- September 21, 2016
चूना पत्थर, बोल्डर जैसे गौण खनिजों की भी ऑनलाइन नीलामी
छत्तीसगढ़—————- राज्य में अब चूना पत्थर, बोल्डर जैसे गौण खनिजों की भी ऑनलाइन नीलामी होगी। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश पर खनिज साधन विभाग ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। केन्द्र सरकार की नई खनिज नीति के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 गौण खनिज ब्लॉकों के लिए निविदा आमंत्रण की सूचना (एनआईटी) भी जारी कर दी है।
खनिज साधन विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि गौण खनिजों की खदानों के पट्टों का आवंटन ई-नीलामी के जरिए की जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक अथवा ऑनलाइन नीलामी के जरिए गौण खनिज खदानों का आंवटन सम्पूर्ण पारदर्शिता के साथ जल्द से जल्द किया जा सकेगा।
अधिकारियों ने बताया कि इसके अंतर्गत प्रथम चरण में रायपुर, राजनांदगांव, बलौदाबाजार-भाटापारा और बिलासपुर जिलों में चूना पत्थर, गिट्टी, बोल्डर-पत्थर और ईट मिट्टी के लिए चिन्हांकित पंद्रह क्षेत्रों में गौण खनिज पट्टों का आवंटन ई-ऑक्शन से किया जाएगा।
खनिज साधन विभाग की ओर से संबंधित जिला कलेक्टरों द्वारा कल 19 सितम्बर को केन्द्रीय इस्पात मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम-एमएसटीसी के लोकप्रिय ई-नीलामी पोर्टल में एनआईटी जारी कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि केन्द्र सरकार के कोयला मंत्रालय द्वारा कोयला खदानों के आवंटन के लिए भी नीलामी इसी पोर्टल के जरिए की जाती है।
राज्य सरकार ने गौण खनिजों की ई-नीलामी के लिए पांच हजार रूपए का टेंडर शुल्क निर्धारित किया है और चिन्हांकित खनिज की रायल्टी की 20 प्रतिशत राशि रिजर्व प्राईज के रूप में रखी गई है। ऑनलाईन बोली लगाने की अंतिम तारीख 17 अक्टूबर 2016 तय की गई है।
ई-नीलामी से संबंधित जानकारी एमएसटीसी पोर्टल के अलावा खनिज साधन विभाग छत्तीसगढ़ शासन की वेबसाइट भी अपलोड कर दी गई है।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ’डिजिटल इंडिया’ अभियान और देश भर में व्यापार-व्यवसाय के सरलीकरण के लिए चलाए जा रहे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अंतर्गत छत्तीसगढ़ सरकार के खनिज साधन विभाग ने भी राज्य में कई महत्वपूर्ण और ठोस कदम उठाए हैं।
केन्द्र सरकार ने खनिज संसाधनों के आवंटन में पारदर्शिता, निष्पक्षता, शीघ्रता और खनन प्रक्रियाओं से अर्जित मुनाफे में राज्यों की बेहतर हिस्सेदारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। इसी कड़ी में केन्द्र ने जनवरी 2015 में खनिज अधिनियम में व्यापक संशोधन करते हुए खदानों का आवंटन ई-नीलामी के जरिए करने का निर्णय लिया था। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय के तहत केन्द्र सरकार ने राज्यों को मुख्य खनिजों की तरह गौण खनिजों की खदानों के आवंटन में भी पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने राज्य के गौण खनिज नियमों में 23 मार्च 2016 को संशोधन किया है।
खनिज साधन विभाग की कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को गौण खनिजों का आवंटन ई-नीलामी के जरिए जल्द करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि ई-नीलामी के माध्यम से गैर कोयला खनिपट्टों का आवंटन करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है।
इस वर्ष फरवरी में चूना पत्थर की दो खदानों सहित सोने की एक खदान की नीलामी ई-ऑक्शन प्रणाली से की गई, जिससे राज्य को अगले कुछ वर्षों में 4700 करोड़ रूपए से ज्यादा का राजस्व मिलेगा। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नीति के तहत राज्य का पहला सबसे कामयाब उदाहरण है।
अधिकारियों ने बताया कि इस व्यवस्था से खदानों के आवंटन में पारदर्शिता और सरलता आई है और आम जनता के बीच विश्वसनीयता भी बढ़ी है। गौण खनिजों की ई-नीलामी के तहत राजनांदगांव जिले में बोल्डर की तीन और रायपुर जिले में चूना पत्थर और गिट्टी की छह खदानों की ऑनलाईन नीलामी होगी।
बिलासपुर जिले में चूना पत्थर और गिट्टी की एक तथा ईंट-मिट्टी की तीन और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में चूना पत्थर और गिट्टी की एक तथा ईट-मिट्टी की एक खदान की ऑनलाइन नीलामी की जाएगी।
इच्छुक बोलीदारों को ई-नीलामी में शामिल होने के लिए अपने डिजिटल हस्ताक्षर के साथ एमएसटीसी पोर्टल में एक हजार रूपए का भुगतान कर पंजीयन कराना होगा। इस पंजीयन के आधार पर संबंधित बोलीदार छत्तीसगढ़ में गौण खनिज ब्लॉक्स की ऑनलाइन नीलामी में अगले एक साल तक शामिल हो सकेंगे।