गोलियों और मतदाता पत्रों के बीच वायुसेना की भूमिका

गोलियों और मतदाता पत्रों के बीच वायुसेना की भूमिका
नई दिल्ली  –  छत्‍तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में गोलियों का बहादुरी से सामना करने से लेकर जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव विधानसभा चुनावों के दौरान लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुगम बनाने में भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के हेलिकॉप्‍टरों ने प्रमुख भूमिका निभाई है। पश्चिमी वायु कमान ने 25 नवम्‍बर से जम्‍मू-कश्‍मीर चुनावों में सहायता करने के लिए अपने हेलिकॉप्‍टर बेड़े का उपयोग किया, जिसने 160 घंटों से ज्‍यादा के समय में लगभग 300 छोटी उड़ानें भरीं।
चुनाव आयोग के मतदान अधिकारियों, सुरक्षा कर्मचारियों और इलेक्‍ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को सुदूर क्षेत्रों में ले जाने और ले आने के आग्रह को स्‍वीकार करते हुए आईएएफ के हेलिकॉप्‍टरों ने समुद्री स्‍तर से 6,000 से लेकर 14,000 फीट तक की ऊंचाई पर 25 से ज्‍यादा हेलिपैडों से उड़ानें भरीं।

विधानसभा चुनावों को पांच चरणों में कराने की योजना बनाई गई थी। पहला चरण 25 नवम्‍बर को संपन्‍न हुआ था, जबकि अंतिम चरण 20 दिसंबर को संपन्‍न हुआ। जम्‍मू-कश्‍मीर में ऊंची पहाड़ी घाटियां हैं, जिनकी वजह से अधिकारियों को चुनावों का संचालन करने में दिक्‍कतें आती हैं। भारतीय वायु सेना इन दुर्गम और सुदूर क्षेत्रों में पहुंचने में बड़ी भूमिका निभाती है।

ईवीएम, चुनाव कर्मियों और सुरक्षाबलों को समय पर पहुंचाना और लाना एक बड़ी चुनौती है, जिसका समाधान आईएएफ परिवहन और हेलिकॉप्‍टर बेड़े की तैनाती के जरिए किया जाता है। हेलिकॉप्‍टरों का उपयोग चुनाव के संचालन के दौरान इनशान, नवापंछी और सोनदार, का‍रगिल जैसे सुदूर स्‍थानों और जांसकर तथा लद्दाख श्रृंखलाओं जैसी ऊंची और सुदूर स्‍थानों पर कर्मचारियों और उपकरणों को लाने और ले जाने के लिए किया गया था।

इस कार्य के लिए आईएएफ एमआई 17वी5, एएलएच और चीता हेलिकॉप्‍टरों का उपयोग किया गया। जिन वायुसेना कर्मचारियों ने इन उड़ानों का संचालन किया, उन्‍हें इस दायित्‍व ने उनके उड़ान कौशलों को प्रखर बनाने का अवसर मुहैया कराया। इन अभियानों की योजना काफी पहले बना ली गई थी और इसी वजह से इसी क्षेत्र में चुनावों से कुछ सप्‍ताह पहले के बचाव एवं राहत अभियानों की तुलना में उनके सामने कम बड़ी चुनौती आई। एक कनिष्‍ठ पायलट ने टिप्‍पणी की ‘चुनाव के दायित्‍व ने हमें इस घाटी और जमीन की पर्त को देखने का अवसर मुहैया कराया, जिसे हम आमतौर पर अपने उच्‍च दबाव वाले कार्यों के दौरान नहीं देख पाते।’

Related post

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…
रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

पीआईबी( दिल्ली) — रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए 697.35…
बेटे अब्दुल रफ़ी बाबा सऊदी अरब की जेल में बंद साइबर-संबंधित अपराधों और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित करने” के लिए 11 साल की सज़ा

बेटे अब्दुल रफ़ी बाबा सऊदी अरब की जेल में बंद साइबर-संबंधित अपराधों और सोशल मीडिया पर…

श्रीनगर: (कश्मीर टाइम्स) हर सुबह, जैसे ही श्रीनगर में पहली किरण फूटती है, 65 वर्षीय मंज़ूर-उल-हक…

Leave a Reply