• April 16, 2021

कोविड-19 टीका —तीन दिन में आवेदन मंजूर या खारिज :: टीके के क्लिनिकल परीक्षण की प्रक्रिया सात कार्यदिवस में मंजूरी —सीडीएससीओ

कोविड-19 टीका —तीन दिन में आवेदन  मंजूर या खारिज :: टीके के क्लिनिकल परीक्षण की प्रक्रिया  सात कार्यदिवस में मंजूरी  —सीडीएससीओ

बिजनेस स्टैंडर्ड ——– कोविड-19 टीका बनाने वाली कोई विदेशी कंपनी भारत में अपने टीके के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगेगी तो उसकी अर्जी पर फैसला तीन कामकाजी दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार ने कहा कि नियामक तीन दिन में आवेदन को मंजूर या खारिज कर देगा।

यह निर्णय दुनिया भर में विश्वसनीय नियामकों से मंजूरी पा चुके कोविड-19 टीकों को देश में लाने की प्रक्रिया तेज करने की कोशिश के तहत किया गया है। इसके लिए केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) समयबद्घ तरीके से काम करेगा। उदाहरण के लिए मंजूरी मिलने के तीन कार्यदिवस के भीतर आयात का लाइसेंस तैयार कर दिया जाएगा और पंजीकरण प्रमाणपत्र भी बना दिए जाएंगे। देश में उस टीके के क्लिनिकल परीक्षण की प्रक्रिया को भी सात कार्यदिवस में मंजूरी दे दी जाएगी।

लेकिन सूत्रों ने संकेत दिया कि विदेशी टीके को भारतीय बाजार में प्रवेश की अनुमति देने से पहले स्वास्थ्य मंत्रालय उसके साथ कीमत पर मोलभाव कर सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया, ‘सरकार देश में कोविड टीके की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई तरह के कोविड-19 टीके लाना चाहती है। लेकिन कीमत जरूरी मसला है और केंद्र उस पर कंपनियों के साथ बात करेगा।’ सूत्र ने यह भी बताया कि टीकों को भविष्य में खुले बाजार में बिक्री की वाणिज्यिक मंजूरी मिलने के बाद भी मूल्य निर्धारण नियामक बारीकी से उनकी कीमत पर नजर रख सकता है।

एक अन्य सूत्र ने दावा किया कि फाइजर और जॉनसन ऐंड जॉनसन ने अपने टीकों के लिए सरकार से बातचीत शुरू कर दी है। हालांकि इस बारे में पूछे जाने पर दोनों कंपनियों ने कोई जवाब नहीं दिया। पता चला है कि अमेरिका की दवा कंपनी मॉडर्ना भारत में अपना टीका लाने के लिए टाटा समूह के साथ बात कर रही है।

उधर जॉनसन ऐंड जॉनसन के एक खुराक वाले टीके को अमेरिका में तगड़ा झटका लगा है क्योंकि यह टीका लगाने के बाद कुछ लोगों में खून के थक्के जमने की शिकायत के बाद अमेरिकी औषधि नियामक ने टीके के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। ऐसे में तकनीकी तौर पर यह टीका भारतीय पैमानों के हिसाब से मंजूरी के लायक नहीं है।

सीडीएससीओ ने व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। यदि किसी विदेशी टीका कंपनी को अपना कोविड-19 टीका भारत लाना है तो उसे उन दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। दिशानिर्देशों के मुताबिक कोई भी विदेशी टीका कंपनी अपने कोविड-19 टीके के ‘आपात स्थिति में सीमित इस्तेमाल’ की मंजूरी हासिल करने के लिए अपनी भारतीय सहयोगी इकाई या अधिकृत एजेंटों के जरिये सीडीएससीओ के पास आवेदन कर सकती है।

भारत के औषध महानियंत्रक (डीसीजीआई) आवेदन पर विचार करेंगे और तीन कार्यदिवस के भीतर निर्णय ले लिया जाएगा।

टीके का उपयोग राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम के दिशानिर्देशों के अनुरूप किया जाएगा। टीका लगवाने वाले पहले 100 व्यक्तियों को सात दिन तक निगरानी में रखा जाएगा। कोई दुष्प्रभाव नहीं दिखा तो टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लिया जाएगा। आवेदक को मंजूरी मिलने के 30 दिन के अंदर भारतीय वॉलंटियरों पर क्लीनिकल अध्ययन शुरू करना होगा। सीडीएससीओ ऐसे क्लीनिकल परीक्षण के आवेदन को सात दिन के अंदर मंजूरी देगा।

देश में विदेशी टीका जल्दी लाने के लिए सीडीएससीओ ऐसे टीकों के पंजीकरण प्रमाणपत्र और आयात लाइसेंस का काम मंजूरी मिलने के तीन दिन के भीतर पूरा कर देगा। लेकिन औषध नियामक ने भी कुछ शर्तें रख दी हैं। उदाहरण के लिए राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम में उपयोग होने वाले टीके के हरेक बैच को पहले मंजूरी के लिए कसौली स्थित केंद्रीय औषध प्रयोगशाला में भेजा जाएगा। प्रयोगशाला से मंजूरी मिलने के बाद टीका लेने वाले 100 व्यक्तियों का सुरक्षा संबंधी ब्योरा सीडीएससीओ को सौंपने होंगे। क्लीनिकल परीक्षण के नतीजे प्राप्त होने के बाद डीसीजीआई सीमित आपात उपयोग की मंजूरी पर विचार करेगा।

Related post

धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी  : मुख्यमंत्री महोदय का  पत्र सलग्न :

धोखाधड़ी, जालसाजी व जान से मारने की धमकी : मुख्यमंत्री महोदय का पत्र सलग्न :

रमाकांत उपाध्याय (आरा )—– प्रार्थी के जमीन के साथ हुई कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी, जालसाजी…
क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

क्या भारत एक स्वस्थ युवाओं का देश भी है?

डॉक्टर नीलम महेंद्र : वर्तमान  भारत जिसके विषय में हम गर्व से कहते हैं कि यह…
नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

नेहरू से हमें जो सीखना चाहिए

कल्पना पांडे————-इतने सालों बाद हमे शर्म से ये स्वीकार कर लेना चाहिए कि धार्मिक आडंबरों, पाखंड…

Leave a Reply