कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण योजना की बाधाओं के लिये विशेष प्रकोष्ठ

कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण योजना की बाधाओं  के लिये विशेष प्रकोष्ठ

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं प्रशिक्षण योजना में आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए विशेष प्रकोष्ठ स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इस योजना के अंतर्गत प्रशिक्षित अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को विभिन्न संस्थानों में नियुक्ति-पत्र प्रदान करने के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर ए.पी.जे.अब्दुल कलाम को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की और इसे डॉक्टर कलाम की स्मृति को समर्पित किया। कार्यक्रम के दौरान सभी औपचारिकताओं को निरस्त कर दिया गया। विद्यार्थियों, प्रशिक्षित युवाओं और अतिथियों ने भरे मन से डॉक्टर कलाम को याद किया और श्रद्धांजलि दी। CM-ST-ST-Students

मुख्यमंत्री ने डॉक्टर कलाम को सच्चे अर्थो में भारत का रत्न बताते हुए कहा कि वे भारत के सच्चे सपूत थे। आने वाली पीढ़ियों को मुश्किल से विश्वास होगा कि उनके जैसा व्यक्तित्व धरती पर चलता-फिरता था। वे व्यक्ति नहीं एक सम्पूर्ण संस्था थे। उनकी प्रेरणादायी जीवनी स्कूल पाठ्यक्रम में पढ़ाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने डॉ. कलाम के ऊर्जावान वचनों का उल्लेख करते हुए कहा कि वे कहते थे- हमेशा लगन से काम करो। बाधाएँ क्षणिक हैं। संकल्प के आगे टिक नहीं सकती।

श्री चौहान ने प्रशिक्षण के बाद रोजगार में लग रहे युवाओं से कहा कि वे सुविधाओं और पैसों के अभाव में पीछे नहीं रहे। अपने काम को रचनात्मक तरीके से करें। सरकार ने आगे बढ़ने के लिए सभी सुविधाएँ जुटाई हैं। उन्होंने डॉ. कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि व्यक्ति पैसों से नहीं अपने कर्मों से महान बनता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि कौशल विकास प्रशिक्षण योजना में और सुधार किया जायेगा। अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के युवाओं के लिये शुरू की गई आर्थिक और शैक्षणिक विकास की योजनाओं की चर्चा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि निजी शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षणिक फीस राज्य सरकार भरेगी। स्वरोजगार शुरू करने के लिये बैंक लोन की गारंटी सरकार लेगी। गाँवों से शहरों में पढ़ने आने वाले बच्चों को पढाई के लिये किराये से कमरा लेने पर कमरे का किराया भी सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज के लिये हॉस्टल बनाने, छात्रावासों में सीटों की संख्या बढ़ाने, उच्च-स्तरीय पढ़ाई के लिये विदेशी संस्थानों में भेजने जैसे कई कदम उठाये गये हैं। बेटियों के लिये शिक्षकों, पुलिस की नौकरियों में आरक्षण दिया गया है। उन्होंने युवाओं का आव्हान किया कि वे ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा और लगन के साथ आगे बढ़ें। क्षमता, प्रतिभा, हुनर और ज्ञान के आधार पर बड़ी से बड़ी बाधाएँ पार की जा सकती हैं।

अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह आर्य ने कहा कि ऐसे प्रयास निरंतर जारी रहेंगे। प्रशिक्षण में कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने संभाग स्तर पर कौशल उन्नयन कार्यक्रम के संचालन की भी चर्चा की।

प्रमुख सचिव अनुसूचित जनजाति कल्याण श्री अशोक शाह ने बताया कि अब तक 5000 युवा को प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार दिया गया है। प्रशिक्षित युवा श्री हरि दास अहिरवार, श्री योगेश दोहरे, सुश्री रूबी मेहरा, सुश्री साधना जायसवाल और सुश्री जयश्री सोलंकी ने डॉक्टर कलाम को याद किया और मुख्यमंत्री को प्रशिक्षण सत्र के अनुभव सुनाये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कौशल विकास योजना में प्रशिक्षण के बाद विभिन्न संस्थाओं में रोजगार प्राप्त करने वाले 30 युवाओं को नियुक्ति प्रमाण-पत्र प्रदान किये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव जनजाति कल्याण श्री बी.आर. नायडू, आयुक्त अनुसूचित जनजाति श्रीमती वीणा घाणेकर, आयुक्त अनुसूचित जाति कल्याण श्री जे.एल. मालपानी उपस्थित थे।

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