- October 29, 2014
घटते बाल लिंगानुपात :नोनी सुरक्षा योजना
दुर्ग (छतीसगढ) – राज्य में घटते बाल लिंगानुपात तथा बालिकाओं के प्रति समाज में सकारात्मक सोच बढ़ाने के उद्देश्य से एक अप्रैल 2014 से नोनी सुरक्षा योजना प्रारम्भ कर दी गई है। इस योजना के तहत एक अप्रैल 2014 के बाद जन्मी बालिकाओं का 18 वर्ष तक की आयु के लिये भारतीय जीवन बीमा निगम की सहयोग से बीमा किया जायेगा, प्रति वर्ष 05-05 हजार रूपए तीन वर्ष के लिए शासन द्वारा जमा किया जाएगा और 18 वर्ष की आयु पूरी करने के पश्चात एक लाख रूपये की राशि बालिका को दी जाएगी। योजना के संबंध में आवेदन जमा करने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है।
बालिकाओं के शैक्षणिक तथा स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने, बालिकाओं के अच्छे भविष्य की आधार शिला तैयार करने, बालिका भ्रुण हत्या रोकने और बाल विवाह रोकने के उद्देश्यसे प्रारंभ इस योजना के तहत एक अप्रैल 2014 के उपरांत जन्मी बालिका को लाभ दिया जाएगा। बच्ची के माता पिता छत्तीसगढ़ के मूल निवासी होने चाहिये। यह योजना दो संतान तक सीमित होगा। अर्थात् दो बालक के पश्चात् तीसरी संतान बालिका है तो उसे योजना का लाभ नहीं दिया जा सकेगा। द्वितीय संतान बालिका होने की दशा में माता-पिता को परिवार नियोजन अपनाये जाने का प्रमाण देना होगा। प्रथम प्रसव के दौरान यदि दो जुड़वा लड़कियां जन्म लेती है तो उन्हें योजना का लाभ मिलेगा।
दूसरे प्रसव के पश्चात् बालिका का जन्म होता है तो उसे योजना का लाभ नहीं दिया जायेगा। यदि किसी परिवार ने विधिवत् तरीके से बालिका को गोद लिया है तो उसे लाभ की पात्रता होगी। योजना के तहत बालिका का 18 वर्ष तक विवाह न होने एवं 12 वीं कक्षा तक शिक्षा पूर्ण होने पर ही लाभ मिल सकेगा। 18 वर्ष के पूर्व विवाह होने अथवा मृत्यु हो जाने की दशा में जमा राशि राजसात कर ली जायेगी।
योजना का लाभ लेने के लिये परिवार के मुखिया का नाम गरीबी रेखा की सर्वे सूची में होना चाहिये। ग्रामीण क्षेत्रों के लिये वर्ष 2002 और शहरी क्षेत्रों में 2007 की सर्वे सूची को गरीबी रेखा सर्वे का आधार माना गया है। आवेदन के साथ इसका प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। प्रथम अथवा द्वितीय बालिका होने के संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता/एएनएम/सरपंच/पार्षद/पंचायत सचिव का प्रमाण पत्र भी लगाना होगा।
योजना का लाभ लेने बालिका के जन्म से एक वर्ष के भीतर आवेदन प्रस्तुत करना होगा। यदि एक वर्ष के भीतर आवेदन जमा नहीं किया गया हो तो अगले वर्ष के भीतर अर्थात् बालिका के दो वर्ष की आयु के भीतर जिला कलेक्टर को अपील आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है। यदि बालिका के माता-पिता की मृत्यु हो गई है तो बालिका के पांच वर्ष होने तक भी आवेदन प्रस्तुत किया जा सकता है।
योजना का लाभ प्राप्त करने अपने नजदीक के आंगनबाड़ी केन्द्र, सुपरवाईजर, परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय से आवेदन एवं अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है।