• January 26, 2021

‘गणतंत्र दिवस-2021’ के अवसर पर ‘शौर्य पुरस्कार’ से सम्मानित विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रशंसा-पत्र —- राज्यपाल श्री फागू चौहान

‘गणतंत्र दिवस-2021’ के अवसर पर ‘शौर्य पुरस्कार’ से सम्मानित विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रशंसा-पत्र —- राज्यपाल श्री फागू  चौहान

राज्यपाल सचिवालय, बिहार
(जन-सम्पर्र्क शाखा)
मोबाईल-9431283596
राजभवन, पटना-800022
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पटना —महामहिम राज्यपाल श्री फागू चौहान ने 72वें गणतंत्र दिवस-समारोह-2021 के सु-अवसर पर स्थानीय गाँधी मैदान में पूर्वाह्न 09ः00 बजे राष्ट्रीय झंडोत्तोलन किया। राज्यपाल के गाँधी मैदान पहुँचने पर उन्हें राष्ट्रीय सलामी दी गई तथा बाद में राज्यपाल ने खुली जीप में परेड का निरीक्षण किया।

इस अवसर पर राष्ट्रीय धुन बजाई गई एवं राष्ट्रीय सलामी हुई। राज्यपाल ने ‘मार्च पास्ट’ की भी सलामी ली। राज्यपाल द्वारा ‘गणतंत्र दिवस-2021’ के अवसर पर ‘शौर्य पुरस्कार’ से सम्मानित विजेताओं को पुरस्कार एवं प्रशंसा-पत्र भी प्रदान किये गये। राज्यपाल ने विभिन्न सरकारी विभागों/संगठनों द्वारा निकाली गयी झाँकियों को भी अवलोकित किया।

राज्यपाल श्री चौहान ने ऐतिहासिक गाँधी मैदान में ‘गणतंत्र दिवस’ के अवसर पर राज्य की जनता को संबोधित करते हुए उन्हें ‘गणतंत्र दिवस’ की शुभकामनाएँ दी।

इस अवसर पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धान्त पर राज्य के हर क्षेत्र का विकास एवं हर तबके का उत्थान सरकार का मूल संकल्प है। बिहार में कानून का राज स्थापित रखना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। संगठित अपराध पर अंकुश लगाया गया है और यही व्यवस्था निरंतर जारी है। बिना किसी द्वेष या भेदभाव के कानून व्यवस्था को लागू किया गया है। राज्य में सामाजिक सौहार्द एवं साम्प्रदायिक सद्भाव का वातावरण कायम है। भ्रष्टाचार, आय से अधिक सम्पŸिा अथवा पदों के दुरूपयोग में संलिप्त भ्रष्ट लोक सेवकोें के विरूद्ध कठोर एवं प्रभावकारी कार्रवाई जारी है। क्राइम, करप्शन और कम्यूनलिजम के प्रति जीरो टाॅलरेन्स की नीति है।

राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि बिहार लोक सेवाओं का अधिकार कानून को लागू कर नागरिकों को विभिन्न लोक सेवाएँ एक नियत समय-सीमा के अंतर्गत उपलब्ध कराई जा रही हंै। बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम को लागू कर लोगों को उनके परिवाद पर सुनवाई के साथ-साथ नियत समय-सीमा में इसके निवारण का भी कानूनी अधिकार दिया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि गुजरा हुआ साल-2020 वैश्विक महामारी कोविड-19 से आक्रांत रहा और इसका प्रकोप अभी भी जारी है। पूरा देश और बिहार भी इससे काफी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस बीमारी की रोकथाम के लिए शुरू से सचेत रही हैै और लगातार इस पर काम कर रही है। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार द्वारा जारी लाॅकडाउन के दिशानिर्देशों को पूरी तरह लागू किया है। इस महामारी के दौरान राज्य सरकार द्वारा लोगों को राहत पहुँचाने के लिए सभी प्रकार के कदम उठाए गए हंै तथा इसके लिये 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक की राषि व्यय की जा चुकी है। केन्द्र सरकार से भी इसके लिए जरूरी मदद मिली है।

श्री चौहान ने कहा कि कोरोना बीमारी का सामना करते हुए सबको स्वस्थ रखने के लिए राज्य सरकार ने अथक प्रयास किया है। राज्य सरकार द्वारा इस बीमारी की रोकथाम के लिए जाँच की सुविधा एवं इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि अभी बिहार राज्य में प्रतिदिन लगभग 1 लाख जाँच की जा रही है। दिनांक 21.01.2021 तक के आँकड़ों के आधार पर प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 1 लाख 58 हजार 478 लोगों की जांच की गयी है जो राष्ट्रीय औसत से 20 हजार से भी अधिक है। बिहार में कोरोना से रिकवरी रेट 98.32 प्रतिशत है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है। कोविड-19 से मृत्यु का प्रतिशत जहाँ पूरे देश में 1.44 प्रतिशत है वहीं बिहार राज्य में यह 0.57 प्रतिशत है।

राज्यपाल ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों का परिणाम है कि बिहार में कोरोना का संक्रमण कुछ हद तक नियंत्रित है। राज्य में एक्टिव मरीजों की संख्या घटकर 2 हजार 900 रह गई है। राज्य में केन्द्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार प्रथम चरण के टीकाकरण का काम चल रहा है। राज्य सरकार का संकल्प है कि कोरोना से बचाव के लिए पूरे राज्य में इसका निःशुल्क टीकाकरण कराया जायेगा। राज्यपाल ने आगाह करते हुए कहा कि टीकाकरण आरंभ होने का यह मतलब कदापि नहीं है कि लोग सावधानी बरतना छोड़ दें। सभी लोगों को अभी भी पूरी तरह से सजग और सचेत रहना होगा और पूरे तौर पर सावधानी बरतनी होगी।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मानव संसाधन के विकास को दृष्टिगत कर शिक्षा पर शुरू से ध्यान केन्द्रित किया है। विद्यालय से वंचित वर्गों का दाखिला सुनिश्चित कराने एवं लड़के, लड़कियों के बीच शिक्षा के अंतर को दूर करने के लिए बहुआयामी रणनीति के तहत राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय खोले गये, कक्षाओं की संख्या बढ़ायी गयी, शिक्षकों की उपलब्धता एवं उपस्थिति सुनिश्चित की गयी और पोशाक, साईकिल, प्रोत्साहन एवं छात्रवृत्ति योजनाएं चलायी गयी हंै।

श्री चौहान ने कहा कि सभी पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालय की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। 5 हजार 82 पंचायतों में उच्च माध्यमिक विद्यालयों की स्थापना की जा चुकी है तथा शेष 3 हजार 304 पंचायतों में भी कक्षा 9 की पढ़ाई शुरू हो गई है।

राज्यपाल ने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु सरकार द्वारा कृषि रोड मैप बनाकर कई महत्वाकांक्षी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों की बदौलत कृषि एवं संबद्ध प्रक्षेत्रों में उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक वृद्धि एवं किसानों की आय में बढ़ोŸारी हुई है। साथ ही प्रत्येक भारतीय के थाल में बिहार का एक व्यंजन पहुँचाने के संकल्प को साकार करने में राज्य प्रयत्नशील है।

राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में व्यापक सुधार लाया गया है। बिजली के सभी क्षेत्रों में यथा उत्पादन, संचरण, वितरण की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। हर घर में बिजली पहंुचा दी गयी है।

राज्यपाल ने अपने संबोधन के क्रम में कहा कि राज्य सरकार ने उच्च विकास-दर को हासिल करने में समावेशी विकास के लक्ष्यों के साथ समझौता नहीं किया है। दलित-महादलित, आदिवासी, अतिपिछड़ा, अल्पसंख्यक तथा महिलाओं के लिए विशेष कल्याणकारी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। सरकार की रणनीति उन सभी नागरिकों को सशक्त बनाने की रही है, जो तुलनात्मक रूप से वंचित हैं और हाशिए पर हैं।

श्री चैहान ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण के प्रति संवेदनशील है और यह इसकी प्रमुख नीतियों का अभिन्न अंग है। सर्वप्रथम पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों तथा प्राथमिक षिक्षकों की नियुक्ति में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देकर महिला सषक्तीकरण की नींव रखी गई। राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।

‘जीविका’ के माध्यम से महिला-स्वयं-सहायता-समूहों के गठन सेे महिलाओं में आत्मविष्वास बढ़ा है। राज्य जीविका के अन्तर्गत लगभग 10 लाख से अधिक महिला स्वंय सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है तथा 1 करोड़ 20 लाख से अधिक परिवारों की महिलाएँ इससे जुड़ गई हैं।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार बिहार में उद्योगों के विकास के लिए तत्पर है। राज्य में औद्योगिक विकास एवं रोजगार के नये अवसर पैदा करने हेतु नयी संशोधित औद्योगिक प्रोत्साहन नीति, 2020 लागू की गयी है। साथ ही कृषि आधारित उद्योगों एवं काष्ठ आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देने हेतु नई नीति बनायी गयी है, जिसके तहत् औद्योगिक प्रोत्साहन नीति के अतिरिक्त कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान रखा गया है। राज्य सरकार के इन प्रयासों से प्राथमिक एवं अति प्राथमिक क्षेत्रों में नये उद्योग लगाने में सहायता मिलेगी।

राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते राष्ट्रव्यापी लाॅकडाउन के कारण अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में इच्छुक बिहारी श्रमिक बिहार वापस लौटे। अन्य राज्यों से वापस आये मजदूरों की स्किल मैपिंग की गई तथा इच्छुक लोगों को राज्य में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए अनेक कदम उठाये गये हैं। जिला औद्योगिक नवप्रवर्तन योजना के अन्तर्गत सभी जिलों में विभिन्न गतिविधियां प्रारंभ की गयी हैं।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण के संरक्षण के लिए पूरी तरह से कृतसंकल्पित है। पर्यावरण के संरक्षण के लिए ‘जल-जीवन-हरियाली’ अभियान के कार्यक्रमों को पूरी तरह से लागू किया जा रहा है। इस पर मिषन मोड में काम हो रहा है।

विकसित बिहार की परिकल्पना साकार करने के लिए राज्य सरकार के नये संकल्पों के बारे में बताते हुए राज्यपाल श्री चैहान ने कहा कि न्याय के साथ विकास के सिद्धान्त के प्रति अपनी प्रतिबद्धता कायम रखते हुए बिहार के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार ने ‘सुशासन के कार्यक्रम 2020-2025’ के तहत सात निश्चय-2 को संपूर्ण राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि विŸाीय वर्ष 2021-22 से इससे संबंधित योजनाओं का क्रियान्वयन प्रारंभ कर दिया जायेगा।

अपने संबोधन के दौरान राज्यपाल ने कहा कि सरकार की कामना है कि समाज में सद्भाव एवं भाईचारे का वातावरण कायम रहेे तथा पर्यावरण का संरक्षण हो और राज्य को कोरोना संक्रमण की महामारी से मुक्ति मिले। उन्होंने कहा कि सभी चुनौतियों के बावजूद, हमारा राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हमारा अतीत गौरवशाली और विरासत समृद्ध है। हम उसी ऊँचाई को फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। राज्यपाल श्री चौहान ने बिहारवासियों का आह््वान करते हुए कहा कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम सब यह संकल्प लें कि बिहार को राष्ट्र के मानचित्र पर एक आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए अपना सहयोग प्रदान करेंगे। राज्यपाल ने ‘गणतंत्र दिवस’ के अवसर पर सभी बिहारवासियों एवं भारतीयों को शुभकामनाएँ एवं बधाई दी। (‘गणतंत्र दिवस-2021’ के े मुख्य समारोह (गाँधी मैदान) मंेें हुए महामहिम राज्यपाल के संबोधने के े मूल पाठ की प्रति संलग्न)

‘गणतंत्र दिवस समारोह-2021’ में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, कृषि विभाग, उद्योग विभाग, बिहार शिक्षा परियोजना परिषद््, स्वास्थ्य विभाग, महिला विकास निगम एवं जीविका, सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग एवं पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग तथा जल संसाधन विभाग एवं लघु सिंचाई विभाग, बिहार के द्वारा झाँकियाँ प्रस्तुत की गईं।

‘गणतंत्र दिवस समारोह-2021’ में प्रदर्शित की गई झाँकियों में कृषि विभाग को प्रथम पुरस्कार, स्वास्थ्य विभाग को द्वितीय पुरस्कार एवं महिला विकास निगम व जीविका तथा जल संसाधन और लघु सिंचाई विभाग को तृृतीय पुरस्कार प्रदान किये जाने की घोषणा की गई। साथ ही बेस्ट पैरेड के लिए प्रोफेशनल गु्रप में बी॰आर॰सी॰ दानापुर एवं नन-प्रोफेशनल में एन॰सी॰सी॰ एयरविंग, बेस्ट टर्न आउट प्रोफेशनल ग्रुप में बिहार ए॰टी॰एस॰ तथा नन-प्रोफेशनल के लिए

एन॰सी॰सी॰ आर्मी गल्र्स, बेस्ट प्लाटून कमाण्डर प्रोफेशनल ग्रुप में सी॰आर॰पी॰एफ॰ एवं नन प्रोफेशनल में एन॰सी॰सी॰ आर्मी ब्वायज को भी पुरस्कार प्रदान किये जाने की भी घोषणा की गई।

संपर्क
सहायक सूचना निदेशक
बिहार सूचना केंद्र
नई दिल्ली

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