गुलाब सागर परियोजना *** ***तहसीलदार श्रीमती अमिता सिंह तोमर को पानी *** 11 साल और 24 स्थानांतरण

गुलाब सागर परियोजना *** ***तहसीलदार श्रीमती अमिता सिंह तोमर  को पानी *** 11 साल  और 24 स्थानांतरण

सीधी (विजय सिंह)—– गुलाब सागर बांध परियोजना जनप्रतिनिधियों -नौकरशाहों- ठेकेदार एवं दलालों के चौकड़ी की लूट के लपेटे में है|जिसका परिणाम है कि बांध से जिस तेजी से पानी का रिसाव हो रहा है,वह कभी भी टूट सकता है।

इसी तरह मुख्य नहर के घटिया एवं अनुपयोगी निर्माण के कारण नहर का पानी किसानों के खेतों में नहीं पहुंच पा रहा है।विभाग द्वारा झूठा आंकड़ा प्रस्तुत कर बताया जाना की बांध से 21 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा रही है,जबकि वास्तविकता यह है कि बांध से मात्र 6 हजार हेक्टेयर भूमि में ही सिंचाई हो रही है।

टोंको-रोंको-ठोंको क्रांति का रीमोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि गुलाब सागर बांध (महान नदी बांध परियोजना) की आधारशिला रखे जाने के समय यह परिकल्पना की गई थी कि बांध निर्माण से जिले की कंकरीली-पथरीली उबड़-खाबड़ बंजर जमीन तक पानी पहुंचेगा और गरीब किसानों के खेतों में हरियाली होगी, लहलहाती फसलों से किसानों का भविष्य सुनहरा होगा |

जिले के गरीब गुरबा किसानों की तकदीर एवं तस्वीर बदलेगी।लेकिन विडंबना यह है कि बांध के निर्माण के समय से जो भ्रष्टाचारी लूट का सिलसिला शुरु हुआ वह अभी तक बेलगाम जारी है।

श्रीतिवारी ने कहा है कि बांध निर्माण से लेकर घटिया एवं अनुपयोगी नहर निर्माण का जो सिलसिला शुरु हुआ था वह अब किसान के खेत में पानी पहुंचाए जाने हेतु कराए जार हेकाडा नाली निर्माण में बदस्तूर जारी है।

नियम है कि 2.5 एकड़ जमीन की सिंचाई हेतु 30 मीटर काडा नाली बनाई जा सकती है और काडा नाली निर्माण किसानों से विचार-विमर्श करके ही बनाई जायेगी।लेकिन जल उपभोक्ता संथाबोकरो में पदस्थ सक्षम प्राधिकारी सनत कुमार शुक्ला द्वारा बिना किसानों की सहमति से हनुमानगढ़ एवं बेल्दह में अनुपयोगी एवं घटिया काडा नाली का निर्माण कराया गया है।

श्री शुक्ला ने रसूखदारों की 15 डिसमिल भूमि में चारों तरफ 150 मीटर तक की काडा नाली बनवाई है| उनके इस कृत्य से राशिका तो दुरुपयोग हुआ ही है,ज्यादातर किसानों के खेतों में काडा नाली का निर्माण भी नहीं हो पायेगा और किसानों के खेतों में सिंचाई नहीं हो पायेगी।

क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने सनत कुमार शुक्ला जैसे भ्रष्ट अधिकारी को सेवा से पृथक करके उनके विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ ही अनुपयोगी एवं घटिया काड़ा नाली निर्माण के भुगतान में रोक लगाने व भुगतान की गई राशि की वसूली करने की मांग की है|

***तहसीलदार को पानी ***

ट्रांसफर के लिये मशहूर चुरहट तहसीलदार श्रीमती अमिता सिंह तोमर के शासकीय निवास में पानी प्रदाय पर लगाई गई अघोषित रोक पर कलेक्टर दिलीप कुमार ने अप्रसन्नता जाहिर करते हुये नगर पंचायत चुरहट के मुख्य नगर पालिका को निर्देश दिया है कि वह तत्काल पानी उपलब्ध करावें।

मिडिया कर्मियों ने श्रीमती तोमर की प्रताड़ना की ओर कलेक्टर का ध्यान आकर्षित कराया था।

श्रीमती अमिता सिंह तोमर प्रदेश की ऐसी महिला राजस्व अधिकारी हैं, जिनकी महज 11 साल की शासकीय सेवा में 24 स्थानांतरण हो चुके हैं। विगत वर्ष ही उन्हें चुरहट तहसीलदार का प्रभार सौंपा गया था। पिछले दिनों उनका पुनः स्थानांतरण कर दिया गया और स्थानांतरण आदेश के पहले ही उन्हें एकतरफा भारमुक्त का आदेश पकड़ा दिया गया। क्षुब्ध होकर उन्होंने उच्च न्यायालय जबलपुर में याचिका दायर कर शासन के स्थानांतरण आदेश व भार मुक्ति आदेश पर स्थगन ले लिया।

न्यायालय के आदेश पर उन्होंने चुरहट तहसीलदार के पद पर अपनी आमद तो दर्ज कर दी, लेकिन इसके बाद उनकी प्रताड़ना का दौर चल पड़ा। महिला होने के नाते रात्रिकालीन चौकीदारी करने वाले कर्मी को हटा दिया गया। तहसीलदार को आवंटित वाहन ले लिया गया, जो अब तक वापस नहीं किया गया है। इससे भी जब संतोष नहीं हुआ तो उनके निवास में सप्ताह में एक बार टैंकर से प्रदाय किये जाने वाले पानी को रोक दिया गया।

चुरहट नगर में अधिकारियों की आवासीय कालोनी में पानी का संकट शुरू से ही है। कहने को सिरहाने पर ही टंकी बनी है, किन्तु उसमें पानी भरने की व्यवस्था मौसम के अनुसार होती है। गर्मी में अमूमन वहां निवासरत सभी अधिकारियों के घरों में नगर पंचायत के टैंकरों से ही पानी पहुंचाया जाता है। महिला राजस्व अधिकारी की प्रताड़ना, किसके इशारे पर की जा रही है ? यह जांच का विषय है।

संपर्क—
स्वतंत्र पत्रकार
19, अर्जुन नगर, सीधी

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