज्यादा सुप्रा मेजर सर्जरी सफलतापूर्वक की गई है। संस्थान के रेडियोथेरेपी विभाग में प्रतिदिन तीन से पांच तक मरीजों के कैंसर के ऑपरेशन किए जाते हैं। वर्ष 2015 में दर्द से राहत के लिए मरीजों को 28 हजार 724 मार्फिन टेबलेट वितरित किए गए। इस दौरान 17 हजार 606 रक्त परीक्षण भी किए गए। इनमें से 16 हजार 079 मरीजों का सी.बी.सी., 1278 मरीजों का पी.एस., 181 मरीजों का बोन मेरो और 68 मरीजों का मेलिंगनेंसी रिपोर्ट किया गया है।

यह भी उल्लेखनीय है कि रायपुर के अम्बेडकर अस्पताल परिसर में क्षेत्रीय कैंसर संस्थान की स्थापना 14 फरवरी 2003 को हुई थी। संस्थान में 17 मार्च 2004 को ब्रेकीथेरेपी मशीन, 14 अगस्त 2004 को मेमोग्राफी मशीन, 19 जून 2010 को कैंसर आई.सी.यू. और लीनियर एक्सीलरेटर की स्थापना की गई। अक्टूबर 2015 में वहां ऑनसेन्ट्रा ब्रेकीथेरेपी और जनवरी 2016 में फ्रोजन सेक्सन मशीन लगाई गई।

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