कड़े संघर्ष से मिली स्वाधीनता हम सब के लिए अत्यन्त मूल्यवान और प्रेरणादायी है– मुख्यमंत्री योगी

कड़े  संघर्ष  से  मिली  स्वाधीनता हम  सब  के  लिए  अत्यन्त  मूल्यवान  और  प्रेरणादायी  है– मुख्यमंत्री  योगी

लखनऊ :——उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 72 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विधान भवन के मुख्य द्वार पर ध्वजारोहण करने के बाद उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कड़े संघर्ष से मिली स्वाधीनता हम सब के लिए अत्यन्त मूल्यवान और प्रेरणादायी है।

उन्होंने देश की स्वाधीनता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनके प्रयासों के चलते ही आज देश स्वतंत्र है। इन शहीदों ने समाज को नयी दिशा देते हुए देश को राजनैतिक रूप से एक सूत्र में पिरोने का अद्भुत काम किया। उन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए शहीद हुए वीरों को भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत दुनिया के प्राचीनतम राष्ट्रों में से एक है। इसकी परम्पराएं समृद्ध हैं। सबकुछ होने के बावजूद भारत क्यों गुलाम बना यह चिन्तन का विषय है। जिस राष्ट्र के पास सब कुछ रहा हो उसे अपनी आजादी क्यों गंवानी पड़ी इसका कोई न कोई कारण अवश्य रहा होगा, जिस पर मनन आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी देशवासियों को यह संकल्प लेना चाहिए कि अब हम देश में ऐसे कारण पनपने नहीं देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने ‘संकल्प से सिद्धि’का जो मंत्र हमें दिया है, वह देश को एकजुट बनाए रखने में प्रभावी सिद्ध होगा।

शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने नये भारत के निर्माण का संकल्प लिया है। उनका संकल्प है देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ अर्थात वर्ष 2022 तक एक नए, श्रेष्ठ, स्वच्छ और खुशहाल भारत का निर्माण किया जाए। इस ‘न्यू इण्डिया’ मंे गरीबी, शोषण, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नक्सलवाद, सम्प्रदायवाद, भाई-भतीजावाद तथा जातिवाद का कोई स्थान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में देश ने बड़ी-बड़ी चुनौतियों का सामना किया है। भारत ने गुलामी को कभी स्वीकार नहीं किया। सन 1857 में देश ने एकजुट होकर गुलामी के खिलाफ संकल्प लिया और हम कड़े संघर्ष के बाद स्वतंत्र हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का दिन हमें स्वतंत्रता की मूल भावना को समझने का अवसर भी देता है। स्वाधीनता का अर्थ राजनीतिक स्वतंत्रता नहीं हो सकता, स्वच्छंदता भी नहीं हो सकता। स्वाधीनता का अर्थ केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता नहीं हो सकता। स्वतंत्रता का तात्पर्य उत्तरदायित्वों के भली-भांति निर्वाह से होता है। देश के अन्तिम व्यक्ति की खुशहाली से है।

स्वतंत्र भारत के सभी नागरिकों तक विकास का लाभ पहुंचे और गरीबों के जीवन पर इसका व्यापक असर दिखे, तभी हमारी स्वतंत्रता सही मानों में सफल होगी। आजादी के 71 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी अभी बहुत कुछ करना बाकी है। देश के विकास और समृद्धि का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। इसलिए इस प्रदेश को देश की खुशहाली में महत्वपूर्ण योगदान देना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सन 1857 में हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की अगुवाई उत्तर प्रदेश ने की थी। देश की स्वतंत्रता के लिए समाज के सभी वर्गों ने एकजुट होकर संघर्ष किया था। आज हमें एकजुट होकर व्यक्तिगत स्वार्थों से ऊपर उठकर प्रदेश को विकसित राज्य बनाना है, ताकि उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो सके। उन्होंने प्रदेशवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य के विकास में सभी योगदान दें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के वंचित और उपेक्षित वर्गों को विकास की मुख्य धारा में लाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। विगत कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश में कई नए कार्य हुए हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 8.85 लाख आवास तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 4.38 लाख आवास आवंटित कर उत्तर प्रदेश ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के सर पर छत नहीं थी, उनको प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास दिया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से 87 लाख गरीब महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन तथा, स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 1.03 लाख व्यक्तिगत ‘इज्जत घर’ का निर्माण कराया गया। इस प्रकार शौचालय उपलब्ध कराने में भी प्रदेश ने अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन में उत्तर प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। प्रदेश ने गन्ना उत्पादन, अन्य खाद्यान्न उत्पादन में भी महत्वपूर्ण बढ़त ली है। राज्य की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में सुरक्षा व प्रशासनिक अमले में आमूल-चूल परिवर्तन की वजह से निवेश के लिए सकारात्मक माहौल बन चुका है। इसी क्रम में 21-22 फरवरी,
2018 को ‘उत्तर प्रदेश इन्वेस्टर्स समिट-2018’ का सफल आयोजन किया गया। अब तक 04 लाख 68 हजार करोड़ रुपए के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। राज्य सरकार की मेहनत के परिणाम स्वरूप 05 माह के अन्दर ही इनमें से 60 हजार करोड़ रुपए के 81 निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता प्राप्त हुई। पिछले माह सम्पन्न ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी के अवसर पर प्रधानमंत्री जी द्वारा इन परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारे जनपदों की पहचान उनके परम्परागत उत्पाद हैं। समस्त जनपदों के परम्परागत विशिष्ट उत्पादों की ब्राण्डिंग कर उनको बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना लागू की है। योजना के माध्यम से अगले पांच वर्षों में 25 लाख रोजगार का सृजन कर युवाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 10 अगस्त, 2018 को लखनऊ में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ समिट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के 4095 लाभार्थियों के मध्य एक ही दिन लघु उद्योगों के लिए 1006 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण का एक साथ वितरण किया गया, जो एक ऐतिहासिक क्षण था। इसके अलावा, प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए 100 करोड़ रुपए के बजट प्राविधान से ‘मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना’ लागू की गई है।

राज्य सरकार लोगों को स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री जी ने समाज के वंचित, पिछड़े एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘आयुष्मान भारत’ योजना प्रारम्भ की है। चिन्हित परिवारों को 05 लाख रुपये प्रति परिवार, प्रतिवर्ष निःशुल्क चिकित्सा बीमा सुविधा सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों के माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना के लागू हो जाने से प्रदेश के लगभग 06 करोड़ गरीब लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल सकेगा।

प्रदेश सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास एवं आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति के कल्याण तथा मुख्य धारा में उसकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। विकास अब कुछ खास स्थानों पर ही कैद नहीं हैं। बड़े पैमाने पर सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त किया गया है। लगभग 10 हजार 500 किमी0 लम्बे राजमार्ग उत्तर प्रदेश में बन रहे हैं। सरकार द्वारा प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं तथा वीर सेनानियों के नाम पर गौरव पथ का निर्माण की कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। बड़े पैमाने पर युवाओं को सेवायोजित भी किया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करके उत्तर प्रदेश दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकता है। सरकार के सभी विभागों ने अच्छा काम किया है, लेकिन अभी काफी काम बाकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर दो वर्ष के लिए वृहद कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत अनेक कार्यक्रम राज्य में आयोजित किए जाएंगे। गांधी जी को स्वच्छता बहुत प्रिय थी। ऐसे में, हम सभी को अपने प्रदेश को स्वच्छ बनाने का संकल्प लेना चाहिए। उत्तर प्रदेश खुले में शौच मुक्त (ओ0डी0एफ0) होने की दिशा में अग्रसर है। वर्ष 2022 तक हर नागरिक को छत मुहैया कराने का संकल्प लिया गया है। प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनसमुदाय का आह्वान करते हुए कहा कि सभी लोग ‘न्यू इण्डिया’ के निर्माण में अपना योगदान दे। इस ‘न्यू इण्डिया’ में आतंकवाद, नक्सलवाद, भ्रष्टाचार, जातिवाद, ऊंच-नीच की कोई जगह नहीं होगी।

उन्होंने ‘आयुष्मान भारत’ के सफल क्रियान्वयन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि बहुत से गरीब परिवारों को इसकी आवश्यकता है, जो लोग सक्षम हैं वे गरीबों के पक्ष में इस योजना के लाभों को छोड़ें। इसी प्रकार उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण तथा शहरी) का लाभ भी गरीबों को दिए जाने की अपील की। उन्होंने कहा कि जिनके पास आवास हैं, वे गरीबों के पक्ष में वे इस योजना का लाभ न लें, ताकि गरीबों को आवास मिल सकें।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश पुलिस के उन शहीदों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि भी अर्पित की जिन्होंने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन शहीदों के परिजनों के साथ खड़ी है। उन्होंने आपदा राहत में लगे एन0डी0आर0एफ0 और एस0डी0आर0एफ0 के जवानों की भी प्रशंसा की।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य, डाॅ दिनेश शर्मा सहित राज्य सरकार के अनेक मंत्रिगण, जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण, मीडिया प्रतिनिधि तथा अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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