- December 9, 2021
खेलों की ओर अग्रसर होता स्वर्णिम मध्यप्रदेश
रोहित ओबेराइ —– खेलों का जीवन में शारीरिक, मानसिक संरचना व विकास के लिए खेलों का वातावरण जीवन में महत्वपूर्ण है। पूर्व काल में आधुनिक दौर जैसी सुविधाएं ना होने के बाद भी राजाओं-महाराजाओं के काल से ही खेल उत्सव वृहद रूप से आयोजित किये जाते थे।
खेलों से शारीरिक पुष्टता एवं मानसिक संरचना का व्यापक स्त्रोत केंद्र है। इससे शारीरिक दुर्बलता का नाश होकर प्रतिरोधक क्षमता का भार बढ़ता है जिसे WHO ने भी मान्यता दी है। पुराने खेलों पर नजर डाले तो तीरंदाजी, कुश्ती, कबड्डी, मलखंब जैसे अन्य क्षेत्रीय खेल रहे हैं जो पुरातन काल से चले आ रहे हैं। इनके माध्यम से सबका मनोरंजन भी किया जाता था।
वर्तमान में आधुनिक टेक्नोलॉजी, सर्वसुविधायुक्त व्यवस्थाएं खेलों को ओर भी मजबूत व सार्थकता की ओर अग्रसर कर रही है। आधुनिकता के इस दौर में खेलों में मशीनरियों व टेक्नोलॉजी की लगातार स्थापना हो रही है। विश्व के पटल पर भारत ने खेलों के माध्यम से विश्व परचम लहराया है जिससे भारत का कीर्तिमान विश्व पटल पर ऐतिहासिक रुप से अंकित है।
आज भारतवर्ष में खेलों को लेकर एक नवीन दौर प्रारंभ हो गया है। भारत देश मे लगभग सभी खेलों के विकसित रुप से खेल प्रांगण निर्मित हो चुके हैं। खेलों की प्रतिस्पर्धा को लेकर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के द्वारा नित नवीन स्पोर्ट्स एकेडमी निर्माण कर देश व खिलाड़ियों को गौरवान्वित किया है। आज हम विश्व पटल पर भारत देश के खिलाड़ियों के द्वारा उच्च शिखर पर जाने-माने जा रहे हैं।
खेल के बदलते इस दौर में टेक्नोलॉजी, योग, मनोस्थिरता व आत्मशक्ति का विशेष योगदान है। मशीनरी एवं टेक्नोलॉजी ने खेल में बारीकियों द्वारा ख़िलाडियों के आत्मबल को सुदृढ़ किया है।
इस कारण आज भारत में खेल अपने उच्चतम शिखर पर विराजमान है। शारीरिक पुष्टता व उत्तम स्वास्थ्य हेतु व्यक्ति का शिक्षा के क्षेत्र में सर्वांगीण विकास हुआ है। आज खिलाड़ी खेलों के साथ-साथ शिक्षा व तकनीकी शिक्षा के क्षेत्रों में भी विश्व पटल पर गौरवान्वित किया है।
मुझे ज्ञात है कि आज भी बहुत सी प्रतिभाएं हमारे ग्रामीण परिवेश में कहीं ना कहीं छुपी हुई हैं। अब समय है उन्हें निखार कर उच्च पटल पर लाने का। खिलाड़ियों को चिन्हित कर उन्हें उचित सुविधा एवं प्लेटफार्म उपलब्ध कराकर उनकी प्रतिभा के प्रदर्शन से प्रदेश व देश का मान बढाया जाए जिससे विश्व गुरु बनने में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन होगा।
विगत कुछ माह पहले मध्यप्रदेश के पन्ना जिले के जनवार ग्राम पंचायत में मध्यप्रदेश के ऊर्जावान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा जी के साथ प्रवास हुआ। उस ग्राम पंचायत में जनजाति बच्चों के द्वारा स्केटिंग खेल में जर्मनी में हुई प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल व अन्य कई मैडल मिले। जर्मनी की एक संस्था द्वारा स्केटिंग ट्रैक बनाकर दिया गया जिससे वहां के बच्चे स्केटिंग के क्षेत्र में कड़ी मेहनत व अभ्यास कर प्रदेश ही नहीं अपितु विश्व पटल पर भारत देश का नाम गौरवान्वित कर रहे हैं।
आज खेलों के क्षेत्र में राज्य सरकार व केंद्र सरकार कई योजनाओं के माध्यम से प्रोत्साहन कर रही है। कई अवार्ड दिए जा रहे हैं जो एक खिलाड़ी को अच्छा प्रयास करने हेतु प्रेरित करता है। मध्यप्रदेश ने विभिन्न खेलों में जैसे कयाकिंग, कैनोइंग, शूटिंग, सॉफ्ट टेनिस, कराटे , वुशु, तैराकी, क्रिकेट, घुड़सवारी, टेबल टेनिस, सेलिंग, हॉकी, शतरंज जैसे अन्य और भी खेलों में राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी दिए।
खेल और युवा कल्याण विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा चलाए जा रहे टैलेंट सर्च अभियान के माध्यम से कई उत्कृष्ट खिलाड़ियों को चिन्हित कर उचित अवसर व सुविधाएं दी जा रही हैं।
सरकार के द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन खिलाड़ियों को खेल अलंकृत कर एकलव्य पुरुस्कार, विक्रम अवार्ड, विश्वामित्र अवार्ड, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड जैसे पुरुस्कार से सम्मानित कर शासकीय सेवाओं में पद देकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के खेलों में उनकी सहभागिता को लेकर मध्यप्रदेश अछूता नहीं है। कई दिव्यांगजन युवा खिलाड़ियों को पुरस्कृत कर शासकीय सेवाओं में पद देकर सम्मानित किया है।
ओलंपिक, पैरा-ओलंपिक में मध्यप्रदेश के खिलाड़ी शामिल होकर विश्वपटल पर मध्यप्रदेश का नाम रोशन करने के साथ स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने में योगदान दे रहे हैं जो आने वाले मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा।
“खेलेंगे हम-खेलेगा मध्यप्रदेश और जीतेगा भारत” अभियान के तहत हम दृढ़ संकल्पित हैं मध्यप्रदेश को स्वर्णिम मध्यप्रदेश बनाने में।
लेखक-
श्रवण मिश्रा
प्रदेश संयोजक भाजपा खेल प्रकोष्ठ