गिद्ध गणना-2015 :1698 गिद्ध : 289 प्रवासी और 17 पेरीग्रीन फाल्कन

गिद्ध गणना-2015 :1698 गिद्ध : 289 प्रवासी और 17 पेरीग्रीन फाल्कन

प्रदेश ही नहीं देश के लिये भी खुशखबर है। पन्ना टाइगर रिजर्व में गत 5 से 8 फरवरी, 2015 के दौरान हुई गिद्ध गणना में कुल 1698 गिद्ध मिले हैं, जिनमें 1268 स्थानीय, 289 प्रवासी और 17 पेरीग्रीन फाल्कन और 124 अन्य गिद्ध शामिल हैं। इस वर्ष पन्ना बफर के उड़ला क्षेत्र एवं दक्षिण पन्ना वन मण्डल के पवई क्षेत्र में भी पहली बाहर गिद्ध गणना की गई, जिसमें 295 गिद्ध मिले। गत वर्ष रिजर्व में गणना के दौरान मात्र 910 गिद्ध मिले थे, जिनमें 674 स्थानीय और 211 प्रवासी गिद्ध शामिल हैं। स्थानीय गिद्धों की संख्या में इस वर्ष करीब-करीब दुगनी वृद्धि हुई है। लांग बिल्ड वल्चर की संख्या भी इस वर्ष 484 से बढ़कर 1191 हो गई है और इनके 398 जीवित घोसले भी मिले हैं।

पवई में मिले 295 गिद्धimages

पन्ना वन मण्डल के पवई क्षेत्र में पहली बार हुई गणना में 295 गिद्ध मिले हैं, जिनमें 150 स्थानीय और 141 प्रवासी गिद्ध शामिल हैं। पवई में 62 लांग बिल्ड, 46 व्हाइट बैक्ड, एक इजिप्शियन, 41 रेड हेडेड, 69 यूरेशियन ग्रिफॉन, 12 हिमालियन ग्रिफॉन, 60 सिनेरस और 4 अन्य प्रजाति के गिद्ध शामिल हैं।

इसी तरह गणना में पाये गये कुल स्थानीय गिद्धों में इस बार 1191 लांग बिल्ड, 45 व्हाइट बैक्ड, 12 ईजिप्शियन और 20 रेड हेडेड गिद्ध मिले हैं। जबकि प्रवासी गिद्धों में 139 यूरेशियन ग्रिफॉन, 144 हिमालयन ग्रिफॉन, एक सिनेरस, 124 अन्य और 17 पेरीग्रीन फॉल्कन गिद्ध मिले हैं।

पहली बार हुई एस.ओ.पी. आधारित गणना

पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्ष 2010 से गिद्धों की गणना प्रतिवर्ष शीतकाल में की जा रही है। वर्ष 2011 से यह कार्यक्रम पी.पी.पी. पद्धति से हो रहा है। इस वर्ष गणना में अति विश्वसनीय पद्धति स्टेण्डर्ड ऑपरेशन प्रोसीजर (एसओपी) के तहत की गई। एकत्रित जानकारी की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिये जीपीएस का भी उपयोग किया गया। एसओपी के तहत सभी चयनित 28 गणना स्थल पर उनके भौगोलिक, स्थानीय, पर्यावरणीय आदि आधार पर अलग-अलग मानक तय कर गणना की गई। गणना में टेलिस्कोप का भी प्रयोग किया गया। गिद्धों की संख्या के साथ-साथ गिद्धों के घोसलों की भी गिनती एसओपी के माध्यम से इस वर्ष बेहतर ढंग से हुई। इस पूरी प्रक्रिया को विकसित करने में हैदराबाद के श्री अरुण वासि रेड्डी और श्री कीर्तिकुमार अनुमूला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

गणना में 12 राज्य के 68 पक्षी विशेषज्ञ ने की भागीदारी

गिद्ध गणना में देश के पक्षी विशेषज्ञों को शामिल किया जाता है। इस वर्ष 13 राज्य से कुल 127 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 12 राज्य के 68 प्रतिभागियों को और 12 स्थानीय गाइड को गणना में शामिल किया गया। प्रतिभागियों को गणना के पूर्व हिनौतिया और धुंधवा में प्रशिक्षण भी दिया गया।

सुनीता दुबे

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