- February 16, 2016
खुले में शौच करने वाले हितग्राही मूलक योजनाओं से वंचित होंगे- श्री गढ़पाले, कलेक्टर
सीधी (विजय सिंह)———– सीधी जिले को शौच मुक्त जिला बनाने के लिये प्रशासन कमर कस चुका है। खुले में शौच के दुष्परिणामों की जानकारी देने जहां एक ओर प्रेरकों की नियुक्ति की गई है वहीं दूसरी ओर कड़े कदम उठाने की चेतावनी भी दी जा रही है।
कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान उच्च प्राथमिकता का अभियान है और यह हमारे व्यक्तिगत जीवन से जुड़ा हुआ है। अभियान के अन्तर्गत शत- प्रतिशत घरों में शौचालय का निर्माण कर जिले को 31 मई तक खुले में शौचमुक्त घोषित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब तक प्रदेश में खुले में शौचमुक्त घोषित होने वाला इन्दौर जिला पहला जिला बन गया है। दूसरे जिले के तौर पर उज्जैन भी खुले में शौचमुक्त घोषित होने की अंतिम तैयारी में है। इसी श्रृंखला में सीधी जिले को खुले में शौचमुक्त घोषित करने का संकल्प लिया गया है। इसके लिए समस्त जनप्रतिनिधि, ग्रामीणजन एवं शासकीय अमला सहयोग करे और स्वप्रेरित होकर इस दिशा में सहयोग करे।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में शत प्रतिशत ग्रामीणों के घरों में शौचालय का निर्माण कराने के लिए तीन-तीन प्रेरकों की नियुक्ति की गई है। ये प्रेरक ग्रामीणों को जागरूक करके उनके घरों में न केवल शौचालय बनवायेंगे बल्कि उनके व्यवहार एवं आदतों में भी परिवर्तन कराएंगे और ग्राम पंचायत को खुले में शौचमुक्त घोषित कराएंगे। उन्होंने बताया कि शौचालय का निर्माण कराने के लिए प्रेरकों को मानदेय देने का निर्णय लिया गया उन्होंने कहा कि समस्त विभागों के अधिकारी अपने मैदानी अमले से अनिवार्य रूप से तय समयसीमा के अंदर अपने घरों में शौचालय का निर्माण कराएं। यदि कोई शासकीय अमले का व्यक्ति अपने घर में शौचालय नहीं बनवाता तो उसके विरूद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही जिला अधिकारी स्वयं करे।
कलेक्टर श्री गढ़पाले ने कहा कि आगामी 1 अप्रैल से यदि किसी व्यक्ति के घर में शौचालय नहीं होगा तो उसे किसी भी हितग्राहीमूलक योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा, उन्हें सभी लाभों से उसे वंचित कर दिया जाएगा। जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों से सस्ते खाद्यान्न का लाभ नहीं दिया जाएगा। उसे पेंशन, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, इंदिरा आवास योजना, कपिलधारा योजना, विधवा पेंशन एवं अन्य लाभ नहीं दिया जाएगा। इसी प्रकार स्वरोजगार योजना के अंतर्गत उसे ऋण सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि एक अप्रैल तक किसी विभाग के मैदानी अमले द्वारा शौचालय का निर्माण नहीं कराया जाता तो उसे अनिवार्य रूप से निलम्बित कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक स्कूल में और आदिवासी विकास विभाग के छात्रावासों में स्कूल शिक्षक प्रार्थना के समय छात्र-छात्राओं से 10 से 15 मिनट तक स्वच्छता के संबंध में बात करें और इसके लिए उन्हें जागरूक करें।
संवाददाता
सीधी (म०प्र०)