- March 10, 2015
चालीस गांवों की पेयजल समस्या के निराकरण के निर्देश
छत्तीसगढ- मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले में डंकनी नदी के किनारे के लगभग चालीस गांवों की पेयजल समस्या के निराकरण के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को एक माह के भीतर विशेष कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बैलाडिला लौह अयस्क परियोजना के तहत बैलाडिला की पहाड़ियों में एनएमडीसी द्वारा लौह अयस्क की धुलाई से नदी का पानी प्रदूषित होकर लाल रंग का हो गया है। इससे नदी किनारे के गांवों के लोगों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी हो रही है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज देर शाम यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने इस समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री ने सदस्यों की चिन्ता और भावनाओं से अपनी सहमति व्यक्त की और कहा कि वास्तव में इन गांवों के लोगों को स्वच्छ पेयजल की सुविधा देने के लिए तत्काल कार्य योजना बनाने और युद्धस्तर पर काम शुरू करने की जरूरत है।
डॉ. सिंह ने दंतेवाड़ा कलेक्टर को इस कार्य में आवश्यक समन्वय के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार जनता के हित में इस समस्या को स्थायी रूप से हल करना चाहती है। उन्होंने इस कार्य में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (एनएमडीसी) के अधिकारियों को भी सहयोग करने के निर्देश दिए और कहा कि कार्य योजना लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा बनाई जाएगी और एनएमडीसी प्रबंधन इसके लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्राधिकरण के कार्याें की समीक्षा के लिए संभाग स्तर पर कमिश्नर की अध्यक्षता में गठित समिति की बैठकों में उन क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाए