गैर-बैंकिंग कंपनियों को पैसे जमा कराने की अनुमति नहीं – मुख्य सचिव

गैर-बैंकिंग कंपनियों को पैसे जमा कराने की अनुमति नहीं –  मुख्य सचिव

3244छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय (महानदी भवन) में गैर-बैंकिग क्षेत्र की गतिविधियों पर निगरानी के लिए बनी राज्य स्तरीय समन्वय समिति की पच्चीसवीं बैठक संपन्न हुई। बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय निदेशक श्री मुरली राधाकृष्णन ने बताया कि गैर-बैंकिग वित्त कंपनी के नए प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में किसी भी कंपनी को पैसे जमा कराने की अनुमति नहीं है। पैसे जमा कराने और उसके लेन-देन का अधिकार केवल बैंकों को है। उन्होंने बताया कि कंपनी अधिनियम के तहत एवं सहकारी संस्थाओं और समितियो के रूप में गैर-बैंकिग क्षेत्र में काम करने के लिए पंजीकृत यदि कोई संस्था इस तरह का काम कर रही है तो वह गैर-कानूनी है।
मुख्य सचिव श्री ढांड ने बैठक में प्रदेश के कंपनी अधिनियम एवं सहकारी समितियों के पंजीयक को इस तरह के गतिविधियों में संलग्न कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने इस तरह के मामलों में लोगों से प्राप्त शिकायतों पर पुलिस विभाग को भी तत्काल कार्रवाई करने कहा। रिजर्व बैंक, सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड), राष्ट्रीय हाउसिंग बैंक, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकांउटेंट्स ऑफ इंडिया और छत्तीसगढ़ पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा (ई.ओ.डब्लू.) एवं अपराध अनुसंधान विभाग (सी.आई.डी.) को भी उन्होंने फर्जी चिट-फंड कंपनियों और लोगों को गुमराह कर निवेश कराने वाली कंपनियो पर लगाम लगाने के लिए कानूनी प्रावधानों का पालन सख्ती से करने के निर्देश दिए। बैठक में समिति की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों के पालन प्रतिवेदन पर भी चर्चा हुई। इस दौरान वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री डी.एस. मिश्रा, सचिव श्री अमित अग्रवाल, गृह विभाग के सचिव श्री अशोक जुनेजा, अपराध अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री आर.सी. श्रीवास्तव, विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी श्री पी.एन. तिवारी, पंजीयक कंपनी अधिनियम श्री आर.के. साहू, सेबी के सहायक प्रबंधक श्री यू. रमेश, संचालक संस्थागत वित्त श्री आकाश सोलंकी, भारतीय रिजर्व बैंक भोपाल की उपमहाप्रबंधक श्रीमती वीणा श्रीवास्तव और रायपुर कार्यालय के उपमहाप्रबंधक श्री वेणुगोपाल राव सहित आर्थिक अपराध शाखा एवं इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकांउटेंट्स ऑफ इंडिया के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

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