चौथे जल-सप्ताह : मध्यप्रदेश में जल-संरक्षण और सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि

चौथे जल-सप्ताह : मध्यप्रदेश में जल-संरक्षण और सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि

मनोज पाठक—————————- नई दिल्ली में चौथे जल-सप्ताह के शुभारंभ कार्यक्रम में मध्यप्रदेश और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ हुई। केन्द्रीय जल-संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती और वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने अपने-अपने संबोधन में मध्यप्रदेश में जल-संरक्षण और सिंचाई क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि के लिये प्रदेश को भरपूर सराहा।

केन्द्रीय जल-संसाधन मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा कि पिछले वर्षों में मध्यप्रदेश ने कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। देश की 20 फीसदी से ज्यादा की लगातार कृषि विकास दर न केवल देश के अन्य प्रदेशों बल्कि अन्य देशों के लिये भी अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश मिलकर केन-बेतवा नदियों को जोड़कर बुंदेलखण्ड का कायाकल्प कर देंगे। सुश्री भारती ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान बेहतर मुख्यमंत्री प्रमाणित हुए हैं।

वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि सिंचाई क्षेत्र में निवेश विकास के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले जल्दी परिणाम देता है। उन्होंने मध्यप्रदेश को इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण बताया, जहाँ दो वर्ष से कमजोर मानसून और ओला-वृष्टि के बावजूद प्रदेश अपनी 22 फीसदी कृषि विकास दर बनाये रखने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा सिंचाई के क्षेत्र में पर्याप्त निवेश और उसकी महत्ता को ध्यान में रखकर काम करने से संभव हुआ है। श्री जेटली ने प्रदेश में सिंचाई क्षमता में वृद्धि को न केवल अन्य राज्यों बल्कि पड़ोसी देशों के लिये उदाहरण बताया।

इसके पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जल-संरक्षण को प्रदेश में आंदोलन का रूप दिया जा रहा है। सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने पर ध्यान दिया गया है। नहरों के अंतिम छोर तक पानी पहुँचाने का काम किया गया है। उन्होंने कहा कि लगातार चार बार कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त करना हमारी उपलब्धि है। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि प्रदेश के किसानों की मेहनत, राज्य सरकार के सिंचाई क्षमता में वृद्धि के कारगर प्रयासों और खेती को लाभदायी बनाने के उपक्रमों से प्रदेश को पाँचवीं बार भी कृषि कर्मण अवार्ड मिलेगा।

उल्लेखनीय है कि केन्दीय जल संसाधन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2012 से भारतीय जल सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष जल सप्ताह की थीम ‘ वाटर फॉर आल : स्ट्राइविंग टूगेदर’ है। कृषि, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन, ग्रामीण विकास और शहरी विकास, पेयजल आपूर्ति और स्वच्छता, ऊर्जा आदि मंत्रालय तथा नीति आयोग के सहयोग से आयोजित जल सप्ताह के दौरान विभिन्न संबंधित विषय पर चर्चा होगी। इनमें कृषि और सिंचाई, ऊर्जा उत्पादन, औद्योगिक उत्पादन और माँग प्रबंधन, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जल आपूर्ति, री-साइकलिंग और जल की गुणवत्ता आदि शामिल है।

 

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