गर्भ में भी मुझ पर लटक रही थी एक तलवार — नीतू रावल :: वक्त ये भी बदल जाएगा जनाब दिया आर्य

गर्भ में भी मुझ पर लटक रही थी एक तलवार — नीतू रावल  :: वक्त ये भी बदल जाएगा जनाब    दिया आर्य

गर्भ में भी मुझ पर लटक रही थी एक तलवार — नीतू रावल

गनी गांव, गरुड़
बागेश्वर, उत्तराखंड

गर्भ में भी मुझ पर लटक रही, थी एक तलवार।।
जन्म लिया धरती पर फिर भी, थी मैं हमेशा लाचार।।

मेरे आने की खबर सुनकर, बहुत दुखी था मेरा परिवार।।
मां पर उठ रहे थे कई सवाल, घर में हो गया था एक बवाल।।

बचपन जाने कहां खो गई, नहीं मिला कभी परिवार का प्यार।।
बरस रही थी मेरी आंखें, होता देख ये अत्याचार।।

देख कर ये भेदभाव, टूट रही थी मैं बार-बार।।
बेटा-बेटी है एक समान, हाय! कब समझेगा ये संसार।।

(चरखा फीचर)

—————————————————————-

वक्त ये भी बदल जाएगा जनाब—दिया आर्य

असों, कपकोट
बागेश्वर, उत्तराखंड

वक्त ये भी बदल जाएगा जनाब,
वक्त वो भी बदल गया था, वक्त ये भी बदल जाएगा ।

क्या हुआ जो आज टूटा है, कल फिर मुस्कुराएगा ।।
सब कुछ बदल जाता है आने वाले वक्त के साथ

कुछ सपने टूट जाते हैं, तो कुछ सपने रंग लाते हैं।
वक्त यह भी बदल जाएगा जनाब….।

कल तु खुश था अपनों के साथ, आज तु उलझा है
हर पल दुखी और परेशान है, क्यूं निराशा ने तुझे जकड़ा है

ये वक्त भी नहीं थम पाएगा
वक्त ये भी बदल जाएगा जनाब…।

जिंदगी तेरी कल्पना से भी खूबसूरत है।
अभी तो सफ़र शुरू हुआ है, रंग सुहाने भी है।

कभी-कभी लगता है, सब देख लिया जिंदगी में अब
लेकिन जिंदगी के सफर में कुछ देखा हुआ लौट कर नहीं आता।

फिर वक्त ये भी बदल जाएगा जनाब…।
दिल में आशा हो तो धड़कन संगीत और ना हो तो शोर।

सब कुछ वैसा नहीं होता, जैसा दिखता है चारो ओर।
तेरी नज़र में सब एक नहीं, तो सबकी नजर में तू कैसे ?

अब बात अपने दिल की तू सबको नहीं समझा पाएगा।
तेरा ये वक्त भी बदल जाएगा…।

मत सोच कि जिंदगी में कितने दर्द उठाये हैं तूने
ये सोच वो दर्द ना होते तो कुछ अपने ना मिले होते

हर दर्द से तू खुद उभर कर आया है, तूने खुद को मजबूत बनाया है।
खड़ा हो आइने के सामने और कह दे ये वक्त भी बदल जाएगा जनाब…।

(चरखा फीचर)

Related post

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

हमारे भारत में, लाखों लोग यहां रह रहे हैं, जिन्हें रहने का कोई अधिकार नहीं है

पीआईबी : (नई दिल्ली)  उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़  ने अवैध प्रवास पर गंभीर चिंता व्यक्त…
भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

भाषा मानवता को समझने का एक पासपोर्ट है- श्री टिम कर्टिस, निदेशक, यूनेस्को प्रतिनिधि

पीआईबी दिल्ली : इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) ने 21 और 22 फरवरी 2025 को…
रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

रक्षा मंत्रालय  के साथ ₹697.35 करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर

पीआईबी( दिल्ली) — रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के लिए 697.35…

Leave a Reply