- May 26, 2016
छछूंदर के सर पर चमेली के तेल :- शैलेश कुमार
मुलायम सिंह यादव , नीतीश कुमार और लालूप्रसाद यादव को ज्योतिवसु से सबक लेनी चाहिए। 15 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहने के बाद भी प्रधानमंत्री की इच्छा नहीं जताई। इनलोगों को शिवराज सिंह चौहान और डॉ रमन सिंह से शिक्षा लेनी चाहिए की राज्य को कैसे सम्भाला जाता है ? विकास क्या चीज है और कैसे किया जाता है ? दंगा फसाद कर राज्य चलाने वाले तो सूअर चराने लायक भी नहीं होते। सही कहा गया है की ——-छछूंदर के सर पर चमेली के तेल।
देश और राज्य की राजनीति में जमीन आसमान का अंतर है। देश कूटनीति से चलता है और राज्य जातिवाद और समाजिक समस्याओं से । राज्य का विकास सीमित है , समस्याएं सीमित है लेकिन देश चलाने के लिए बहुत ही सूक्ष्म दिमाग वाले व्यक्तित्व की जरुरत है। थोड़ी सी भूल होने पर देश के लिए विकट समस्या पैदा हो जाता है।
देश को विदेशों के नजरों से चलाना पड़ता है लेकिन राज्य को नहीं। आज भारत की टुच्ची वादी विदेश नीति का ही परिणाम है की स्थल मार्ग से चीन नेपाल होते हुए (रेलमार्ग ) बिहार पर कब्जा करना चाहता है।
हुण का आक्रमण भी उत्तर दिशा से ही हुआ था बाद में हुएनसांग, फाहियान भी उत्तर दिशा से ही भारत में प्रवेश किया था ।
अगर 2014 से पूर्व के प्रधानमंत्री और सलाहकार सूक्ष्म राजनीति वाले होते तो नेपाल में चीनी रेलमार्ग किसी भी किम्मत पर नहीं बनता। इस समय बहुत ही ठोस और सूक्ष्म कूटनीति की जरुरत थी ऐसे कूटनीति जो चीन पर दवाब बनाने में सक्षम होता। इसलिये यह काल भारत के लिए ” मूर्खता की प्रशंशक ” का काल रहा है। यह देश हिन्दू ही नहीं मुस्लिमों का भी है , भुगतने के लिए दोनों तैयार रहें।
अगर भविष्य में प्रधानमंत्री के लिये योग्य उम्मीदवार की जरुरत है तो देश आँख मूंद कर शिवराज सिंह चौहान को समर्पित करें। ये बातें प्रधानमंत्री मोदी के बाद की है।
पाकिस्तान ने चीन को ग्वादर पोर्ट देकर भारत को दबोचने का प्रयास किया था इसके बाद भारत के पास कोई विकल्प नही था । देश के लाचार और व्यभिचार मंत्रीमंडल ने चीन के सामने सर झूका दिया था, लेकिन आज गर्व कि बात है कि चाबाहार पोर्ट भारत के लिये विकल्प के रुप में सामने आया और भारत पाकिस्तान तथा चीन को अंगूठा दिखाने के लायक हुआ।
अगर देशवासी फिर गलत व्यक्ति और पार्टी को दिल्ली सौंपते हैं तो देश को रसातल में जाने से कोई बचा नहीं सकता है । आशा है कि इस तरह कि गलतियां फिर कभी नहीं करेंगे।