गोरखा समुदायों को एसटी का दर्जा देने के मसले पर राज्‍यों से सुझाव

गोरखा समुदायों को एसटी का दर्जा देने के मसले पर राज्‍यों से सुझाव

पेसूका ———– केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय ने सिक्किम और गोरखा आबादी की बहुलता वाले अन्‍य राज्‍यों एवं क्षेत्रों में रहने वाले 11 गोरखा समुदायों अर्थात भूजेल, गुरुंग, मंगर, नेवार, जोगी, खस, राय, सुनवर, थामी, याखा, (दीवान) और धीमल को ‘एसटी’ का दर्जा देने के मसले पर विभिन्‍न राज्‍यों से उनके विचार आमंत्रित किए हैं।

राज्‍यों से इन समुदायों के संदर्भ में ऐतिहासिक एवं मानव जाति विज्ञान संबंधी विवरण के साथ-साथ शिक्षा, व्यावसायिक स्थिति इत्‍यादि सहित जनसांख्यिकीय प्रोफाइल भी देने का आग्रह किया गया है। राज्‍यों को यदि इन समुदायों की ओर से कोई ज्ञापन मिलता है, तो वे इन्‍हें भी आगे सुपुर्द कर सकते हैं।

उल्‍लेखनीय है कि जनजातीय कार्य मंत्रालय ने 14 सितंबर, 2016 के अपने आदेश के तहत एक समिति गठित की है, जिसे इन समुदायों को एसटी का दर्जा देने के मसले पर गौर करने और फिर इस आशय की सिफारिश करने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है।

जनजातीय कार्य मंत्रालय में उप महानिदेशक श्रीमती विष्‍णु मणि इस समिति की अध्‍यक्ष हैं। समिति से कहा गया है कि वह सिक्किम एवं गोरखा आबादी की बहुलता वाले अन्‍य समस्‍त संबंधित राज्‍यों की सरकारों से सलाह-मशविरा करे और इन समुदायों के लिए आरक्षण की निष्‍पक्षता सुनिश्चित करने की व्‍यवस्‍था के साथ इन्‍हें एसटी का दर्जा देने का सुझाव दे। समिति से तीन माह के भीतर अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है।

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