गैर सरकारी संगठनों (एऩजीओ) की विदेशी निधियां :: एफसीआरए और एफसीसीआर के प्रावधान

गैर सरकारी संगठनों (एऩजीओ) की विदेशी निधियां :: एफसीआरए और एफसीसीआर के प्रावधान
विदेशी योगदान की स्वीकृति और उपयोग विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम 2010 (एफसीआरए) और इसके अधीन तैयार किये गये विदेशी योगदान (विनियमन) नियम 2011 (एफसीसीआर) के अधीन नियंत्रित किये जाते हैं। ये नियम विदेशी योगदान, उसके उपयोग, लेखा के रख-रखाव, संघों के खातों के निरीक्षण आदि के लिए पूर्व अनुमति और पंजीकरण की अनुमति देने की प्रक्रिया उपलब्ध कराते हैं। ये एफसीआरए और एफसीसीआर के प्रावधानों के उल्लघनों के मामले में पंजीकरण निलम्बित करने या रद्द करने सहित लागू किये जाने वाले दंडों को निर्दिष्ट करते हैं।
गृहमंत्रालय संघों/एनजीओ द्वारा प्राप्त और उपयोग किये जाने वाले विदेशी योगदान को नियंत्रित करने के लिए विदेशी योगदान विनियमन (2011) प्रशासन के लिए अधिकार प्राप्त है। एनजीओ द्वारा एफसीआरए और एफसीआरआर के प्रावधानों के उल्लघंन करने के उदाहरण सरकार की जानकारी में आए हैं। एफसीआरए 1मई 2011 से लागू हुए उसके बाद से 2011 में 21 हजार संघों और 2014 में 10,343 संघों को लगातार तीन वर्ष तक वार्षिक रिटर्न न भरने के लिए नोटिस जारी किये गये। इसके परिणाम स्वरूप जुलाई 2012 में 4138 संघों के और मार्च 2015 में 10117 संघों के पंजीकरण कारण बताओ नोटिस जारी करने और उन्हें पर्याप्त अवसर देने के बाद रद्द किये गये। लेखों की जांच और छटनी के बाद 15 मामले सीबीआई को और दस मामले राज्य पुलिस को आगे जांच और मुकदमें चलाने के लिए प्रेषित किये गये। 23 संघों के लेखों को फ्रोजन किया गया। 20 संघों को विदेशी योगदान प्राप्त करने से प्रतिबंधित किया गया। 2014 में आवश्यक वार्षिक रिटर्न देरी से या न जमा करने के कारण 341 संघों पर 5,20,82,031 रुपये का जुर्माना लगाया गया और एफसीआरए के अधीन बगैर पंजीकरण कराये य़ा पूर्व अनुमति के बिना विदेशी योगदान प्राप्त करने और उपयोग करने के लिए 24संघों पर 51,99,526 रुपये का जुर्माना लगाया गया।

सरकार को गुप्तचर ब्यूरो सहित विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से एफसीआरए के उल्लंघन के बारे में जानकारी मिलती है तथापि आरोपित उल्लंघन कर्ताओं के विरूद्ध कार्रवाई आवश्यक जांच और कथित अधिनियम में आधारित उचित प्रकिया का अनुपालन करने के बाद शुरू की जाती है। किसी संघ के विरूद्ध इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लघंन करने की जानकारी मिलने के बाद त्वरित कार्रवाई की जाती है। एनजीओ/पंजीकृत सिविल सोसाइटीज/ और एफसीआरए 2010 के अधीन पूर्व अनुमति प्राप्त संगठनों से समय-समय पर जारी इस अधिनियम के प्रावधानों/ अनुदेशों का अऩुपालन करना अपेक्षित है।

अगर कोई एनजीओ /सिविल सोसाइटीज अधिनियम और नियमों के प्रावधानों का उल्लघंन करती है तो केवल विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम 2010 के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाती है। इस अधिनियम और नियमों का उल्लघंन करने के लिए दोषी एऩजीओ/ सिविल सोसाइटीज के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई की गयी है। इन कार्रवाईयों में पूर्व संदर्भ श्रेणी में डालने पंजीकरण निलम्बित करने, खाता फ्रीज करने, पंजीकरण रद्द करने या मुकदमा चलाना शामिल है। कार्रवाई पर्याप्त अवसर देने और कानून की उचित प्रक्रिया अपनाने के बाद की जाती है। इसलिए सरकार द्वारा गैर सरकारी संगठनों सोसाइटियों का मुंह बंद करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। सरकार आवेदन की प्रक्रिया और पंजीकरण की अनुमति, पूर्व अनुमति, प्रक्रिया को ऑनलाइन और उपभोक्ता के अनुकूल बनाने, पारदर्शिता और जवाब देही को बढ़ाने के लिए एफसीआरआर के कुछ विशेष प्रवाधानों में संशोधन करने की इच्छुक है। इन परिवर्तनों से व्यक्तियों और एफसीआर के अधीन गैर पंजीकरण संघों द्वारा विदेशी योगदान की प्राप्ति की बैंकों द्वारा तेजी से जानकारी देने और प्रभावी निगरानी में मदद मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी गृह राज्य मंत्री श्री किरण रिजीजू ने डॉ. सुनील बालिराम गायक्वाड, डॉ. श्रीकांत एकनाथ शिंदे, श्री नागेन्द्र कुमार प्रधान, श्रीसुधीर गुप्ता, श्रीमती ज्योति धुर्वे, श्री अशोक शंकरराव चव्हाण, श्री आनंद राव अदसूल, श्रीरामचरित्र निषाद, श्री विनायक भाऊराव राउत, श्री गजानन कीर्तिकर, कुंवर हरिबंश सिंह, श्री अदलराव पाटिल शिवाजी राव, श्री भीमराव बी पाटिल, श्री राहुल शेवले, श्री बी सेनगुट्टूवन, श्री धर्मेन्द्र यादव, श्री शिरांग अप्पा बरने और डॉ. पी वेणुगोपाल और श्री रामचरित्र निषाद तथा श्री मती वनारोजा आर द्वारा दो अलग-अलग प्रश्नों के लिखित उत्तरों में दी।

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