खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2015-16 में 339 लाख 51 हजार मीट्रिक टन

खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2015-16 में  339 लाख 51 हजार मीट्रिक टन

भोपाल ——————मध्यप्रदेश ने खाद्यान्न उत्पादन में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज करते हुए इस साल भी रिकार्ड बनाया है। गेहूँ, चावल, मोटे अनाज, दालों का उत्पादन बढ़ा है।

खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2015-16 में बढ़कर 339 लाख 51 हजार मीट्रिक टन हो गया है। यह वर्ष 2014-15 के मुकाबले 18.35 प्रतिशत तक बढ़ा है। वर्ष 2014-15 में खाद्यान्न उत्पादन 286 लाख 87 हजार मीट्रिक टन था। इसी प्रकार गेहूँ उत्पादन में वर्ष 2014-15 के मुकाबले इस साल 7.64 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।

वर्ष 2014-15 में गेहूँ का उत्पादन 171 लाख 03 हजार मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 184 लाख 10 हजार मीट्रिक टन हो गया है। चावल का उत्पादन भी 36 लाख 25 हजार मीट्रिक टन से बढ़कर 53 लाख 20 हजार मीट्रिक टन हो गया है।

किसानों की लगन और कृषि वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों और कृषि विभाग के मैदानी अमले के मिले-जुले प्रयास से यह उपलब्धि हासिल हुई है।

दलहन उत्पादन में सर्वोत्तम प्रदर्शन

दलहन उत्पादन में मध्यप्रदेश ने सर्वोत्तम प्रदर्शन किया है। वर्ष 2014-15 में दालों का उत्पादन 48 लाख 28 हजार मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 56 लाख 54 हजार मीट्रिक टन हो गया है। इस प्रकार पिछले साल के मुकाबले 17.11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।

मोटे अनाज का उत्पादन भी अप्रत्याशित रूप से बढ़ा है। वर्ष 2014-15 में मोटे अनाज का उत्पादन 31 लाख 29 हजार मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2015-16 में बढ़कर 45 लाख 67 हजार मीट्रिक टन हो गया है। इस प्रकार पिछली बार के मुकाबले 45.96 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

खाद्यान्न उत्पादकता बढ़ी

खेती करने की सर्वोत्तम विधियाँ अपनाने से खाद्यान्न उत्पादकता में भी बढ़ोतरी हुई है। अब यह बढ़कर 2183 किलो प्रति हेक्टेयर हो गई है। पिछली बार वर्ष 2014-15 में खाद्यान्न उत्पादकता 1856 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। इसी प्रकार गेहूँ की उत्पादकता बढ़कर 3115 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई है।

पिछले साल यह 2850 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। दालों की उत्पादकता में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। यह वर्ष 2015-16 में 980 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर हो गई है जो वर्ष 2014-15 में 876 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी। इस प्रकार 11.87 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।

45,003 करोड़ के कृषि ऋण

किसानों को बेहतर साख सुविधा देने के लिए उठाये गए कदमों के निरंतर अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। सहकारी बैंकों के माध्यम से वर्ष 2015-16 में 45003 करोड़ 25 लाख का सहकारी कृषि ऋण उपलब्ध करवाया गया, जो वर्ष 2014-15 में उपलब्ध करवाए गए कृषि ऋण 36583 करोड़ 18 लाख से 8420 करोड़ 07 लाख ज्यादा है।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर किसानों को कई प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इनमें सिंचाई, विद्युत, तकनीकी परामर्श, ब्याज रहित ऋण, मंडी प्रांगण में उपार्जन की ई-सुविधा मुख्य रूप से कृषि क्षेत्र में परिवर्तनकारी साबित हुई है।

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