• October 1, 2020

गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) प्रवासी मजदूर — छह राज्यों अर्थात बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश

गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) प्रवासी मजदूर — छह राज्यों अर्थात बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश

पीआईबी (नई दिल्ली) — गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) प्रवासी मजदूरों, जो छह राज्यों अर्थात बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांवों में लौटे हैं, को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मिशन मोड में कदम उठा रहा है। यह अभियान अब इन राज्यों के 116 जिलो में आजीविका अवसरों के साथ ग्रामीणों को सशक्त बना रहा है।

13वें सप्ताह तक अभियान के उद्देश्य को पूरा करने के लिए अभी तक लगभग कुल 30 करोड़ श्रम दिवस रोजगार उपलब्ध कराये गए एवं 27,003 करोड़ रुपये से अधिक व्यय किए गए हैं। 1,14,344 जल संरक्षण संरचनाओं, 3,65,075 ग्रामीण घरों, 27,446 पशु अहातों, 19,527 कृषि तालाबों, और 10,446 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों सहित बड़ी संख्या में संरचनाओं का निर्माण किया गया है। जिला खनिज निधियों के माध्यम से 6727 कार्य आरंभ किए गए हैं, 1,662 ग्राम पंचायतों को इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराये गये हैं, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कुल 17,508 कार्य आरंभ किए गए हैं और अभियान के दौरान कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से 54,455 प्रत्याशियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

अभी तक अभियान की सफलता 12 मंत्रालयों/विभागों एवं राज्य सरकारों के समन्वित प्रयासों के रूप में देखी जा सकती है जो प्रवासी मजदूरों एवं ग्रामीण समुदायों को लाभ की उच्चतर मात्रा उपलब्ध करा रही है।

जीकेआरए कोविड-19 महामारी के बाद अपने गावों में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों तथा इसी प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित नागरिकों के लिए रोजगार एवं आजीविका अवसरों को बढ़ावा देने के लिए आरंभ किया गया था। जिन लोगों ने वापस रहने का फैसला किया, उनके लिए रोजगारों तथा आजीविकाओं के लिए दीर्घकालिक पहल के लिए एक लंबी अवधि की कार्रवाई के लिए समुचित तैयारी कर ली गई है।

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply