- November 21, 2017
ग्राम सेवा सहकारी समितियों का होगा कम्प्यूटरीकरण
जयपुर, 21 नवम्बर। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 के केन्द्रीय बजट में 63 हजार ग्राम सेवा सहकारी समितियों का कम्प्यूटरीकरण किए जाने की योजना की घोषणा की गई है। इसके तहत राज्य की ग्राम सेवा सहकारी समितियों के रिकार्ड संधारण में सुधार करने, किसानों की साख की सुगम उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा किसानों की आवश्यकताओं का आकलन कर उनके हित में योजनाएं बनाने के लिए इन समितियों का कम्प्यूटरीकरण किया जाएगा। यह जानकारी प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारिता श्री अभय कुमार ने मंगलवार को दी।
उन्होंने बताया कि राज्य में 6314 ग्राम सेवा सहकारी समितियां हैं। योजना के अनुसार प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति के कम्प्यूटरीकरण पर लगभग 3 लाख रुपए की लागत आएगी जिसमें 60 प्रतिशत राशि भारत सरकार द्वारा, 35 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा तथा शेष 5 प्रतिशत राशि स्वयं ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा वहन की जाएगी। श्री कुमार मंगलवार को राजस्थान स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक लि., जयपुर स्थित सभागार में केन्द्रीय सहकारी बैंकों के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।
श्री कुमार ने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए मापदण्ड निर्धारित किए गए हैं। जिसके अनुसार वे समितियां जिन्होंने वर्ष 2016-17 की अवधि में किसानों को कृषि ऋण उपलब्ध कराएं हों व वर्ष 2015-16 तक जिसका ऑडिट पूर्ण हो गया हो, जिनके पास स्वयं का या किराए पर पक्का कार्यालय हो एवं जिसमें पूर्णकालिक वैतनिक व्यवस्थापक कार्यरत हो इस योजना के तहत पात्रता रखती हैं। उन्होंने बताया कि इन समितियों में दूरसंचार डाटा नेटवर्क, विद्युत शक्ति के लिए संसाधन उपलब्धता की संभाव्यता हो तथा स्थानीय स्तर पर कम्प्यूटर साक्षर व्यक्ति उपलब्ध होना चाहिए जो कि सुगमता से कम्प्यूटर ऑपरेशन को संपादित कर सके।
प्रमुख शासन सचिव ने केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशकों को निर्देशित किया कि वे योजना के मापदण्डों के आधार पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों की सूची दो दिवस में अपेक्स बैंक को उपलब्ध करावें ताकि केन्द्र सरकार की योजना के तहत ग्राम सेवा सहकारी समितियों की कार्य प्रणाली में सुधार कर अधिकाधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि यदि किसी समिति के लिए दूरसंचार नेटवर्क, विद्युत शक्ति एवं स्थानीय कम्प्यूटर ऑपरेटर की वर्तमान में उपलब्धता नहीं है तो ऎसी समितियों के लिए सक्षम स्तर पर प्रयास कर इन मापदण्डों को पूरा करवाएं तथा अधिक से अधिक समितियों को इस योजना में सम्मिलित करवाना सुनिश्चित करें।
सहकार किसान कल्याण योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत किसानों को कृषि कार्यों के अलावा अन्य कार्यों के लिए साख आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऋण दिया जाता है इसलिए इस योजना का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें ताकि किसान अपनी आवश्यकता के अनुसार अपनी साख आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके।
किसानों को वितरित किए जा रहे सहकार रूपे किसान डेबिट कार्ड के वितरण की समीक्षा करते हुए श्री कुमार ने कहा कि पिन मेलर के वितरण के लिए ग्राम पंचायत के कर्मचारी या अटल सेवा केन्द्र पर कार्यरत सूचना सहायक की सेवाएं लेने की संभावना पर विचार किया जा रहा है ताकि किसानों को जल्दी से जल्दी रूपे किसान डेबिट कार्ड एवं पिन मेलर उपलब्ध कराए जा सकें।
उन्होंने बताया कि यह राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत वित्तीय समावेशन के द्वारा अधिक से अधिक किसानों को इसके दायरे में लाया जाएगा तथा उनको डोर स्टेप पर बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराई जाएंगी।
समीक्षा बैठक में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रथम) श्री जी एल स्वामी, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) श्री विजय शर्मा, महाप्रबंधक अपेक्स बैंक श्री अनिल मेहता सहित खण्डीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, अपेक्स बैंक के अधिकारी, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के प्रबंध निदेशक उपस्थित थे।