गुजरात और मध्यप्रदेश के बीच जल विवाद की स्थिति नहीं है।

गुजरात और मध्यप्रदेश के बीच जल विवाद की स्थिति नहीं है।

भोपाल :(राजेश पाण्डेय)———–इस वर्ष अपर्याप्त मानसून से प्रभावित इंदिरा सागर जलाशय से निर्गमित जल की मात्रा पर गुजरात और मध्यप्रदेश के बीच विवाद की स्थिति नहीं है।

इंदिरा सागर जलाशय से वर्तमान में प्रतिदिन निर्गमित लगभग 14 एम.सी.एम. जल प्रदेश की विद्युत आवश्यकता और प्रदेश की सीमा में पेयजल, सिंचाई, निस्तार और पर्यावरणीय आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए निर्गमित किया जा रहा है।

गुजरात की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये गुजरात को सरदार सरोवर जलाशय में संग्रहीत (डेड स्टोरेज) जल का उपयोग करने की अनुमति विगत 9 फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण की बैठक में दी जा चुकी है।

इस प्रकार दोनों राज्यों में नर्मदा जल के आवश्यकतानुसार उपयोग पर किसी भी प्रकार की असंतुष्टि नहीं है।

नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष श्री रजनीश वैश ने बताया कि इंदिरा सागर द्वारा प्रतिदिन छोडे जा रहे जल में से लगभग 70 प्रतिशत जल का उपयोग मध्यप्रदेश की सीमा में ही पेयजल, सिंचाई, निस्तार आवश्यकताओं के लिये हो रहा है। इस जल से ओंकारेश्वर जलाशय के नीचे नर्मदा का प्रवाह और पर्यावरणीय आवश्यकताएँ भी संधारित हो रही हैं।

उल्लेखनीय है कि सरदार सरोवर का पिछला भाग मध्यप्रदेश की सीमा के अंदर महेश्वर तक पहुँचता है। मध्यप्रदेश द्वारा निर्गमित किये जा रहे जल का उपयोग ओंकारेश्वर और महेश्वर के बाद कई नगरों / कस्बों और ग्रामों की पेयजल और निस्तार आवश्यकताओं में हो रहा है।

इंदिरा सागर में संग्रहीत जल की गणना तथा मध्यप्रदेश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ही नियंत्रित रूप से जल की निकासी की जा रही है। वर्तमान में निर्गमित किया जा रहा जल गुजरात के अंश की पूर्ति नहीं है।

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