गोरखपुर उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार एवं गोरखपुर एम्स के शिलान्यास :- प्रधानमंत्री मोदी

गोरखपुर उर्वरक संयंत्र के पुनरुद्धार एवं गोरखपुर एम्स के शिलान्यास :- प्रधानमंत्री मोदी
पेसूका (अतुल कुमार तिवारी/ अमित कुमार/मधुप्रभा/ ममता)—————– गोरखपुर में हाथ कारखाना और AIIMS के शिलान्‍यास कार्यक्रम में उपस्थित युवा सभी के प्रणाम, मैं सबसे पहले आप सबका अभिनंदन करना चाहता हूं, अगर कोई कहता है कि छब्‍बीस साल से बंद पड़ा हुआ कारखाना मेरे कारण हुआ, मोदी के कारण हुआ तो ये बात गलत है।
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ये छब्‍बीस साल के बाद ये कारखाना फिर शुरू होना हैं, अगर उसका credit, उसका पूरा यश अगर किसी को जाता है तो आप सब जनता जर्नादन को जाता है। अगर आपने मुझे उप्र देश से चुनकर के न भेजा होता, अगर आपने उप्र में एक तरफा भारतीय जनता पार्टी और साथियों को न जिताया होता, तो ये छब्‍बीस साल वाला काम अभी भी लटका पड़ा हुआ होता।
ये इसलिए हुआ है क्‍योंकि आपने दिल्‍ली में आप लोगों के ‍लिए काम करने वाली सरकार बनाई है, इसलिए ये काम हो रहा है। अगर आप अपने हितों को ध्‍यान में रख करके सरकार चुनते है तो सरकार भी आपके लिए काम करने के लिए दौड़ती है।

मुझे आपको इस बात के लिए अभिनंदन करना है पूरे उत्तर प्रदेश में अगर आपने हमें ऐसा बल न दिया होता तो हिन्‍दुस्‍तान में तीस साल के बाद जो मजबूत और स्थिर सरकार बनी है, वो कभी नही बन पाती इसलिए मैं आपका और उप्र का हद्य से आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

आपका तीसरा अभिनंदन मुझे करना है खास करके पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों का आपने पूरे पूर्वी उप्र में हमारे ऐसे होनहार सांसदों को चुना है, ऐसे जागरूक सांसदों को चुना है, ऐसे सक्रिय सांसदों को चुना है जिसके कारण वो दिन-रात दिल्‍ली में जमाते हैं आपके सवालों को लेकर के मेरे से भी लोहा ले लेते हैं, इसलिए मैं आपको अभिनंदन देता हूं।

लोग मुझे पूछते हैं कि मोदी जी आप सोते कब हो ?
अरे आपने ऐसे मजबूत सांसद भेजे हैं, वो मुझे सोने देंगे क्‍या? आज, आज ये जो सिद्धि हो रही है इसकी credit योगी आदित्‍यनाथ जी से लेकर सारे MP जरा खड़े हो जाएं एमपी, यही MP हैं जिन्‍होंने दिन-रात काम किया है उसके कारण आज एक के बाद एक काम सफल हो रहें हैं। मैं उनका अभिनंदन करता हूं उनका सम्‍मान करता हूं।
गर भारत का विकास करता है तो दो पहिओं पर ये विकास का रथ हमको चलाना पड़ेगा। एक पहिया पश्चिमी भारत का है और दूसरा पहिया पूर्वी भारत का। अगर पूर्वी भारत का पहिया मजबूत नहीं होगा अकेला पश्चिम वाला पहिया ही मजबूत होगा गुजरात है, महाराष्‍ट्र है, कर्नाटक है, राजस्‍थान है, हरियाणा है, गोवा है, ये सब हिन्‍दुस्‍तान का पश्चिमी इलाका है अगर वही मजबूत हूआ और भारत का पूर्वी छोड़ पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, आसाम, उड़ीसा, नार्थ-ईस्‍ट ये हमारे देश का पूर्वी इलाका अगर इसका पहिया मजबूत नहीं हुआ तो ये भारत का विकास रथ तेज गति से नहीं चल सकता और इसलिए भाइयों बहनों मेरी पूरी ताकत लगी है कि हिन्‍दुस्‍तान के इस पूर्वी भारत का पहिया भी मजबूत बने पश्चिम की तरह ये पहिया भी विकास रथ को आगे ले जाना वाला बने। इसलिए भाइयों बहनों अगर पूर्वी भारत को आगे बढ़ाना हैं तो हमें क्रांतिकारी रूप से आगे बढ़ना पढ़ेगा।

भारत में दूसरी कृषि क्रांति second green revolution अगर कहीं होने वाला है तो पूर्वी भारत में होने वाला है, पूर्वी उत्तर प्रदेश से होने वाला है अगर second green revolution करना है तो हमारे किसान को खाद चाहिए, फर्टिलाइजर चाहिए आपने ऐसा कभी देखा है भाइयों कि घर में तो फर्टिलाइजर के कारखाने बंद पड़े हों !

नौजवान बेराजगार बैठे हों, इलाके का विकास अटक गया हो और दिल्‍ली में बैठी हुई सरकार विदेशों से उर्वक मंगाते रहे, विदेशो से फर्टिलाइजर मंगवाते रहे, ऐसी गलती कोई सामान्‍य मानवी भी करेगा क्‍या ? कोई करेगा क्‍या? अरे आपके घर में अगर खाने का सामान पड़ा है, तो आप बाहर से किसी से मांग कर लाएगें क्‍या ?
दिल्‍ली में ऐसी सरकार घर के कारखानें बंद, लेकिन उर्वरक बाहर से लाते थे हमने तय किया किसानों को जितना चाहिए उतना यूरिया देंगें, लेकिन कोशिश करेंगें कि पहले मेरे देश में जो कारखानें बंद पड़े हैं, उनको चालू करेंगें और ये सारा पूर्वी भारत में है। सिंदरी हो, बरौनी हो, गोरखपुर हो ये यही इलाके के किसानों के साथ अन्‍याय हो रहा है और इसलिए भाइयों बहनों सिर्फ ये नहीं शिंदरी और बरौनी के कारखाने भी हम हीं चालू करेंगें। मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं।

किसान यूरिया लेने के लिए दूकान के सामने बारह-बारह पंद्रह-पंद्रह घंटे कतार लगाकर खड़ा है। यूरिया लेने के लिए किसान गया है और पूलिस लाठीचार्ज कर रही है। ये दिन आप लोगों को याद करने पड़ेगें, याद है न, ऐसा होता था न, भाईयों बहनों डेढ़ साल में मुझे एक भी मुख्‍यमंत्री की चिट्ठटी नहीं आई है, कहीं पर लाठीचार्ज नहीं हुआ है, कहीं पर यूरिया का ब्‍लैक मार्किटिंग नहीं होने दिया है। 

किसान की आवश्‍यकता है, आज भी उस बात को आगे बढ़ाने के लिए हमारे देश में बिजली में घाटा हो जाए तो किसके नाम पर आरोप मढ़ देना किसानों के नाम पर, यूरिया की खपत की समस्‍या हो आरोप मढ़ देना किसानों पर, हकीकत तो ये थी कि यूरिया किसानों तक पहुंचता ही नही था यूरिया कारखानों से निकल कर कैमिकल वालों की फैक्ट्रियों में चला जाता था, किसान बेचारा इंतजार करता था और सारी सब्सिडी कैमिकल फैक्ट्रियों वालों को मिलती थी, किसानों के नसीब में नहीं आती थी।

हमनें उपाय खोज लिया हमनें कहा यूरिया का Neam Coating करेगें और यूरिया का Neam Coating करेंगें तो एक ग्राम यूरिया भी किसी भी कैमिकल फैक्ट्रिी को काम नहीं आएगा, कोई चोरी नहीं कर सकता है जो भी यूरिया होगा वो सिर्फ खेती में ही काम आएगा और किसी काम में नहीं आ सकता, इसके कारण चोरी गई, भृष्‍टाचार गया, बेईमानी गई, किसानों के नाम पर जो बिल फट रहे थे झुठे, वो भी बंद हो गये ओर किसानों को जरूरत के हिसाब से यूरिया मिलने लग गया।
हमारी कोशिश है कि आने वाले वर्षों में यूरिया के उत्‍पादन की ऐसी strategy बनाएगें जिसके कारण हमें विदेशों से यूरिया न लाना पड़े हो सके तो विदेशों में जहां गैस उपलब्‍ध होता है, हम हीं वहां यूरिया बनाएगें और हम हीं यूरिया को ले आएगें।

हमारें देश में अगर टमाटर का दाम बढ़ गया तो चौबिसों घटें सरकार की आलोचना करने वाले लोग तैयार रहते हैं, सब्‍जी का दाम बढ़ गया तो चौबिसों घटें सरकार की आलोचना करने वाले लोग तैयार रहते हैं। लेकिन उनको कभी इन किसानों की याद नहीं आती। क्‍या किसान को उनके हक का मिलना चाहिए या नहीं मिलना चाहिए? किसान इतनी मेहनत करता है उसको उसका लाभ मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए भाइयों बहनों हमारे देश में मंहगाई की चर्चा बहुत स्‍वाभाविक होती है लेकिन कभी महत्‍वपूर्ण फैंसले हो जाएं, बढ़े महत्‍वपूर्ण दाम कम हो जाएं तो उसको भूला दिया जाता है।

यहां जितने भी किसान होंगें आपने कभी सुना है पिछले तीस साल.. में मैं चुनौती देता हूं आपने कभी सुना है हमारे देश मे फल्टिलाईजर के दाम कम हुए हों ऐसा कभी सुना है भाई सुना है ? नहीं हुआ न ? ये पहली सरकार आपने दिल्‍ली में ऐसी बिठाई है, मेरे भाइयों बहनों कि आज मुझे ये बताते हुए खुशी होती है कि हमारी सरकार की नीतियों के कारण, हमारे देश में भृष्‍टाचार खत्‍म करने के लगातार प्रयासों के कार,ण हमारी सरकार में सामान्‍य किसान की भलाई की दिन-रात चिंता करने के कारण, मेरे किसान भाइयों हमारी सरकार ने TLP खाद जिसमें प्रतिटन मुल्‍य में ढ़ाई हजार रूपया कटौती करने में सफलता प्राप्‍त की है और उसके कारण जब किसान पचास किलोग्राम की बोरी लेता है, तो उसको एक सौ पच्‍चीस रूपया अब कम देना पड़ेगा ये काम हमने किया।
MOP, किसान को MOP चाहिए उसके मूल्‍य में प्रतिटन पांच हजार रूपया कम करके दिखाया भाइयों बहनों पांच हजार रूपया कम और उसके कारण पचास किलो का अगर बोरा होगा, उसका ढाई सौ रूपया तक बचत होने वाली है। भाइयों बहनों इसके दाम मिश्रित खाद NPK के हमने average एक हजार रूपया प्रतिटन कम किया है और उसके कारण किसान को बोरे पर पचास रूपये की बचत होने वाली है। इन सारा हिसाब लगाए तो इसके पहले कभी किसान को सस्‍ते में खाद मिले ऐसा कभी किसी सरकार ने सोचा तक नहीं था। ये पहली सरकार है, जिसने इस दिशा मे सोचा है।

हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की है अगर एक बार किसान प्रधानमंत्री बीमा योजना ले लेगा तो उसको कभी भी संकट की घड़ी में ये बीमा काम आएगा, उसका परिवार साल भर आराम से गुजार सकेगा ऐसी व्‍यव्‍स्‍था प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में है और उस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में कम से कम प्रीमियम और ज्‍यादा से ज्‍यादा लाभ, ऐसी योजना आजादी के बाद किसानों के लिए पहली बार आई है।

मेरे गन्‍ना किसान गन्‍ना किसान परेशान है जब मैं प्रधानमंत्री बना हजारों करोड़ रूपया पुराना बकाया था, हजारों करोड़ रूपया, दो साल अकाल रहा, कृषि क्षेत्र मुसीबत में रहा इसका असर सरकार पर भी पड़ता है लेकिन उसके बावजूद भी एक के बाद एक कदम हमने ऐसे उठाये कि जिस किसान के गन्‍ना किसान के हजारों करोड़ रूपया बकाया थे, उस पुराने बकाये में मेरे शब्‍द ध्‍यान से सुनियें मै कह रहा हूं पुराना जो बकाया था उसमें, जो हजारों करोड़ रूपया बकाया था उस पर अब सिर्फ एक सौ सत्‍तर, एक सौ पच्‍चतहर, एक सौ अस्‍सी करोड़ बाकी रहा।
कहां हजारों करोड़ का बकाया और कहां एक सौ पच्‍चतहर करोड़ रूपया बकाया ? और इतना ही नहीं जो वर्तमान का हिसाब है उसमें भी 93% भुगतान हो चुका है और मै उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह करूंगा कि जब भारत सरकार ने इतनी मदद की है तो 7% के लिए क्‍यों रोक कर के बैठे हो उनको भी पूरा कर दीजिए ओर वर्तमान भी शत-प्रतिशत भुगतान हो जाना चाहिए।

गन्‍ने से चीनी बनने से पहले इथनोल बनाओ, सरकार उसको खरीद करेगी ताकि चीनी का दाम कम अधिक हो जाए, तो भी मेरा गन्‍ने का किसान कभी उसको मुसीबत झेलनी न पड़े, ऐसी permanent व्‍यवस्‍था करने का हमने काम किया है और हमने पर्यावरण की भी रक्षा की है। हमारी गाडियों में, ट्रेक्‍टर में इथनाल का उपयोग हो सकता है सरकार ने अधिकृत रूप से उसकी परमीशिन दे दी है।

किसान की कैसे मदद की जा सकती है किसान के जीवन में कैसे बदलाव लाया जा सकता है। ये फर्टिलाइजर का कारखाना कुछ लोग कहेगे कि एक कारखाना ये सिर्फ एक कारखाना नहीं है ये सिर्फ किसानों के लिए यूरिया पैदा करने वाला मामला नहीं है ये बहुत बड़ा बदलाव सबसे बड़ा बदलाव ये है कि आप इस इलाके की economy Gas based economy बनेगी।

जगदीशपुर-हल्दिया जो गैस की पाइप लाइन जाती है उस पाइप लाइन से अब गोरखपुर और पूर्वी उप्र के इस बेल्‍ट में गैस लाना शुरू होगा। ये कारखाना उस गैस के आधार पर यूरिया पैदा करेगा उसका खर्चा कम होगा लेकिन ये गैस सिर्फ कारखाने के लिए नहीं रहेगा ।

गोरखपुर के हर घर में पाइपलाइन से जैसे पाइपलाइन से पानी आता है वैसे ही पाइपलाइन से गैस आएगी। इस पूरे इलाके की माता एवं बहनें मुझे आर्शीवाद दीजिए, मैं आपके लिए हर चुल्‍हे में पाइपलाइन से गैस पहुंचाने का सपना ले करके काम कर रहा हूं। इसके कारण जब बिजली मिले, गैस मिले तो और काम करने वाले नौजवान मिल जाएं तो उद्योग लगाने वालों की लाइन लग जाती है।

ये पूरे उत्‍तर प्रदेश में औद्योगिक क्रांति का भी ये प्रारंभ हो रहा है। भाइयों और बहनों ये सिर्फ एक कारखाने की योजना नहीं है। लेकिन ये ऐसी विजय यात्रा का आज शिलान्‍यास हुआ है। एक ऐसी विजय यात्रा का शिलान्‍यास हुआ है, जो विजय यात्रा गरीबी को परास्‍त करने की विजय यात्रा है।

भारत में AIIMS को एक मानदंड माना गया है। आप मुझे बताइयें क्‍या AIIMS दिल्‍ली वालों के लिए ही है क्‍या ? क्‍या मेरे उत्‍तर प्रदेश के बीमार भाइयों और बहनों को AIIMS मिलना चाहिए कि नहीं मिलना चाहिए ? लेकिन एक बनेगा 700 bed का आधुनिक से आधुनिक अस्‍पताल बनेगा।
अभी हमारे नड्डा जी और अनुप्रिया के नेतृत्‍व में भारत में आरोग्‍य की योजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में अनेक हम कदम उठा रहे हैं। उसमें एक महत्‍वपूर्ण कदम आज गोरखपुर में AIIMS को हम लागू कर रहे हैं।

भारत में जापानी बीमारी कहते थे लोग जापानी बीमारी, जापानी बीमारी। कितने बालक मौत के शरण हो गये, कितने बालक दिव्‍यांग हो गये, भाइयों और बहनों बचपन को मरने नहीं दिया जाएगा। इन बच्चियों को मरने नहीं दिया जाएगा और मैंने उस समय कहा था बिहार के जिस belt में काला ज्‍वार की मुसीबत थी। उसके पीछे हम लग गये । ज्‍वाला झार से मुक्ति दिलाने की दिशा में अहमतापूर्वक आगे बढ़ रहे हैं।

आज AIIMS के माध्‍यम से यहां के स्‍वस्‍थ्‍य जीवन के लिए मैं भाइयों और बहनों यहां के स्‍वस्‍थ्‍य जीवन के लिए मैं भाइयों और बहनों यहां के स्‍वस्‍थ्‍य जीवन के लिए मैं भाइयों और बहनों ये दीमागी बुखार जिसने हमारे बच्‍चों की जिंदगी बर्बाद की। यहां इसलिए उत्‍थान चाहिए यहां जिस प्रकार की बीमारियां हैं अध्ययन उस प्रकार का होना चाहिए।
यहां जो डॉक्‍टर तैयार होंगे उनकी उस पर मास्‍टरी होनी चाहिए। तब जा करके यहां तो बीमार लोगों को मदद मिलेगी। और इसलिए भाइयों और बहनों आज AIIMS का यहां जब योजना लगी है, बहुत की कम समय में मैंने आज इसका पूरा प्रोजैक्‍टशन देखा।

इन्‍द्रधनुष योजना  और हम जानते हैं टीकाकरण होता रहता है, जो छूट जाते हैं वो छूट जाते हैं फिर उनकी तरफ देखना वाला नहीं है। इन्‍द्रधनुष योजना के द्वारा नड्डा जी अनुप्रिया के नेतृत्‍व में पूरे देश में टीककरण से जो लोग छूट गये हैं, जो माताएं छूट गईं हैं जो बच्‍चे छूट गये हैं उनका टीकाकरण का अभियान चला गया। 50 लाख से ज्‍यादा ऐसे लोगों को खोज खोज करके झुग्‍गी झोंपड़ी में जा करके जहां भी मिले उनके पास जा करके टीकाकरण का काम करके उनकी जिदंगी बचाने का बड़ा भगीरथ काम किया है, बहुत बड़ा सेवा यज्ञ किया है।

ये सरकार 2850 करोड़ रूपये ही ले पाई है, सात हजार करोड़ सात हजार करोड़ रूपया पडा है। उसको लेने की फुर्सत नहीं है। क्‍योंकि काम करने की उनकी ताकत नहीं है। जो सरकार आपके आरोग्‍य के लिए काम नहीं कर पाए, भारत सरकार पैसे देती हो उसके बाद भी काम अटका पडा हो। आपको कभी स्‍वास्‍थ्‍य नहीं मिल सकता और इसलिए आपने दिल्‍ली में ऐसी सरकार बनायी आपके लिए दौड़ रही है। लखनऊ में भी ऐसी सरकार हो जो आपके लिए दौड़नें वाली हो।

कृषि क्रांति के लिए संभावना है। औद्योगिक क्रांति के लिए संभावना है। भगवान बुद्ध के दुनियाभर में भक्‍त हैं। वे यहां आना चाहते हैं। अच्‍छी सड़कें होनी चाहिए। अच्‍छी रेल की सुविधाएं होनी चाहिए, अच्‍छी विमान सेवा होनी चाहिए। हमने विमान सेवा में नई पॉलिसी बनाई है। उसके कारण ऐसे गोरखपुर जैसे छोटे-छोटे स्‍थान पर भी अब विमान आने की संभावना बढ़ेगी।

टूरिस्‍ट आने की संभावना बढ़ेगी। सड़कें बनाने का अभियान चालू किया है। हजारों करोड़ रूपया हम सड़कों के लिए लगा रहे हैं। अगर अच्‍छी सड़कें इस इलाके में बन जाएं, तो हमारे टूरिस्‍टों को शान के साथ इस इलाके में जा सकते हैं और जब टूरिस्‍ट आता है तो गरीब से गरीब व्‍यक्ति को रोजी-रोटी मिली है। बहुत पैसे खर्च नहीं करने पडते।
सोनाली से गोरखपुर, नेशनल हाईवे 570 करोड़ रूपये, इंडो-नेपाल बार्डर राजौरी तक 550 करोड़ रूपया, गोरखपुर-वाराणसी four-lane 650 करोड़ रूपया। भाइयों और बहनों ग्रामीण सड़क के लिए तो अलग। ये सारी बातें रेलवे में तो आप देख रहे हैं। कितनी तेज गति से काम चल रहा है आप अपनी आंखों से देख रहे हैं।

हम infrastructure को बल दे रहे हैं। 18,500 गांव ऐसे हैं आजादी के 70 साल होने आए वहां बिजली का खंभा भी नहीं पहुंचा। कुछ समय पहले मैंने हिसाब-किताब मांगा।

अफसरों ने कहा साहब इन 18,500 गांव में पहुंचना है तो सात साल लगेंगे। मैंने कहा भाई ये मोदी है, वो सीढ़ी भी चढ़ता है तो दौड़ के चढ़ता है, सात साल क्‍या मतलब है भाई ? मैंने एक दिन लालकिले पर बोल दिया मुझे एक हजार दिन में काम पूरा करना है एक हजार दिन में।
अभी 340 दिन हुए हैं, 340 दिन हुए हैं मेरे भाइयों और बहनों, लेकिन आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि 18,452 गांवों में से 9 हजार 33 गांव में बिजली पहुंच चुकी है।

उत्‍तर प्रदेश में भी 1529 गांव, 1529 गांव ऐसे थे, जो 18वीं शताब्‍दी में जीने के लिए मजबूर थे। बिजली क्‍या होती है? उस गांव को पता नहीं था भाइयों और बहनों।

उन 1529 गांवों को खोज करके बिजली पहुंचाने का बीड़ा उठा है और आज मैं संतोष के साथ कहता हूं कि 340 दिन में अब सिर्फ पौने दो सौ गांव सिर्फ अब बचे पौने दो सौ गांव। ये काम भी पूरा कर लिया जाएगा।

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