- March 20, 2015
ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए योजना
महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण एवं रोजगार कार्यक्रमों (एसटीईपी) के तहत वर्ष 2013-14 में इन क्षेत्रों में कार्यरत संगठनों को 702 लाख रुपए की राशि जारी की गई। इस वर्ष (28/02/2015) तक एसटीईपी योजना में 439 लाख रुपए की राशि जारी की गई है।
इस योजना के दायरे में वर्ष 2013-14 में कुल 31478 लाभार्थियों को लाया गया और 28 फरवरी, 2015 तक इसमें शामिल लाभार्थियों की संख्या 24037 थी।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में गरीब महिलाओं के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए एक संशोधित एसटीईपी योजना दिशा-निर्देश 2014 शुरू की है ताकि 16 वर्ष एवं उससे अधिक आयु की गरीब महिलाओं और अद्यतन कौशल एवं नई जानकारी उपलब्ध कराई जा सके।
एसटीईपी योजना में कृषि, बागवानी, खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा, सिलाई, कढ़ाई, ज़री, हस्तशिल्प, सूचना एवं प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाओं, रत्न एवं आभूषण, पर्यटन एवं सैर-सपाटा और आतिथ्य क्षेत्र में उनके कौशल विकास के लिए सहायता दी जाएगी।
मसूरी स्थित राष्ट्रीय प्रशासनिक शोध संस्थान (एनआईएआर) ने 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान एसटीईपी योजना का मूल्यांकन किया था और उसकी मुख्य बातें इस प्रकार है:
• इस योजना ने महिलाओं को आजीविका प्रदान करने एवं उनकी आय बढ़ाने के अपने मुख्य उद्देश्यों को हासिल कर लिया है।
• यह महिलाओं को समूहों के रूप में संगठित करने में सफल रही है
• महिला लाभार्थियों की आमदनी बढ़ने से परिवार एवं समाज में उनके निर्णय लेने में बढ़ोतरी हुई है जो महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।