- February 18, 2015
घुड़सवारों की आंखों में जीत की ललक
जयपुर – राजस्थान पुलिस अकादमी में चल रही 33वीं अखिल भारतीय पुलिस घुड़सवारी प्रतियोगिता के पांचवे दिन मंगलवार को पंजाब ने अपनी जीत का सफर शुरू किया। टेंट पेगिंग (व्यक्तिगत) प्रतियोगिता में पंजाब के घुड़सवारों ने अपना जलवा दिखाया एवं दूसरे और चौथे स्थान पर रहे। प्रतियोगिता में घुड़सवारों का जोश देखते ही बना। हर घुड़सवार पदक पाने की होड़ में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने को आतुर दिखा। प्रतिभागियों के साथ-साथ दर्शकों ने भी प्रतियोगिता का जमकर लुत्फ उठाया। दर्शकों की तालियों ने घुड़सवारों का काफी प्रोत्साहन किया।
हर टीम ने दिखाया अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
टेंट पेगिंग (व्यक्तिगत) में असम रायफल्स के श्री दिनेश प्रथम स्थान पर रहे। दूसरे स्थान पर पंजाब पुलिस के जविंदर सिंह, तृतीय स्थान पर हरियाणा के श्री सुरेश कुमार और चौथे स्थान पर पंजाब के श्री लखविंदर सिंह रहे। क्वैड्रिल प्रतियोगिता में नेशनल पुलिस अकादमी, हैदराबाद की टीम प्रथम स्थान पर रही। दूसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश पुलिस, तृतीय स्थान पर कर्नाटक पुलिस और चतुर्थ स्थान पर सीमा सुरक्षा बल की टीम रही।
सईस प्रतियोगिता में राजस्थान के श्री मुकेश कुमार प्रथम स्थान पर, पश्चिम बंगाल के श्री ए.के. दुबे दूसरे स्थान पर, मध्यप्रदेश के श्री अजय सालवी तीसरे स्थान पर और पश्चिम बंगाल के श्री राजेश राम चतुर्थ स्थान पर रहे। शो जम्पिंग एनजीओ अंडर ट्रेनीज प्रतियोगिता में सीमा सुरक्षा बल के श्री गोविंद राना प्रथम, राजस्थान पुलिस के श्रीयशवंत सोलंकी दिवतीय, श्री असम रायफल के अनिल तृतीय और राजस्थान पुलिस के श्री मनसी राम चतुर्थ स्थान पर रहे।
आज के पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त महानिदेशक पुलिस एवं पूर्व सीबीई निदेशक श्री राजेन्द्र शेखर ने विजेताओं को मैडल पहनाकर सम्मानित किया।
असम रायफल्स के घोड़ों ने दिखाया अपना दम
असम रायफल्स के कोच नायब सूबेदार मदन सिंह बताते हैं कि इस बार हम 13 घोड़े और 17 घुड़सवार लेकर आए हैं। पिछली बार गुजरात में हुई 32 वीं अखिल भारतीय पुलिस घुड़सवारी प्रतियोगिता में हम तीसरे स्थान पर रहे थे। इस बार हमने अच्छे प्रदर्शन का प्रयास किया है।
श्री मदन सिंह खुद अंतरराष्ट्रीय स्तर की घुड़सवारी प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुके हैं। वे अब तक कुल 37 पदक जीत चुके हैं। वह बताते हैं कि मैंने मटिंडा, मास्टर, तूफान आदि कई घोड़ों के साथ 18 साल तक घुड़सवारी की। घोड़े बहुत वफादार होते हैं। एक बार घुड़सवारी करने के बाद अपने मालिक को कभी नहीं भूलते। घोड़े की देखभाल करना बहुत जरूरी होता है, तभी वे अच्छा परिणाम दे पाते हैं। आमतौर पर हम घोड़े को ट्रेेनिंग देने के लिए एक साल तक मेहनत करते हैं। अपनी टीम के बारे में वह बताते हैं कि हवलदार लखबीर सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर तक की प्रतियोगिता में अपने हुनर का प्रदर्शन कर चुके हैं।
वह 40 से ज्यादा मैडल जीत चुके हैं। इसी तरह नायब सूबेदार मनोज लाम्बा शो जम्पिंग सिक्स बार में बेहतर प्रदर्शन करते हैं। इस बार थोरो ब्रिड का निकुलस घोड़ा काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। यह इस बार की ड्रेसाज नोविस प्रतियोगिता में प्रथम रहा है। इस घोड़ें से हमें काफी उम्मीदें हैं। असम रायफल के राइफल मैन दिनेश भी आज टेंट पेगिंग (व्यक्तिगत) में स्वर्ण जीतकर काफी खुश हैं। वह कहते हैं कि मैंने घोड़े पर नियंत्रण करने के लिए कड़ी मेहनत की है।
उल्लेखनीय है कि 33 वीं अखिल भारतीय पुलिस घुड़सवारी प्रतियोगिता में देशभर की 17 टीम और 300 घोड़े हिस्सा ले रहे हैं। इस आयोजन में कुल 32 प्रतिस्पर्धाएं होंगी। प्रतियोगिता का समापन 20 फरवरी को सायं 4 बजे मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे राजस्थान पुलिस अकादमी स्टेडियम में करेंगी। इस आयोजन का आनंद विभिन्न स्कूलों के बच्चे और शहर के गणमान्य नागरिक निशुल्क उठा सकते हैं।