गोद लेने संबंधी मुद्दे, चुनौतियां और प्रस्‍तावित सुधारों पर विचार विमर्श

गोद लेने संबंधी मुद्दे, चुनौतियां और प्रस्‍तावित सुधारों पर विचार विमर्श
महिला और बाल विकास मंत्रालय –

नई दिल्ली  – महिला और बाल विकास मंत्रालय से सम्‍बद्ध नवगठित संसदीय सलाहकार समिति की आज नई दिल्‍ली में पहली बैठक हुई। बैठक में गोद लेने, मोद लेने की प्रक्रिया और जरुरी सुधारों के बारे में चर्चा की गई। बैठक की अध्‍यक्षता महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने की। बैठक की शुरुआत में श्रीमती मेनका गांधी ने कहा गोद लेने की प्रक्रिया संबंधी सुधार किए जा रहे हैं ताकि भावी माता-पिता के लिए किसी बच्‍चे को गोद लेना आसान हो सके।

उन्‍होंने कहा कि जो प्रमुख सुधार किए जा रहे हैं उनसे भावी माता-पिता को चार महीने के अंदर बच्‍चा मिल जाएगा। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पूरी प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है और प्रत्‍येक कदम के लिए एक समय सीमा तय की गई है। श्रीमती मेनका गांधी ने कहा कि इन सुधारों को किशोर न्‍याय ( संरक्षण और बच्‍चों की देखभाल) विधेयक 2014 की मदद से आगे ले जाया जाएगा। विधेयक संसद में पेश किया जा चुका है। गोद लेने के बारे में दिशा निर्देशों में भी संशोधन किया गया है।

सलाहकार समिति के सदस्‍यों ने गोद लेने की प्रक्रिया में आने वाली विभिन्‍न दिक्‍कतों और कमियों तथा पारदर्शिता की कमी की ओर मंत्री महोदया का ध्‍यान आकर्षित किया जिनके कारण अनेक मामलों में गोद लेने में 4 वर्ष तक की देरी हो जाती है। उन्‍होंने सदस्‍यों के सुझावों की सराहना की और आश्‍वासन दिया कि इन सुझावों को शामिल किया जाएगा।

जिन सदस्‍यों ने आज बैठक में भाग लिया उनमें सांसद श्रीमती के. मार्गथम, सांसद श्रीमती प्रतिमा मंडल, सांसद श्रीमती आर. वनरोजा, सांसद श्रीमती विमला कश्‍यप सूद, सांसद श्रीमती कनक लता सिंह, सांसद श्रीमती सरोजिनी हेमब्राम और सांसद श्रीमती शशिकला पुष्‍पा शामिल हैं।

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