गुडग़ांव : टाइनी आउल फूड टेक कंपनी संस्थापक की शैतानी : कर्मचारियों की छंटनी

गुडग़ांव : टाइनी आउल फूड टेक कंपनी संस्थापक की शैतानी  : कर्मचारियों की छंटनी

दीवाली के बाद पहला सोमवार  टाइनी आउल के  उन 52 कर्मियों के लिए बेहद नागवार गुजरा, जो छंटनी के बाद कंपनी का सामान लौटाने के लिए उसके गुडग़ांव दफ्तर के बाहर जमा हुए थे।

कंपनी में यह उनका आधिकारिक तौर पर आखिरी दिन था और उन्हें कंपनी द्वारा मुहैया कराए गए लैपटॉप, फोन और डेटा कार्ड वापस लौटाने थे। लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। मुंबई कार्यालय में फोन किया गया तो कुछ अधिकारियों ने ईमेल की जानकारी होने से इनकार कर दिया, जबकि कुछ से संपर्क नहीं हो पाया।

कंपनी के संस्थापक फिर पूरे परिदृश्य से गायब थे। तकरीबन ढाई घंटों तक फोन और ईमेल के जरिये हुई मशक्कत के बाद उन्हें अंदर जाने दिया गया। कार्यालय के बाहर अफरातफरी तो महज एक बानगी भर थी। कर्मचारियों का गुस्सा कई हफ्तों तक चली बातचीत के नाकाम होने के बाद फूटा।

मुंबई की इस फूड टेक कंपनी ने लागत का बोझ कम करने के लिए दो हफ्ते पहले 118 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने का ऐलान किया था। मगर यह आसानी से नहीं हो पाया। छंटनी के तरीके को लेकर कई हलकों की ओर से टाइनी आउल निशाने पर आ गई।

सूत्रों के मुताबिक पुणे कार्यालय को छोड़कर कंपनी सभी शाखाओं पर अपने कर्मियों के साथ छंटनी की शर्तों पर वार्ता कर रही थी लेकिन अंत में किसी फॉर्मूले पर सहमति बनाने की सभी कोशिशों से उसने अचानक कदम पीछे खींच लिए।

नाम न छापने की शर्त पर गुडग़ांव के एक कर्मचारी ने बताया, ‘जब भी हम कंपनी से उसकी शर्तों के बारे में पूछते तो उधर से कोई जवाब नहीं मिलता। वे हमसे लगातार मुंबई आकर बात करने के लिए कहते रहे। लेकिन किन शर्तों पर ?’ हालांकि कंपनी के कुछ कर्मचारी अपना बकाया वसूलने को लेकर वकीलों से भी संपर्क करने का मन बना रहे हैं। इसमें ‘इस्तीफे के विकल्प’ को लेकर पेच फंसा है।

कुछ कर्मचारियों का कहना है कि कंपनी बेवजह के अवरोध पैदा कर बकाया देने से बचने की जुगत भिड़ा रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कंपनी छंटनी किए गए कर्मियों के लिए नौकरी तलाशने की कवायद कर रही है। इस पूरे मामले पर टिप्पणी के लिए टाइनी आउल से संपर्क नहीं किया जा सका।

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