- March 10, 2018
गंगा और सिंध अध्यात्म की हमारी संस्कृति हैं -शिक्षा राज्य मंत्री
जयपुर——– शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा है कि नदियां केवल जलभर नहीं है बल्कि अध्यात्म की हमारी संस्कृति हैं।
उन्होंने गंगा और सिंध नदी को भारत की दो भुजाएं बताया तथा कहा कि इनकी पावनता से ही भारत भूमि आज संपन्न हैं।
श्री देवनानी आज वाराणसी में राष्ट्रीय सिंधी भाषा विकास परिषद्,नई दिल्ली और सिंधु विकास समिति द्वारा आयोजित संगोष्ठी ‘नमामि सिंधु, नमामि गंगे’ में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि सिंधु नदी ने जहा भारत को सभ्यता प्रदान की है तो गंगा ने हमारे देश को जीवन प्रदान किया है। उन्होंने गंगा को नदी नहीं बल्कि संस्कृति बताते हुए इसके संरक्षण और सदा स्वच्छ रखने के लिए वातावरण निर्माण किए जाने पर जोर दिया
शिक्षा राज्य मंत्री ने एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन की चर्चा करते हुए कहा कि गंगा कायाकल्प को केन्द्र सरकार अपने संकल्प से सिद्ध कर रही है। उन्होने नमामि गंगा कार्यक्रम को महत्वपूर्ण बताते हुए इसमें सभी के योगदान का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि सिंधु नदी ने भारतीय सभ्यता के विकास और भावनात्मक एकता का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
उन्होंने सिंधु नदी को प्राचीन भारतीय दर्शन की प्रतीक बताते हुए नदियों के संरक्षण पर जोर दिया। इससे पहले सिंधी भाषा विकास परिषद् के निदेशक श्री रवि टेकचंदानी ने ‘नमामि सिंधु, नमामि गंगे’ के तहत किए जा रहे शोध कार्यों के बारे मे जानकारी दी।