खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाने का फैसला ऐतिहासिक – केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री

खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाने का फैसला ऐतिहासिक – केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री

जयपुर———— केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ फसलों का न्यूतनम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने पर फैसला ऐतिहासिक है।
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उन्होंने कहा कि अभी तक हमारी कृषि नीति उत्पादन बढ़ाने तक ही सीमित थी, लेकिन पहली बार किसान की आय बढ़ाने के लिए सरकार ने अहम कदम उठाए हैं।

श्री रूपाला गुरूवार को यहां राज्य कृषि प्रबंध संस्थान दुर्गापुरा में आयोजित पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट 2018-19 में घोषित खरीफ सीजन की 14 फसलों के एमएसपी को उत्पादन लागत के मुकाबले कम से कम डेढ़ गुना बढ़ाने की घोषणा को पूरा करना किसानों के प्रति प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

उन्होंने बताया कि उत्पादन लागत में किसान की मजदूरी, पशु श्रम, मशीन श्रम, भूमि का पट्टा किराया, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई लागत, अवमूल्यन एवं विविध कृषि खर्च और परिवार के सदस्यों के श्रम की लागत को शामिल किया गया था।

उन्होंने कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए वचनबद्ध है। इसके लिए किसानों को खेती का विविधीकरण और मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सिफारिशों के आधार पर उवर्रकों का उपयोग संतुलित मात्रा में करना होगा।

श्री रूपाला ने बताया कि राजस्थान के संदर्भ में यह वृद्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां खरीफ में 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बाजरा बोया जाता है। बाजरे के एमएसपी में 525 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है, जिससे लागत के मुकाबले रिटर्न में 96.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

पहले जहां बाजरे का समर्थन मूल्य 1425 रूपये था, जिसे बढ़ाकर 1950 रूपये किया गया है। इसके साथ ही राज्य में बहुतायत में बोई जानी वाली मूंग का न्यूतनम समर्थन मूल्य 6975 रूपये और ज्वार का 2430 रूपये किया गया है। इन फसलों के न्यूतनम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों की आय तो बढ़ेगी ही उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा।

कृषि राज्य मंत्री श्री रूपाला ने कृषि क्षेत्र में राज्य में हो रहे नवाचारों की प्रशंषा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे और कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी के प्रयासों से प्रदेश ने देश में विशिष्ट पहचान बनाई है। राज्य ने जैतून, खजूर, ड्रैगन फ्रूट, सहजना, किनवा, चीया सीड जैसी गैर परम्परागत फसलों का सफलतापूर्वक उत्पादन कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि यहां की ऑलिव टी की चर्चा तो लंदन से लेकर इजरायल तक होने लगी है।

कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि राजस्थान मरू प्रदेश है, जहां बाजरा, मूंग, ज्वार जैसी प्रमुख खरीफ फसलों की एमएसपी बढ़ाने से प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने राज्य में कृषि क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के बारे में भी जानकारी दी। इस अवसर पर सांसद श्री रामचरण बोहरा, यूथ बोर्ड अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र सैनी, विधायक श्री कैलाश चौधरी, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि एवं उद्यानिकी श्रीमती नीलकमल दरबारी, कृषि आयुक्त श्री विकास सीतारामजी भाले, कृषि विपणन विभाग के निदेशक श्री सूबेसिंह यादव, राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्द्धात्मक परियोजना के निदेशक श्री ओमप्रकाश सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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