- October 25, 2018
‘घोघा-दाहेज रो-पैक्स फेरी सेवा – 294 किलोमीटर की दूरी घट कर सिर्फ 31 किलोमीटर
हीरे एवं कपडे की कारोबारियों की बांछे खिली
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पीआईबी—— प्रधानमंत्री की स्वप्निल परियोजना ‘घोघा-दाहेज रो-पैक्स फेरी सेवा का शुभारंभ जल्द ही शिपिंग मंत्रालय के सागरमाला कार्यक्रम के तहत होगा। हाल ही में एक सफल परीक्षण के तहत रो-पैक्स फेरी के जरिए सामान से लदे 12 ट्रकों को दाहेज से खंभात की खाड़ी के पार समुद्री मार्ग से घोघा ले जाया गया।
भूमि मार्ग से इन दोनों स्थानों के बीच की दूरी 294 किलोमीटर है और वाहन से इस दूरी को तय करने में 8 घंटे लगते हैं। हालांकि, रो-पैक्स सेवा की बदौलत यह दूरी घटकर सिर्फ 31 किलोमीटर रह जायेगी और इसे तय करने में केवल डेढ़ घंटा लगेगा। यह खंभात की खाड़ी के पार समुद्री मार्ग से जाने पर संभव हो पायेगा।
यह सूरत के हीरा एवं कपड़ा कारोबारियों और कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सुविधा है क्योंकि वे तटवर्ती नौवहन के जरिए यात्रा कर सकेंगे और लगभग आधे समय में ही यह दूरी तय कर लेंगे।
100 वाहनों और 500 यात्रियों को ले जाने की क्षमता से युक्त रो-पैक्स सेवा का शुभारंभ 27 अक्टूबर, 2018 को होगा।
सफल परीक्षण के बाद केन्द्रीय शिपिंग, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा, ‘सागरमाला कार्यक्रम से लोगों की जिन्दगी में व्यापक बदलाव आ रहे हैं। घोघा-दाहेज रो-पैक्स फेरी सेवा से सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात कनेक्ट हो जायेंगे’।
इस परियोजना पर 615 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है जिनमें से 117 करोड़ रुपये का वित्त पोषण केन्द्र सरकार द्वारा सागरमाला कार्यक्रम के तहत किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य तटीय नौवहन को बढ़ावा देना और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी लाना है।
इस पहल से न केवल यात्रा में लगने वाला समय घट जायेगा, बल्कि इसकी बदौलत ईंधन की बचत होगी, कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन घटेगा और सड़कों पर भीड़ भाड़ में भी कमी आयेगी।
यह भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है क्योंकि इसे दुनिया के दूसरे सबसे ऊंचे ज्वार क्षेत्र में कार्यान्वित किया जा रहा है। इस परियोजना से तटीय नौवहन एवं पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसर सृजित होंगे और आसपास के क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास करने में मदद मिलेगी।