• March 8, 2022

गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मुहैया कराने के साथ बालिका शिक्षा को बढ़ावा देेने पर विशेष जोर – उच्च शिक्षा राज्य मंत्री

गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मुहैया कराने के साथ बालिका शिक्षा को बढ़ावा देेने पर विशेष जोर – उच्च शिक्षा राज्य मंत्री

जयपुर—— उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र यादव ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार युवाओं को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा मुहैया कराने के साथ बालिका शिक्षा को बढ़ावा देेने पर विशेष जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा से संबंधित सभी घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने के लिए कटिबद्ध है।

श्री यादव विधानसभा में मांग संख्या 24 (शिक्षा, कला एवं संस्कृति) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता, प्रभावी और सुदृढ़ शिक्षण एवं सेवा, शिक्षा तक सबकी पहुंच, संस्थाओं में संसाधन व्यवस्था और विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ रोजगारन्मुख प्रशिक्षण के पांच बिन्दुओं को ध्यान में रखते हुए उच्च शिक्षा के विकास के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों की दृष्टि से राजस्थान राष्ट्रीय औसत से ऊपर है। राज्य में उच्च शिक्षा के व्यापक प्रसार के लिए दूरदराज के इलाकों में कॉलेज खोलने का काम किया जा रहा है। उच्च शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 50 फीसदी लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रयासरत है।

उन्होंने वर्तमान राज्य सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2019 से 2021 के दौरान 123 नए महाविद्यालय खोलने के साथ इस वर्ष 56 नए महाविद्यालय खोलने की घोषणा की है। इस प्रकार वर्तमान सरकार ने अब तक 179 नए महाविद्यालय खोले हैं, जबकि गत सरकार ने पूरे पांच साल में मात्र 81 नए कॉलेज खोले थे, जिनमें से भी 21 महाविद्यालयों के लिए कोई बजट प्रावधान नहीं किया था। राज्य सरकार ने 150 करोड़ रुपए खर्च कर इन महाविद्यालयों के लिए भवन निर्माण कराया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में राजकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर 26 एवं स्नातकोत्तर स्तर पर 40 नवीन विषय खोले गए हैं।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री बालिकाओं को उच्च शिक्षा आसानी से सुलभ कराने के लिए विशेष प्रयासरत हैं। उन्होंने बताया कि नवीन खुल रहे 179 महाविद्यालयों में से 76 कन्या महाविद्यालय हैं, जबकि गत सरकार ने केवल 7 कन्या महाविद्यालय खोले थे। उन्होंने बताया कि 500 से अधिक छात्राओं वाले विद्यालयों के स्थान पर महाविद्यालय खोलने का काम प्राथमिकता से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप गत तीन सालों में महाविद्यालयों में बालिका नामांकन में 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। महाविद्यालयों में बालिकाओं का नामांकन 2 लाख 5 हजार से बढ़कर 2 लाख 65 हजार हो गया है।

श्री यादव ने बताया कि राज्य सरकार महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद भरने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों में 4190 नियमित एवं 1176 विद्या संबल योजना के तहत शिक्षक कार्यरत हैं। इसके साथ ही 918 पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, जिन्हें शीघ्र पूर्ण कर पद भरे जाएंगे। साथ ही एक हजार सहायक आचार्य के नए पदों के लिए वित्त विभाग ने सहमति प्रदान की है।

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