• December 1, 2017

ग्रामीण विकास की ग्राऊंड रिपोर्ट– अपने गांव में विकास

ग्रामीण विकास की ग्राऊंड रिपोर्ट– अपने गांव में विकास

झज्जर, 1 दिसंबर। गांव के विकास की ग्राउंड रिपोर्ट की हकीकत को समझने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ के ग्रामवार प्रेजेंटेशन का पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने स्वागत किया है। ग्रामीण विकास के क्षेत्र में इस अनूठे प्रयोग को मिले फीडबैक को देखकर ओमप्रकाश धनखड़ का यह प्रयोग सफल कहा जा सकता है।

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दूध का दूध और पानी का पानीगांव कुकड़ौला के नरेंद्र ने बताया कि गांव के विकास की पारदर्शी व्यवस्था कायम कर कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने एक मिसाल कायम की है। गांव के विकास के बारे में अब कोई अधिकारी अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकता। कहावत है कि दूध का दूध और पानी का पानी, कम से कम इस प्रयोग को देखकर यह बात सही साबित होती है।

झूठ नहीं सच को साबित करने का प्रयोग

गांव कलोई के रण सिंह पहलवान ने कहा कि पहले ऐसी व्यवस्था होती थी कि विकास के नाम पर धनराशि तो खर्च होती थी लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं होता था लेकिन मंत्री धनखड़ के प्रेजेंटेशन में खर्च और जमीनी हकीकत दोनों साफ-साफ दिखाई जाती है। ग्रामीण विकास के नाम पर झूठ का खेल खत्म होना और सच को साबित करने के इस प्रयोग क जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।

दाम नहीं सिर्फ काम की बात
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गांव बामनौला के कप्तान सिंह ने बताया कि ग्रामवार विकास का सिलसिलेवार विवरण देखकर साफ हो जाता है कि अब केवल काम की बात हो रही है। जबकि पहले की व्यवस्था में सिर्फ दाम की बात हुआ करती थी। गांव के लोगों को भी इस बात की जानकारी हो रही है कि अब उनकी आंखों में धूल नहीं झोंकी जा सकती।

बदलाव जो होने लगा महसूसगांव एमपी माजरा के जय सिंह ने कहा कि सबका साथ-सबका विकास अब एक नारा नहीं बल्कि हकीकत बन चुका है। विकास की ऐसी पारदर्शी व्यवस्था को देखकर एक सकारात्मक बदलाव महसूस होने लगा है।

गांव के विकास को लेकर बदल गई सोच

गांव पेलपा के देवी प्रधान ने बताया कि जब भी विकास की बात सुनी जाती थी तो सरकारी धनराशि का दुरुपयोग जैसे शब्द भी आम प्रचलित थे लेकिन अब ऐसी प्रवृति बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि खर्च और जमीनी हालात एक साथ देखने से भ्रष्टाचार की गुंजाइश ही खत्म हो गई।
घोषणा का शोर नहीं बल्कि विकास का नया दौर

गांव बादली के रणबीर गुलिया ने बताया कि पहले जनप्रतिनिधि विकास के नाम पर सिर्फ घोषणाओं का शोरगुल करते थे लेकिन ओमप्रकाश धनखड़ ऐसे ईमानदार प्रतिनिधि है जिनका काम बोलता है। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं और विकास का नया दौर आरंभ हुआ है।

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