- August 8, 2016
गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली
मुकेश मोदी———————-मध्यप्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहाँ गैर-कृषि उपभोक्ताओं को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली दी जा रही है। इस प्रकार मध्यप्रदेश बिजली के मामले में सरप्लस स्टेट है।
प्रदेश में पिछले 5 वर्ष में बिजली आपूर्ति में 64 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उपभोक्ताओं को गत वर्ष उनकी माँग के अनुरूप 6,380 करोड़ यूनिट बिजली की सप्लाई की गयी, जो वर्ष 2014-15 के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक रही।
पहली बार पिछले रबी मौसम में 10 हजार मेगावॉट से अधिक बिजली की सप्लाई की गयी। राज्य में वर्ष 2003 में बिजली की उपलब्ध क्षमता मात्र 4,673 मेगावॉट हुआ करती थी। आज यह क्षमता 17 हजार 169 मेगावॉट है। बिजली की आपूर्ति के लिये वर्ष 2022 तक का रोड मेप तैयार किया गया है। इस दौरान बिजली की उपलब्ध क्षमता बढ़कर 22 हजार 513 मेगावॉट हो जायेगी।
राज्य की विद्युत कम्पनी एम.पी. जेनको द्वारा खण्डवा जिले में श्रीसिंगाजी ताप विद्युत-गृह में 2×660 मेगावॉट क्षमता की सुपर क्रिटिकल तकनीक आधारित दूसरे चरण की विस्तार परियोजना पर एल एण्ड टी कम्पनी द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है। सिंगाजी में पहला विस्तार वर्ष 2018 में और दूसरा विस्तार नवम्बर, 2018 में पूरा कर लिया जायेगा और इसमें उत्पादन भी प्रारंभ हो जायेगा। राज्य में पाँच लाख अस्थायी कृषि पम्प कनेक्शन को स्थायी पम्प कनेक्शन में परिवर्तित करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि
प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की गयी है। पिछले तीन वर्ष में इसमें लगभग 2670 मेगावॉट क्षमता की वृद्धि की गयी है। इस वृद्धि से प्रदेश में नवकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 3,107 मेगावॉट हो गयी है। पिछले वर्ष प्रदेश में देश की सबसे अधिक नवकरणीय ऊर्जा क्षमता 1580 मेगावॉट स्थापित की गयी।
यह क्षमता उक्त वर्ष में देश भर में स्थापित क्षमता का लगभग एक चौथाई है। रीवा जिले में 750 मेगावॉट क्षमता का सोलर प्लांट लगाया जा रहा है। इस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस प्लांट में बनने वाली बिजली का उपयोग प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली मेट्रो के लिये भी होगा।