• August 16, 2017

गोरखपुर हादसा को ’प्राकृतिक आपदा’ बताना अत्यन्त ही दुःखद व निन्दनीय

गोरखपुर हादसा को  ’प्राकृतिक आपदा’ बताना अत्यन्त ही दुःखद व निन्दनीय

नई दिल्ली——- बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश सुश्री मायावती जी ने कहा कि बीजेपी लोकसभा का आमचुनाव समय से पहले अगले वर्ष के अन्त तक ख़ासकर भाजपा-शासित हिन्दी भाषी राज्यों के साथ ही कराना चाहती है इसलिये कम से कम अब तो इनको जनहित के प्रति ईमानदार होकर अपनी कथनी व करनी में सत्यता लाकर जनहिताय का पाठ पढ़ लेना चाहिये।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस के पावन मौके पर लाल किले के प्राचीर से कल 15 अगस्त को दिये गये सम्बोधन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि देश की आमजनता वर्षों से यहाँ सरकारों की कथनी व करनी में ज़मीन-आसमान के भारी अन्तर की त्रास्दी से पीड़ित रही है और अब यह इस अभिशाप से हर हाल में मुक्ति चाहती है, परन्तु मोदी सरकार तो इस मामले में हमें नया कीर्तिमान स्थापित करती हुई लगती है जिससे लोगों में निराशा फैलती जा रही है।

बीजेपी अध्यक्ष श्री अमित शाह द्वारा बेंगलुरू में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान गोरखपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में घोर सरकारी लापरवाही व उदासीनता के कारण अब तक लगभग 90 से अधिक हुई मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत पर यह कहना कि ’इतने बडे़ देश में इस प्रकार की घटनायें होती रहती है,’ इनका यह स्तब्ध कर देने वाला बड़ा ही गै़र-ज़िम्मेदाराना बयान है। वास्तव में बीजेपी जैसी सत्ता के नशे में चूर व अहंकारी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष ही ऐसा घोर असंवेदनशील व अमानवीय बयान देने की हिम्मत कर सकता है।

लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तो अपनी पार्टी के अध्यक्ष श्री अमित शाह से भी दो कदम आगे निकल गये और उन्होंने गोरखपुर की आपराधिक सरकारी लापरवाही के कारण माताओं की गोद उजड़ जाने को ’प्राकृतिक आपदा’ बता दिया, यह और भी ज्यादा दुःख व आश्चर्यचकित करने वाली बात है। देश की आमजनता को अब तो समझ ही लेना चाहिये कि बीजेपी नेताओं की सोच कितनी विकृत व गलत है।

वैसे तो यह सर्वविदित है कि उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार में यह हुई त्रासदी हर स्तर पर व्याप्त भारी भ्रष्टाचार के कारण हुई है फिर भी गोरखपुर की इस त्रास्दी को लाल किले के अपने भाषण से ’प्राकृतिक आपदा’ बताकर अपनी पार्टी की सरकार को बेजा तौर पर बचाने का काम करके प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कौन सा यह जनहित व देशहित का बड़ा काम किया है, यह देश की आमजनता की समझ से बाहर की बात है खासकर तब जबकि बीजेपी के ही सांसद इसे बच्चों का ’नरसंहार’ बात रहे हैं तथा आर.एस.एस. के लोग उत्तर प्रदेश बीजेपी सरकार से इस त्रास्दी के लिये ’प्रायश्चित’ करने की माँग कर रहे हैं।

लेकिन इन बातों पर ध्यान देकर व जनता की अपेक्षा का ख़्याल रखते हुये मंत्री आदि पर सख्त कार्रवाई करने के बजाय श्री मोदी व श्री अमित शाह दोनों सत्ता के घमण्ड में अहंकारी व्यवहार कर रहे हैं जिसकी बी.एस.पी. कड़े शब्दों में निन्दा करती है क्योंकि ऐसे रवैये से यह नहीं लगता है कि बीजेपी सरकार अपनी कार्यप्रणाली में आवश्यक सुधार करेगी ताकि इस प्रकार की अक्षम्य लापरवाही की पुनरावृत्ति नहीं हो।

प्रधानमंत्री द्वारा 15 अगस्त के अवसर पर लाल किले से दिये गये भाषण पर सुश्री मायावती जी ने कहा कि इनके हर दावे अनोखे व निराले हैं क्योंकि ये सभी जमीनी हकीकत से काफी दूर हैं अर्थात कोरे दावे ही हैं। बीजेपी सरकार अपने चैथे वर्ष में भी देश के करोड़ों ग़रीबों, मज़दूरों, किसानों, युवाओं, बेरोजगारों, महिलाओं व अन्य मेहनतकश लोगों का कुछ भी ऐसा भला नहीं कर पायी है जिससे उनके जीवन में थोड़ा भी सुख व समृद्धि आयी हो जो कि केन्द्र सरकार की ख़ास ज़िम्मेदारी बनती है, बल्कि इसके विपरीत बीजेपी सरकार की जातिवादी, द्वेषपूर्ण, संकीर्ण व साम्प्रदायिक नीतियों व कार्यकलापों से देश की दिशा व दशा दोनों सुधरने के बजाय बिगडत़ी ही चली जा रही है।

देश की आमजनता बड़े पैमाने पर व्याप्त सरकारी भ्रष्टाचार से पहले से ज्यादा पीड़ित दिखाई पड़ती है जबकि अपने भ्रष्ट मंत्रियों आदि के खिलाफ सख़्त कार्रवाई करने से बीजेपी सरकारें घबराती व शर्माती हुई नजर आ रही है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा व गुजरात आदि बीजेपी-शासित राज्य इसके खास उदाहरण हैं।

वैसे भी केन्द्र सरकार ने ’लोकायुक्त’ का गठन पिछले लगभग सवा तीन वर्षों में नहीं किया हैं, इसलिये मोदी सरकार द्वारा सरकारी भ्रष्टाचार से लड़ने का दावा कितना ज़्यादा खोखला है, यह देश की आमजनता अच्छी तरह से समझ रही है।

बी.एस.पी केन्द्रीय कार्यालय,
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली – 110001

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