- August 8, 2015
छत्तीसगढ़ महिला कोष :27 हजार 689 महिला स्व-सहायता समूह : 49 करोड़ 90 लाख 35 हजार रूपए का ऋण
रायपुर (छतीसगढ) – राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित छत्तीसगढ़ महिला कोष से सवा बारह वर्षों में 27 हजार 689 महिला स्व-सहायता समूहों को व्यवसाय के लिए 49 करोड़ 90 लाख 35 हजार रूपए का ऋण दिया गया। महिला समूहों को आसान शर्तों पर ऋण देने के लिए वर्ष 2003 से प्रदेश में छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना संचालित है। योजना में महिला समूहों को तीन प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज दर पर पहली बार 50 हजार रूपए तक ऋण दिया जाता है, जबकि इस ऋण की वसूली के बाद दूसरी बार दो लाख रूपए तक ऋण देने का प्रावधान है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि इस योजना की मदद से प्रदेश की महिलाएं बड़ी, पापड़, अचार, मसाला, दलिया, मुरब्बा की बिक्री सहित कोसा कृमि पालन, लाख की खेती, मशरूम उत्पादन, बांस शिल्प, काष्ठशिल्प, पशुपालन, मुर्गीपालन, फिनाइल, अगरबत्ती, दोना पत्तल और सिलाई-कढ़ाई जैसे आय मूलक कार्यों से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि योजना में पिछले सवा बारह वर्षों में 27 हजार 689 महिला स्व-सहायता समूहों को व्यवसाय के लिए 49 करोड़ 90 लाख 35 हजार रूपए ऋण वितरित किए गए। उन्होंने बताया कि वर्ष 2003-04 में 679 महिला समूहों को 33 लाख सात हजार रूपए, वर्ष 2004-05 में एक हजार 712 समूहों को 93 लाख तीन हजार, 2005-06 में दो हजार 203 समूहों को एक करोड़ 40 लाख 20 हजार रूपए, वर्ष 2006-07 में दो हजार 504 समूहों को दो करोड़ 35 लाख 26 हजार रूपए, वर्ष 2007-08 में तीन हजार 20 समूहों को तीन करोड़ 26 लाख 14 हजार रूपए और वर्ष 2008-09 में तीन हजार 362 समूहों को तीन करोड़ 97 लाख चार हजार रूपए का ऋण दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2009-10 में दो हजार 612 समूहों को पांच करोड़ 68 लाख 86 हजार रूपए, वर्ष 2010-11 में दो हजार 187 समूहों को पांच करोड़ 22 लाख 85 हजार रूपए, वर्ष 2011-12 में दो हजार 50 समूहों को पांच करोड़ 51 लाख दस हजार रूपए, वर्ष 2012-13 में दो हजार 899 समूहों को छह करोड़ 24 लाख रूपए, वर्ष 2013-14 में एक हजार 725 समूहों को चार करोड़ 97 लाख 30 हजार रूपए, वर्ष 2014-15 में दो हजार 454 महिला समूहों को आठ करोड़ 95 लाख 90 हजार रूपए और वर्ष 2015-16 में जून माह तक 302 समूहों को एक करोड़ 15 लाख 65 हजार ऋण प्रदान किए गए। छत्तीसगढ़ महिला कोष की ऋण योजना में महिला समूहों को दिए गए ऋण की वसूली ऋण प्रदान करने के तीन माह बाद शुरू की जाती है। पहली बार दिए गए ऋण की वसूली 24 किश्तों में की जाती है, जबकि दूसरी बार दिए गए ऋण की वसूली 36 किश्तों में की जाती है।